वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन की फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई
मुकदमे की सुनवाई में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि सिविल प्रक्रिया संहिता के ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत पहले यह निर्धारित कर लिया जाए कि मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं है. केस में कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग मिला है. हिंदुओं को उस शिवलिंग के दर्शन-पूजन का अधिकार तत्काल दिया जाए. यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन ने दाखिल किया है. किरन सिंह विसेन के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने बताया कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान मामले में सुनवाई थी. आज बहस होनी थी, लेकिन मसाजिद कमेटी की ओर एक प्रार्थना पत्र दिया गया है. उनके प्रार्थना पत्र पर हम अपना जवाब दाखिल करेंगे. 5 सितंबर को अगली सुनवाई होगी.
इस पूरी याचिका में विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से किरण सिंह बिसेन ने कोर्ट से 3 अपील की हैं, जिसमें ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित करने, ज्ञानवापी का पूरा परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने और ज्ञानवापी परिसर में मिले ज्योतिर्लिंग की नियमित पूजा-पाठ करने की अनुमति मांगी गई है. जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि इस मुकदमे में UP सरकार, वाराणसी के डीएम व पुलिस कमिश्नर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है. इससे पहले 21 जुलाई को सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई थी. किरन सिंह विसेन और मुस्लिम पक्ष सहित अन्य पक्षकार पेश हुए थे. उस दौरान मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा था. अदालत ने मुस्लिम पक्ष का अनुरोध स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 16 अगस्त निर्धारित कर दी थी.
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