वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी मामले को लेकर चल रही अलग-अलग सुनवाई के बीच शुक्रवार को जिला जज न्यायालय में व्यास जी के तहखाने पर मुस्लिम कमेटी की कब्जेदारी की आशंका व्यक्त करते हुए इसे डीएम की निगरानी में दिए जाने की याचिका पर सुनवाई हुई. हालांकि इस पर फैसला नहीं आ सका और कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई किए जाने की तारीख शनिवार की निर्धारित की है. इस प्रकरण में कोर्ट में विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के वकील को उनके पक्ष रखने के लिए बोला गया है. जिस पर सुनवाई के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी.
अदालत में शुक्रवार को डीएम की निगरानी में व्यास जी के तहखाने को सौंपने संबंधी दाखिल वाद के संबंध में ट्रांसफर करने की अर्जी पर सुनवाई की गई. काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के वकील ने कोर्ट में उपस्थित होकर जिला जज से एक दिन की मोहलत मांगी है. जिस पर समय बढ़ाते हुए कोर्ट ने 30 सितंबर को अगली सुनवाई के लिए कहा है. हालांकि मस्जिद कमेटी अंजुमन इंतजामिया ने इस पर आपत्ति दाखिल की थी और बुधवार को अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अन्य पक्षकार काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को उनके पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था. सभी पक्षों को जिला जज ने शनिवार की दोपहर 2:30 बजे तलब किया है.
ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने पर कब्जा करने की आशंका जताते हुए व्यास जी के पुत्र शैलेंद्र की तरफ से यह मांग उठाई गई है कि उक्त स्थान जहां बैरिकेडिंग की गई है और नदी के सामने वाले हिस्से में भी बैरिकेडिंग करके तहखाने में जाने से उन्हें रोक दिया गया है. उस पर शुरू से उनके परिवार का ही कब्जा रहा है, लेकिन 1992 में अयोध्या कांड के बाद हुई बैरिकेडिंग की वजह से उनको अंदर प्रवेश नहीं दिया जाता है.
इसके बाद उन्हें अब यह डर है कि उस पूरे हिस्से को भी मस्जिद कमेटी अपने कब्जे में ले लेगी. इसलिए व्यास जी के परिवार की तरफ से विष्णु शंकर जैन वह अन्य वकीलों ने कोर्ट में एप्लीकेशन देकर इस पूरे स्थान को डीएम के सुपुर्द करने की गुजारिश की थी. जिस पर अंजुमन इंतजामिया ने कड़ी आपत्ति जताई थी. साथ ही सिविल दिया सीनियर डिवीजन की अदालत से वाद जिला जज की अदालत में स्थानांतरित किए जाने की अर्जी को खारिज किए जाने का अनुरोध किया था.
जिला जज डॉ. अजय कृष्णा विश्वेश की अदालत में मामले में शनिवार को सुनवाई की तारीख तय कर चुकी है. वहीं, वाराणसी में सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुक्रवार को ज्ञानवापी से जुड़े एक अन्य मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. ज्योतिर्लिंग आदि विशेश्वर विराजमान की तरफ से दाखिल बड़ी पियरी निवासी अधिवक्ता अनुष्का तिवारी और इंदु तिवारी के बाद में ज्ञानवापी स्थित आरजी पर भगवान का मालिकाना हक घोषित करने केंद्र व राज सरकार से भव्य मंदिर निर्माण में सहयोग और ज्ञानवापी की बेरीकेटिंग हटाने की मांग की गई है. पीठासीन अधिकारी की अनुपस्थिति के चलते इस मामले पर अब 21 अक्टूबर को सुनवाई होगी.