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वाराणसी में इलेक्ट्रॉनिक बसों को खड़ी करने की जमीन बनी रोड़ा - वाराणसी इलेक्ट्रॉनिक बसें

यूपी के वाराणसी में सरकार से 50 ई- बसें संचालन की मंजूरी मिल गई है, लेकिन इस बसों को खड़ी करने के लिए चयनित जमीन रोड़ा बनी हुई है. ऐसे में सवाल उठता है अगर ने बसें शहर में आ भी गई तो खड़ी कहां की जाएगी.

बनारस में चलाए जाने वाली ई बसों की राह में रोड़ा बनी जमीन
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Published : Oct 19, 2019, 10:32 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 11:41 PM IST

वाराणसी: प्रदेश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को नियंत्रण में करने और शहरी क्षेत्र में लोगों को स्वस्थ और बेहतर यातायात सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सिटी बस सेवा का विस्तार करने की तैयारी प्रदेश सरकार ने की है. जिसके लिए हर जिले को इलेक्ट्रॉनिक बसें दी जा रही है. वहीं पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भी प्रदेश सरकार की तरफ से 50 ई- बसें मिलने वाली हैं. जिसको सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है.

वाराणसी में इलेक्ट्रानिक बसों के संचालन की मिली मंजूरी.

माना जा रहा है कि नए साल से वाराणसी में बसों का संचालन शुरू भी हो जाएगा, लेकिन इन बसों के संचालन से पहले ही बनारस में इनकी राह में रोड़ा अटक गया है. यह रोड़ा है इन बसों के लिए अलग से बनाए जाने वाले बस स्टैंड की जमीन का है, जिसके लिए जमीन को चयनित तो कर लिया गया, लेकिन अब तक वह जमीन रोडवेज के हाथ नहीं आई है.

इलेक्ट्रॉनिक बसें खड़ी करने के लिए नहीं है जमीन
वाराणसी में राजा तालाब तहसील क्षेत्र स्थित एक गांव में 2 एकड़ जमीन का चयन सरकार की तरफ से 2018 में ही किया जा चुका था, लेकिन इस जमीन के चयन के बाद जिस विभाग के अधीन यह जमीन थी. उससे इस जमीन को खरीदने और उसका पैसा राजस्व विभाग में ट्रांसफर करने को लेकर कुछ गड़बड़ियां हो गई और कागजी कार्रवाई में दिक्कतों की वजह से मामला फंसा गया.

वहीं जमीन फाइनल होने के बाद भी सरकार को नहीं मिल पाई. जिसकी वजह से अब रोडवेज इस बात को लेकर परेशान है कि अगर ही बसें आने वाले कुछ दिनों में वाराणसी में आ जाती हैं तो उनको खड़ा कहां किया जाएगा क्योंकि वाराणसी सिटी में मौजूद चौधरी चरण सिंह बस अड्डे पर इन बसों को खड़ी करने की जगह नहीं है और जिस जगह का चयन इन बसों के लिए किया गया था, वह जमीन अब तक फाइनल नहीं हुई है ऐसी स्थिति में ही बसों के आने के बाद भी इनका संचालन नहीं किया जा सकेगा.

पढ़ें: 19 अक्टूबर को रवाना होगी बुद्धिस्ट सर्किट टूरिस्ट ट्रेन, किराया जान दंग रह जाएंगे आप

वहीं ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एआरएम एसएन पाठक ने बताया कि लखनऊ स्तर पर जमीन के मामले को हल करने की कोशिश की जा रही है. माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में यह समस्या का समाधान हो जाएगा. लेकिन अगर नहीं होता है तो सिटी बसों को खड़ा करने और चार्जिंग करने की समस्या होगी, क्योंकि जिस राजातालाब इलाके में जमीन का चयन हुआ है, वहां हाईटेक बस अड्डा बनाया जाना है.

वाराणसी: प्रदेश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को नियंत्रण में करने और शहरी क्षेत्र में लोगों को स्वस्थ और बेहतर यातायात सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सिटी बस सेवा का विस्तार करने की तैयारी प्रदेश सरकार ने की है. जिसके लिए हर जिले को इलेक्ट्रॉनिक बसें दी जा रही है. वहीं पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भी प्रदेश सरकार की तरफ से 50 ई- बसें मिलने वाली हैं. जिसको सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है.

वाराणसी में इलेक्ट्रानिक बसों के संचालन की मिली मंजूरी.

माना जा रहा है कि नए साल से वाराणसी में बसों का संचालन शुरू भी हो जाएगा, लेकिन इन बसों के संचालन से पहले ही बनारस में इनकी राह में रोड़ा अटक गया है. यह रोड़ा है इन बसों के लिए अलग से बनाए जाने वाले बस स्टैंड की जमीन का है, जिसके लिए जमीन को चयनित तो कर लिया गया, लेकिन अब तक वह जमीन रोडवेज के हाथ नहीं आई है.

इलेक्ट्रॉनिक बसें खड़ी करने के लिए नहीं है जमीन
वाराणसी में राजा तालाब तहसील क्षेत्र स्थित एक गांव में 2 एकड़ जमीन का चयन सरकार की तरफ से 2018 में ही किया जा चुका था, लेकिन इस जमीन के चयन के बाद जिस विभाग के अधीन यह जमीन थी. उससे इस जमीन को खरीदने और उसका पैसा राजस्व विभाग में ट्रांसफर करने को लेकर कुछ गड़बड़ियां हो गई और कागजी कार्रवाई में दिक्कतों की वजह से मामला फंसा गया.

वहीं जमीन फाइनल होने के बाद भी सरकार को नहीं मिल पाई. जिसकी वजह से अब रोडवेज इस बात को लेकर परेशान है कि अगर ही बसें आने वाले कुछ दिनों में वाराणसी में आ जाती हैं तो उनको खड़ा कहां किया जाएगा क्योंकि वाराणसी सिटी में मौजूद चौधरी चरण सिंह बस अड्डे पर इन बसों को खड़ी करने की जगह नहीं है और जिस जगह का चयन इन बसों के लिए किया गया था, वह जमीन अब तक फाइनल नहीं हुई है ऐसी स्थिति में ही बसों के आने के बाद भी इनका संचालन नहीं किया जा सकेगा.

पढ़ें: 19 अक्टूबर को रवाना होगी बुद्धिस्ट सर्किट टूरिस्ट ट्रेन, किराया जान दंग रह जाएंगे आप

वहीं ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एआरएम एसएन पाठक ने बताया कि लखनऊ स्तर पर जमीन के मामले को हल करने की कोशिश की जा रही है. माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में यह समस्या का समाधान हो जाएगा. लेकिन अगर नहीं होता है तो सिटी बसों को खड़ा करने और चार्जिंग करने की समस्या होगी, क्योंकि जिस राजातालाब इलाके में जमीन का चयन हुआ है, वहां हाईटेक बस अड्डा बनाया जाना है.

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: प्रदेश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को नियंत्रण में करने और शहरी क्षेत्र में लोगों को स्वस्थ और बेहतर यातायात सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सिटी बस सेवा का विस्तार करने की तैयारी प्रदेश सरकार ने की है. जिसके लिए हर जिले को इलेक्ट्रॉनिक बसें दी जा रही है. पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस को भी प्रदेश सरकार की तरफ से 50 ई बसें मिलने वाली है. जिसको सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है माना जा रहा है कि नए साल से बनारस में की बसों का संचालन शुरू भी हो जाएगा, लेकिन इन बसों के संचालन से पहले ही बनारस में इनकी राह में रोड़ा अटक गया है. यह रोड़ा है इन बसों के लिए अलग से बनाए जाने वाले बस स्टैंड की जमीन का, जिसके लिए जमीन को चयनित तो कर लिया गया लेकिन अब तक वह जमीन रोडवेज के हाथ नहीं आई है.Body:वीओ-01 दरअसल वाराणसी में राजातालाब तहसील क्षेत्र में एक गांव में 2 एकड़ जमीन का चयन सरकार की तरफ से 2018 में ही किया जा चुका था, लेकिन इस जमीन के चयन के बाद जिस विभाग के अधीन यह जमीन थी. उससे इस जमीन को खरीदने और उसका पैसा राजस्व विभाग में ट्रांसफर करने को लेकर कुछ गड़बड़ियां हो कागजी कार्रवाई में दिक्कतों की वजह से मामला फंसा और जमीन फाइनल होने के बाद भी सरकार को नहीं मिल पाई. जिसकी वजह से अब रोडवेज इस बात को लेकर परेशान है कि अगर ही बसें आने वाले कुछ दिनों में बनारस में आ जाती हैं तो उनको खड़ा कहां किया जाएगा क्योंकि वाराणसी सिटी में मौजूद चौधरी चरण सिंह बस अड्डे पर इन बसों को खड़ी करने की जगह नहीं है और जिस जगह का चयन इन बसों के लिए किया गया था वह जमीन अब तक फाइनल नहीं हुई ऐसी स्थिति में ही बसों के आने के बाद भी इनका संचालन नहीं किया जा सकेगा.Conclusion:वीओ-02 फिलहाल इस बारे में रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ स्तर पर जमीन के मामले को हल करने की कोशिश की जा रही है माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में यह समस्या का समाधान हो जाएगा. लेकिन अगर नहीं होता है तो सिटी बसों को खड़ा करने और चार्जिंग करने की समस्या होगी, क्योंकि जिस राजातालाब इलाके में जमीन का चयन हुआ है, वहां हाईटेक बस अड्डा बनाया जाना है जिसमें कार्यदाई संस्था को ही बस अड्डा तैयार कर यहां 50 बसों की चार्जिंग के लिए अलग-अलग पॉइंट बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन जब तक जमीन फाइनल नहीं होगी तब तक आ गई संस्था काम भी शुरू नहीं कर सकेगी.

बाईट- एसएन पाठक, एआरएम, सिटी बस सर्विस
Last Updated : Oct 19, 2019, 11:41 PM IST
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