वाराणसी: अधिकारियों का रौब हमेशा से अलग ही देखने को मिलता है लेकिन जब शासन का डंडा चलता है तो अधिकारी भी ढीले पड़ जाते हैं. ऐसा ही एक मामला बनारस में भी देखने में आया है. यहां डीएम कंपाउंड के बंगला नंबर बी-6 में पिछले 6 महीने से एक पीसीएस अधिकारी कब्जा जमाकर बैठे थे. इसे खाली करवाने के लिए मुनादी हुई. जब चारों ओर इस अधिकारी की बदनामी हुई, तब जाकर उसने शनिवार को बंगला खाली कर दिया.
चंदौली में तैनात हैं अधिकारी
दरअसल, वाराणसी में मुख्य रेवेन्यू ऑफिसर के पद पर तैनात पीसीएस अधिकारी अनिल कुमार त्रिपाठी का लगभग 6 महीने पहले चंदौली में एडीएम के तौर पर ट्रांसफर हो गया था. यहां पर उन्होंने ज्वाइन भी कर लिया लेकिन उसके बाद भी बनारस के अपने इस बंगले को खाली नहीं किया. इसे लेकर लगातार प्रशासनिक स्तर पर इन्हें नोटिस जाता रहा, लेकिन इन्होंने बंगला नहीं खाली किया और नोटिस का कोई जवाब भी नहीं दिया. आखिरकार इनके घर के बाहर शुक्रवार को मुनादी करवाई गई. स्पीकर पर अनाउंसमेंट किया गया. खाली करने की वार्निंग के साथ ही, ना खाली करने पर पुलिस के बल पर बंगला खाली करवाने की बात कही गई. इसके बाद शनिवार 11 बजे तक का वक्त दिया गया था.
खुद पहुंचकर कराया बंगला खाली
शनिवार दोपहर बाद यह अपने बंगले पर पहुंचे और उन्होंने खुद से अपना बंगला खाली कर दिया था. जब इस बारे में अनिल त्रिपाठी से बात की गई तो उनका कहना था कि वह बीमार थे और 2 साल में 5 ट्रांसफर होने की वजह से कहीं पर सेटल नहीं हो पा रहे थे, इसलिए यह बंगला खाली नहीं किया था. अब उन्होंने बंगला खाली कर दिया है. यह घटना पूरे दिन चर्चा का विषय बनी रही.