वाराणसी: कोविड-19 की वजह से होने वाले बहुत से आयोजन कैंसिल कर दिए गए हैं. हर साल अलग-अलग लगने वाले मेलों पर भी रोक लगा दी गई, लेकिन अब धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर आ रही है और मेलों का दौर भी शुरू हो गया है. काशी में पर्यटन विभाग और मेला आयोजन समिति की तरफ से सांस्कृतिक संकुल में हर साल की तरह इस बार भी हस्तशिल्प मेला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. सबसे अच्छी बात यह है कि कोरोना काल में लगने वाला काशी में यह पहला मेला है. हालांकि उम्मीद जताई जा रही थी कि लोग सुरक्षा मानकों के साथ कोरोना के डर से शायद शिल्प मेले में नहीं पहुंचेंगे, लेकिन इसके विपरीत बीते साल की तुलना में इस बार इस मेले का रिस्पांस काफी अच्छा देखने को मिल रहा है.
अब तक हो चुकी है पांच लाख की सेल
इस बारे में पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव का कहना है कि कोरोना काल के बाद बनारस में लगने वाला यह पहला मेला है. हर साल हस्तशिल्प मेले में लगने वाले स्टॉल में रिस्पांस बहुत अच्छा नहीं होता है. 2019 में लगे स्टॉल के दौरान प्रतिदिन 60 से 70 हजार रुपये की बिक्री दर्ज की गई थी और पूरे मेला पीरियड में करीब 7 से 8 लाख रुपये की सेल हुई थी. इस बार महज 5 दिन बीते हैं और प्रतिदिन एक लाख रुपये की सेल हस्तशिल्प मेले में हो रही है. इस बार इस मेले में 50 स्टॉल लगाए गए हैं. इसमें हस्तशिल्प कला की मौजूदगी देश के अलग-अलग हिस्सों से देखने को मिल रही है.
एक बार फिर से खड़ा हो रहा वाराणसी का पर्यटन उद्योग
पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव का कहना है कि यह गुड साइन है कि वाराणसी के लोग कोरोना का डर भूलकर बाहर निकल रहे हैं और खरीदारी भी कर रहे हैं. फिलहाल स्टैंडर्ड नियमों के तहत कोरोना प्रोटोकाल का पूरा पालन किया जा रहा है. इस दौरान यह भी देखा जा रहा है कि एक स्टॉल पर 5 लोगों से ज्यादा की भीड़ न हो. मेले में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी की गई है. लोग अच्छी खरीदारी करने के लिए अपने घरों से निकलकर मेले में पहुंच रहे हैं. 5 दिन में लगभग 5 लाख से ज्यादा की सेल हो चुकी है और अभी आने वाले दिनों में शनिवार, रविवार बाकी है. उम्मीद यही है कि मेला इस बार बीते साल की तुलना में काफी अच्छा रिस्पांस देकर जाएगा, जो यह भी संदेश दे रहा है कि बनारस का पर्यटन उद्योग एक बार फिर से खड़ा होने के लिए तैयार है.