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इस मुस्लमान ने तोड़ी मजबह की दीवार, गंगा की मिट्टी से कपड़े पर लिखी गीता, हनुमान चालीसा और कुरान

वाराणसी के हाजी इरशाद अली (Haji Irshad Ali of Varanasi) ने श्रीमद्भागवत गीता, हनुमान चालिसा, कुरान और राष्ट्रगान को मिट्टी से कपड़ों पर लिखा है. जिसे वह देश के प्रधानमंत्री वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेंट करना चाहते हैं.

हाजी इरशाद अली
हाजी इरशाद अली
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Published : Feb 9, 2023, 10:52 PM IST

मिट्टी से कपड़े पर लिखे ग्रंथ के बारे में हाजी इरशाद अली ने बताया.

वाराणसी: काशी का नाम आते ही महादेव जरूर याद आ आते हैं. महादेव की तरह यहां के लोग भी दिल के साफ और गंगा-जमुनी तहजीब को मानने वाले हैं. इसी वजह से एक हाजी ने पहले कपड़े पर मिट्टी से कुरान लिख डाली. वहीं, एक पंडित की मदद लेकर हाजी ने वैसा ही प्रयोग करते हुए कपड़े पर श्रीमद्भागवत गीता लिख दिया है. इसी से पता चलता है हमारा देश कितना खूबसूरत है.

दरअसल, हाजी इरशाद अली के पिता भी मिट्टी से कपड़ों पर लिखा करते थे. उसी परंपरा को उन्होंने आगे बढ़ाया है. उन्होंने बताया कि जब किसी की मौत हो जाती थी तो मेरे पिता और चाचा कपड़े के ऊपर श्लोक लिखा करते थे. वे लोग 1992 से यह काम करते आ रहे हैं. इसको हम शादतेन कहते हैं. श्लोक अरबी का था. आज हम लोग लिखते हैं. उन्होंने बताया कि उनके बच्चों ने कहा कि ये हुनर दादाजी के बाद आप तक ही रह जाएगा. ज्यादा से ज्यादा खानदान के ही लोग जानेंगे. कुछ ऐसा कीजिए कि आपको दुनिया याद करें.

हाजी इरशाद अली ने बताया कि बच्चों की सलाह के बाद उन्होंने कपड़े पर कुरान को लिखना शुरू किया. उन्होंने बताया कि करीब दो से ढाई साल तक कोशिश की. इसके बाद फिर साढ़े चार साल बाद कपड़े पर कुरान को लिख कर पूरी भी कर लिया. उन्होंने बताया कि उसमें मिट्टी, जाफरान और जमजम का पानी है. उन्होंने कहा कि काफी दिनों से हमारी तमन्ना थी कि हम मक्का के म्यूजियम में यह कुरान डोनेट करें. साथ ही उन्होंने कहा कि ईरानी सरकार या अंबेसडर के माध्यम से वह इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे.

हाजी
हाजी इरशाद अली ने मिट्टी से कपड़े पर कुरान को लिखा.



कपड़े पर लिखी मिट्टी से गीता- हाजी इरशाद अली ने बताया कि उनका मकान मंदिरों से घिरा हुआ है. वह अकेले यहां पर मुस्लिम हैं. उन्होंने बताया कि उनके आसपास के पंडित उनके पास आते थे. उनसे हमने एक दिन कहा कि हमारी हिंदी की राइटिंग अच्छी है. अगर आप कहें तो मैं गीता लिख दूं. इसके बाद पंडित ने उन्हें गीता की किताब दी. साथ ही पंडित ने पूरी तैयारी में काफी मदद भी की. उन्होंने बताया कि 2020 में गीता की उनकी किताब भी पूरी हो गई.

हाजी इरशाद अली ने
हाजी इरशाद अली ने मिट्टी से गीता को कपड़े पर लिखा.


पीएम मोदी को भेंट करना चाहते हैं गीता- हाजी इरशाद अली ने कहा कि हमारी इसको लेकर भी तमन्ना थी कि 30 मीटर के कपड़े में नए संसद भवन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को गीता भेंट करें. उन्होंने कहा कि हमारे जाने के बाद अगर उसे लोग देखें तो उससे प्रेरणा लें. हमारा काशी का कॉरीडोर बना हुआ है. अयोध्या का भी बन रहा है तो इसको वह मुख्यमंत्री को भेंट करना चाहता हूं.

इरशाद अली ने लिखी हनुमान चालीसा- हाजी इरशाद अली ने बताया क उन्होंने हनुमान चालीसा भी लिखी है. जिसे वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेंट करना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि राष्ट्रगान भी कपड़े पर लिखा है. उन्हें यह भी भेंट करना है. साथ ही उन्होंने बताया कि वाराणसी के कमिश्नर को भी राष्ट्रगान भेंट करने की तमन्ना है. उन्होंने बताया कि कमिश्नर से मिलकर राष्ट्रपति से मिलने की बात करेंगे.

हाजी
मिट्टी से कपड़े पर हनुमान चालिसा लिखा.



धर्म के साथ वतन से भी मोहब्बत करनी चाहिएः हाजी इरशाद अली ने कहा कि उनका मानना है कि जो भी व्यक्ति अपने धर्म से मोहब्बत करता है, उसे अपने वतन से भी सच्चे दिल से मोहब्बत करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि कोई भी धार्मिक ग्रंथ उठाकर देख लें. उसमें बुराई की चीज प्रतीत नहीं होती है. गीता-कुरान सभी पवित्र ग्रंथ हैं. उन्होंने कहा कि मैं मुस्लिम हू्ं इसलिए मुझसे सवाल होते हैं कि आपने कुरान पर क्यों नहीं ध्यान दिया. इसलिए मैंने पहले कुरान पूरी की. अगर इस पर भी किसी को ऐतराज हो तो हम कुछ कह नहीं कह सकते हैं.

गंगा किनारे की मिट्टी से लिखीः हाजी साहब ने मिट्टी की बात करते हुए बताया कि जब गंगा नदी में बाढ़ आ जाती है तो उसके किनारे पर मिट्टी जमा हो जाती है. उन्होंने बताया कि वह वहीं से मलाईदार मिट्टी लाते हैं और घर में छानकर टिकिया बनाकर रखते हैं. उसमें खाने वाली गोंद भी है. गीता की मिट्टी में काशी का गंगाजल है. साथ ही उन्होंन बताया कि कुरान में जमजम का पानी मिला हुआ है. जो मक्के का है.



यह भी पढ़ें- Attack On Union Minister's House: केरल में अज्ञात व्यक्तियों ने केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन के घर पर किया हमला, खिड़की का शीशा तोड़ा

मिट्टी से कपड़े पर लिखे ग्रंथ के बारे में हाजी इरशाद अली ने बताया.

वाराणसी: काशी का नाम आते ही महादेव जरूर याद आ आते हैं. महादेव की तरह यहां के लोग भी दिल के साफ और गंगा-जमुनी तहजीब को मानने वाले हैं. इसी वजह से एक हाजी ने पहले कपड़े पर मिट्टी से कुरान लिख डाली. वहीं, एक पंडित की मदद लेकर हाजी ने वैसा ही प्रयोग करते हुए कपड़े पर श्रीमद्भागवत गीता लिख दिया है. इसी से पता चलता है हमारा देश कितना खूबसूरत है.

दरअसल, हाजी इरशाद अली के पिता भी मिट्टी से कपड़ों पर लिखा करते थे. उसी परंपरा को उन्होंने आगे बढ़ाया है. उन्होंने बताया कि जब किसी की मौत हो जाती थी तो मेरे पिता और चाचा कपड़े के ऊपर श्लोक लिखा करते थे. वे लोग 1992 से यह काम करते आ रहे हैं. इसको हम शादतेन कहते हैं. श्लोक अरबी का था. आज हम लोग लिखते हैं. उन्होंने बताया कि उनके बच्चों ने कहा कि ये हुनर दादाजी के बाद आप तक ही रह जाएगा. ज्यादा से ज्यादा खानदान के ही लोग जानेंगे. कुछ ऐसा कीजिए कि आपको दुनिया याद करें.

हाजी इरशाद अली ने बताया कि बच्चों की सलाह के बाद उन्होंने कपड़े पर कुरान को लिखना शुरू किया. उन्होंने बताया कि करीब दो से ढाई साल तक कोशिश की. इसके बाद फिर साढ़े चार साल बाद कपड़े पर कुरान को लिख कर पूरी भी कर लिया. उन्होंने बताया कि उसमें मिट्टी, जाफरान और जमजम का पानी है. उन्होंने कहा कि काफी दिनों से हमारी तमन्ना थी कि हम मक्का के म्यूजियम में यह कुरान डोनेट करें. साथ ही उन्होंने कहा कि ईरानी सरकार या अंबेसडर के माध्यम से वह इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे.

हाजी
हाजी इरशाद अली ने मिट्टी से कपड़े पर कुरान को लिखा.



कपड़े पर लिखी मिट्टी से गीता- हाजी इरशाद अली ने बताया कि उनका मकान मंदिरों से घिरा हुआ है. वह अकेले यहां पर मुस्लिम हैं. उन्होंने बताया कि उनके आसपास के पंडित उनके पास आते थे. उनसे हमने एक दिन कहा कि हमारी हिंदी की राइटिंग अच्छी है. अगर आप कहें तो मैं गीता लिख दूं. इसके बाद पंडित ने उन्हें गीता की किताब दी. साथ ही पंडित ने पूरी तैयारी में काफी मदद भी की. उन्होंने बताया कि 2020 में गीता की उनकी किताब भी पूरी हो गई.

हाजी इरशाद अली ने
हाजी इरशाद अली ने मिट्टी से गीता को कपड़े पर लिखा.


पीएम मोदी को भेंट करना चाहते हैं गीता- हाजी इरशाद अली ने कहा कि हमारी इसको लेकर भी तमन्ना थी कि 30 मीटर के कपड़े में नए संसद भवन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को गीता भेंट करें. उन्होंने कहा कि हमारे जाने के बाद अगर उसे लोग देखें तो उससे प्रेरणा लें. हमारा काशी का कॉरीडोर बना हुआ है. अयोध्या का भी बन रहा है तो इसको वह मुख्यमंत्री को भेंट करना चाहता हूं.

इरशाद अली ने लिखी हनुमान चालीसा- हाजी इरशाद अली ने बताया क उन्होंने हनुमान चालीसा भी लिखी है. जिसे वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेंट करना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि राष्ट्रगान भी कपड़े पर लिखा है. उन्हें यह भी भेंट करना है. साथ ही उन्होंने बताया कि वाराणसी के कमिश्नर को भी राष्ट्रगान भेंट करने की तमन्ना है. उन्होंने बताया कि कमिश्नर से मिलकर राष्ट्रपति से मिलने की बात करेंगे.

हाजी
मिट्टी से कपड़े पर हनुमान चालिसा लिखा.



धर्म के साथ वतन से भी मोहब्बत करनी चाहिएः हाजी इरशाद अली ने कहा कि उनका मानना है कि जो भी व्यक्ति अपने धर्म से मोहब्बत करता है, उसे अपने वतन से भी सच्चे दिल से मोहब्बत करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि कोई भी धार्मिक ग्रंथ उठाकर देख लें. उसमें बुराई की चीज प्रतीत नहीं होती है. गीता-कुरान सभी पवित्र ग्रंथ हैं. उन्होंने कहा कि मैं मुस्लिम हू्ं इसलिए मुझसे सवाल होते हैं कि आपने कुरान पर क्यों नहीं ध्यान दिया. इसलिए मैंने पहले कुरान पूरी की. अगर इस पर भी किसी को ऐतराज हो तो हम कुछ कह नहीं कह सकते हैं.

गंगा किनारे की मिट्टी से लिखीः हाजी साहब ने मिट्टी की बात करते हुए बताया कि जब गंगा नदी में बाढ़ आ जाती है तो उसके किनारे पर मिट्टी जमा हो जाती है. उन्होंने बताया कि वह वहीं से मलाईदार मिट्टी लाते हैं और घर में छानकर टिकिया बनाकर रखते हैं. उसमें खाने वाली गोंद भी है. गीता की मिट्टी में काशी का गंगाजल है. साथ ही उन्होंन बताया कि कुरान में जमजम का पानी मिला हुआ है. जो मक्के का है.



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