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सरकारी अस्पताल में अब वर्दी में दिखेंगे स्वास्थ्य कर्मचारी, एंट्रेंस पर मिलेगा स्ट्रेचर और व्हीलचेयर - सरकारी अस्पताल में बावर्दी स्वास्थ्यकर्मी

वाराणसी के सभी सरकारी अस्पतालों के आपात कक्ष के प्रवेशद्वार पर ही व्हीलचेयर व स्ट्रेचर के साथ स्वास्थ्यकर्मी बावर्दी तैनात मिलेंगे. सीएमओ ने जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था लागू की है.

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सरकारी अस्पताल में अब बावर्दी मिलेंगे स्वास्थ्यकर्मी
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Published : Oct 28, 2022, 9:03 AM IST

वाराणसी: चिकित्सकीय सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए हर दिन प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में वाराणसी जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों के आपात कक्ष प्रवेशद्वार पर व्हीलचेयर व स्ट्रेचर के साथ स्वास्थ्यकर्मी बावर्दी तैनात मिलेंगे. वो मरीज और चिकित्साकर्मियों के बीच एक पुल का भी काम करेंगे. इस बारे में सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने गुरुवार को समस्त ब्लाक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अधीक्षकों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक निर्देश दिये.


सीएमओ ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था लागू की जा रही है. जिसके तहत समस्त सरकारी अस्पतालों के आपात चिकित्सा कक्ष के प्रवेश द्वार पर एक स्वास्थ्यकर्मी को बावर्दी तैनात रहने के लिए कहा गया है. व्हीलचेयर, स्ट्रेचर के साथ मौजूद स्वास्थ्यकर्मी वहां आने वाली मरीज और उसके परिजनों के लिए अस्पताल की ओर से एक सम्पर्क व्यक्ति के रूप में फौरन सहायता करेगा. मरीज व उसके तीमारदार से संपर्क स्थापित कर आकस्मिक कक्ष में तैनात चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ को इस बारे में सूचित कर मरीज को त्वरित चिकित्सा सुविधा दिलवाने में मदद करेगा.

उन्होंने बताया कि, समस्त सरकारी चिकित्सालयों में रजिस्ट्रेशन काउन्टर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये हैं. जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों विशिष्ट वर्ग के मरीजों जैसे गर्भवती महिलाएं और आयुष्मान भारत के कार्डधारकों के लिए अलग काउन्टर बनाने को कहा गया है. जिससे सम्बन्धित मरीजों को सुगमता से ओपीडी पर्चा प्राप्त हो सके.

इसे भी पढ़े-सरकारी अस्पतालों में बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ी, इन बातों का रखें ख्याल

सीएमओ ने बताया कि जनपद के 4-5 स्वास्थ्य केंद्रों में पी.एच.सी.,सी.एच.सी.,आयुष्मान भारत वेलनेस सेन्टर इत्यादि का अब नियमित निरीक्षण होगा.यह निरीक्षण वह खुद तो करेंगे ही, उनके अलावा जनपद स्तरीय चिकित्सा अधिकारी किसी भी स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण करेंगे. स्थलीय निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने एवं निरीक्षण में पायी गयी कमियों का तत्काल निराकरण कराने का प्रयास किया जायेगा.

ताकि आनेवाले जन सामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करायी जा सके. निरीक्षण में चिकित्सकों, पैरामेडिकल और अन्य कर्मियों की उपलब्धता, समय से उपस्थिति और ड्यूटी रोस्टर एवं चिकित्सालय, स्वास्थ्य केन्द्रों के दीवार पर चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ के नाम और मोबाईल नं की पेन्टिंग किया जाना, औषधियों एवं ए.आर.वी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता, मरीजों एवं उनके तीमारदारों हेतु शुद्ध एवं शीतल पेयजल की व्यवस्था, चिकित्सा परिसर में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था, मरीजों हेतु स्ट्रेचर, व्हील चेयर की उपलब्धता, चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता. अंतः रोगी भर्ती की स्थिति जैसे बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.

सीएमओ ने बताया कि मरीजों के डिस्चार्ज और पैथालॉजी पर्चे पर अब मरीजों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की जायेगी. इसके लिए इन पर्चो पर नीचे ‘ हम आपके शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं. ’ वाक्य दर्ज होगा.

यह भी पढ़े-सरकारी अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने तीमारदारों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

वाराणसी: चिकित्सकीय सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए हर दिन प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में वाराणसी जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों के आपात कक्ष प्रवेशद्वार पर व्हीलचेयर व स्ट्रेचर के साथ स्वास्थ्यकर्मी बावर्दी तैनात मिलेंगे. वो मरीज और चिकित्साकर्मियों के बीच एक पुल का भी काम करेंगे. इस बारे में सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने गुरुवार को समस्त ब्लाक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अधीक्षकों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक निर्देश दिये.


सीएमओ ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था लागू की जा रही है. जिसके तहत समस्त सरकारी अस्पतालों के आपात चिकित्सा कक्ष के प्रवेश द्वार पर एक स्वास्थ्यकर्मी को बावर्दी तैनात रहने के लिए कहा गया है. व्हीलचेयर, स्ट्रेचर के साथ मौजूद स्वास्थ्यकर्मी वहां आने वाली मरीज और उसके परिजनों के लिए अस्पताल की ओर से एक सम्पर्क व्यक्ति के रूप में फौरन सहायता करेगा. मरीज व उसके तीमारदार से संपर्क स्थापित कर आकस्मिक कक्ष में तैनात चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ को इस बारे में सूचित कर मरीज को त्वरित चिकित्सा सुविधा दिलवाने में मदद करेगा.

उन्होंने बताया कि, समस्त सरकारी चिकित्सालयों में रजिस्ट्रेशन काउन्टर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये हैं. जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों विशिष्ट वर्ग के मरीजों जैसे गर्भवती महिलाएं और आयुष्मान भारत के कार्डधारकों के लिए अलग काउन्टर बनाने को कहा गया है. जिससे सम्बन्धित मरीजों को सुगमता से ओपीडी पर्चा प्राप्त हो सके.

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सीएमओ ने बताया कि जनपद के 4-5 स्वास्थ्य केंद्रों में पी.एच.सी.,सी.एच.सी.,आयुष्मान भारत वेलनेस सेन्टर इत्यादि का अब नियमित निरीक्षण होगा.यह निरीक्षण वह खुद तो करेंगे ही, उनके अलावा जनपद स्तरीय चिकित्सा अधिकारी किसी भी स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण करेंगे. स्थलीय निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने एवं निरीक्षण में पायी गयी कमियों का तत्काल निराकरण कराने का प्रयास किया जायेगा.

ताकि आनेवाले जन सामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करायी जा सके. निरीक्षण में चिकित्सकों, पैरामेडिकल और अन्य कर्मियों की उपलब्धता, समय से उपस्थिति और ड्यूटी रोस्टर एवं चिकित्सालय, स्वास्थ्य केन्द्रों के दीवार पर चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ के नाम और मोबाईल नं की पेन्टिंग किया जाना, औषधियों एवं ए.आर.वी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता, मरीजों एवं उनके तीमारदारों हेतु शुद्ध एवं शीतल पेयजल की व्यवस्था, चिकित्सा परिसर में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था, मरीजों हेतु स्ट्रेचर, व्हील चेयर की उपलब्धता, चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता. अंतः रोगी भर्ती की स्थिति जैसे बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.

सीएमओ ने बताया कि मरीजों के डिस्चार्ज और पैथालॉजी पर्चे पर अब मरीजों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की जायेगी. इसके लिए इन पर्चो पर नीचे ‘ हम आपके शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं. ’ वाक्य दर्ज होगा.

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