वाराणसी: धर्म नगरी काशी विकास की चादर ओढ़ कर बदलती जा रही है. क्योंकि क्योटो के तर्ज पर काशी को विकसित किया जा रहा है. यह बात कहने सुनने को नहीं है बल्कि काशी में भी नजर आ रही है, जो अपने आप में बेहद खास और आकर्षक है. इस आकर्षण की एक तस्वीर काशी के ह्रदय स्थली गोदौलिया में भी नजर आती है. अब यह जगह गुलाबी रंग में सराबोर हो चुकी है. गोदौलिया को देखकर आपकी भी नजरें ठहर जाएंगी. क्योंकि वाकई इसकी खूबसूरती का नजारा बिल्कुल अद्भुत है. इस अद्भुत नजारे को देखकर लोग इसे अब काशी का 'लंदन स्ट्रीट' भी कहते हैं.
कभी जाम होती थी पहचान,अब खूबसूरती ने दिया नया नामः गोदौलिया में काशी का एक बड़ा बाजार सजता है और यहां पुराने समय से जाम की समस्या लगी रहती थी. लेकिन इस मार्ग के विकास के बाद यह स्थान पूरी तरीके से परिवर्तित हो गया है. अब गोदौलिया जाम के लिए नहीं बल्कि अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाने लगा है. दिन के उजाले में तो लोग इसे निहारते ही है लेकिन रात में जगमगाती रोशनी की बीच इस मार्ग की आभा बेहद खूबसूरत होती है.
भवनों और दुकानों पर चित्रकारीः काशी के हेरिटेज को ध्यान में रखते हुए में भवनों, दुकानों की समरूपता को बनाए रखने के लिए गोदौलिया से घाट तक जाने वाले मार्ग के दोनों तरफ भवन और दुकानों के शटर पर पेंटिंग फसाड डिजाइनिंग का काम किया गया है. इस पेंटिंग की थीम वाराणसी के आध्यात्मिक धार्मिक और ऐतिहासिक भवनों की बनावट के आधार पर है. इसके साथ ही बनारस के ऐतिहासिक भवनों और किलो में प्रयोग किए गए पत्थर के नक्काशी और भवनों के संरचना गुंबद, खिड़की दरवाजा की डिजाइनों की चित्रकारी भी की गई है, जिससे प्राचीनता के साथ नवीनता का समागम कर इस पूरे कॉरिडोर को और बेहद खूबसूरत बनाया जा सके.
शाम के समय घूमने आ रहे लोगः काशी के बदलते स्वरूप को देखकर यहां के लोग हैरान है. उनका कहना है कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि यह वही पुरानी सड़क है, जहां आधी सड़क पर बाजार लगता था और जाम का कारण बनता था. लोगों का घाट जाना भी मुश्किल होता था. लेकिन अब यह मार्ग पूरी तरीके से बदल गया है और लोगों को ना सिर्फ आने जाने में सहूलियत हो रही है. बल्कि लोग यहां आकर के शाम के समय घूमना पसंद कर रहे हैं .इसकी खूबसूरती को देख कर लोग इसे धार्मिक रूप में पावन पथ, कोई से गुलाबी गलियारा तो कोई काशी का लंदन स्ट्रीट कहता है.
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काशी में पिंक कॉरिडोर विकसितः ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय तीर्थाटन पुनरुद्धार और अध्यात्म वर्णन अधिनियम यानि की प्रसाद मिशन योजना के तहत काशी में पिंक कॉरिडोर को विकसित किया गया है. इस योजना के तहत गोदौलिया से लेकर के दशाश्वमेध घाट और बाबा विश्वनाथ के धाम तक पूरे मार्ग को अलग तरीके से विकसित किया गया है. उन्होंने बताया कि इस मार्ग की भव्यता को बनाए रखने के लिए चुनार के गुलाबी पत्थरों का प्रयोग किया गया है. यह वही गुलबी पत्थर है, जिन्हें बाबा विश्वनाथ के धाम के निर्माण में भी इस्तेमाल किया गया है. साथ ही सड़क के दोनों किनारों पर खूबसूरत डिजाइनर पोल लगाए गए हैं, जो फुटपाथ को मुख्य मार्ग से अलग करते हैं.
प्रसाद योजना फेस टू का पीएम करेंगे लोकार्पणः मंडलायुक्त ने बताया कि सड़क के दोनों ओर पाथ वे बनाए गए हैं, जिसे घाट जाने वाले पर्यटक और मार्केटिंग करने आने वालों को भी सहूलियत मिल सके. मंडलायुक्त ने कहा कि प्रसाद योजना फेस टू, स्मार्ट सिटी,पर्यटन विभाग, वीडीए के सहयोग से इस पूरे पर्यटन विकास का काम किया गया है, जिसकी लागत कुल 10 करोड़ 78 लाख है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस योजना के तहत दशाश्वमेध घाट को भी भव्य रूप दिया जा रहा है. इसका लोकार्पण आगामी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जाएगा.
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