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वाराणसी: कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह के खिलाफ लड़कियों निकाली रैली

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Published : Nov 6, 2020, 8:15 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में बालिकाओं ने कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह और दहेज प्रथा को बंद करने के लिए जन जागरूकता रैली निकाली. इस रैली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया.

women and girls protest against female feticide and child marriage
बालिकाओं ने बाल विवाह और कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ किया प्रदर्शन.

वाराणसी: आशा ट्रस्ट और लोक समिति के तत्वाधान में शुक्रवार को सेवापुरी क्षेत्र के भटपुरवां और मिर्जामुराद क्षेत्र के करधना गांव में लड़कियों ने लिंग भेद के खिलाफ जन जागरूकता रैली निकाली. खास बात यह रही कि रैली में लड़कियों के अलावा बड़ी संख्या में गांव की महिलाओं ने भी भाग लिया.

रैली में शामिल गांव की सैकड़ों लड़कियां 'नहीं किसी का हो अपमान, लड़का लड़की एक समान', 'बाबा हमको पढ़ने दो, पढ़कर आगे बढ़ने दो', 'कन्या भ्रूण हत्या बन्द करो' 'बाल विवाह पर रोक लगाओ', और 'हमको दुनिया में आने दो, अपना मान बढ़ाने दो' आदि नारे लगाते हुए और हाथ में तख्तियां लेकर चल रह थीं. रैली गांव के विभिन्न बस्तियों से होकर आशा सिलाई केंद्र भतपुरवां तक गई, जहां पर बालिका महोत्सव का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम का शुभारम्भ लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर, सामाजिक कार्यकर्ता तनुजा मिश्रा और शर्मिला ने दीप जलाकर किया. कार्यक्रम में लड़कियों ने लिंग भेदभाव और लड़का-लड़की असमानता पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए और लैंगिक असमानता के खिलाफ खुलकर अपने विचार रखें. कार्यक्रम में बेनीपुर, भतपुरवां लालपुर, गनेशपुर, नागेपुर, कल्लीपुर, कुंडरिया आदि आसपास के कई गांव की लड़कियों ने भाग लिया.

मुख्य अतिथि तनुजा मिश्रा ने कहा कि, हमारा समाज लड़कियों और लड़कों में आज भी भेदभाव कर रहा है, जिसके कारण कोख में ही लड़कियों को मार दिया जाता है. नतीजतन दिन-प्रतिदिन लड़कियों की संख्या घटती जा रही है. उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश की आबादी में छह साल की उम्र में एक हजार बच्चों के मुकाबले सिर्फ 902 बच्चियां हैं. इस आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में हर साल औसतन पौने दो लाख बेटियां गायब हो रही हैं, जो चिंता की बात है.

लोक समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि, आराजी लाइन और सेवापुरी ब्लॉक के दर्जनों गांव में किशोरी संगठन बनाकर लड़कियों के अधिकार पर जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. समाज में व्याप्त दहेज प्रथा, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, महिला हिंसा को खत्म करने के लिए लड़कियों की टोली गठित की जा रही है.

सामाजिक कार्यकर्ता शर्मिला ने कहा कि, यदि हमें खुशहाल घर समाज चाहिए तो महिलाओं के साथ होने वाले हर तरह के भेदभाव के खिलाफ आवाज उठानी होगी. कार्यक्रम का संचालन सोनी, स्वागत राजकुमारी पटेल और धन्यवाद ज्ञापन आशा मौर्या ने किया.

वाराणसी: आशा ट्रस्ट और लोक समिति के तत्वाधान में शुक्रवार को सेवापुरी क्षेत्र के भटपुरवां और मिर्जामुराद क्षेत्र के करधना गांव में लड़कियों ने लिंग भेद के खिलाफ जन जागरूकता रैली निकाली. खास बात यह रही कि रैली में लड़कियों के अलावा बड़ी संख्या में गांव की महिलाओं ने भी भाग लिया.

रैली में शामिल गांव की सैकड़ों लड़कियां 'नहीं किसी का हो अपमान, लड़का लड़की एक समान', 'बाबा हमको पढ़ने दो, पढ़कर आगे बढ़ने दो', 'कन्या भ्रूण हत्या बन्द करो' 'बाल विवाह पर रोक लगाओ', और 'हमको दुनिया में आने दो, अपना मान बढ़ाने दो' आदि नारे लगाते हुए और हाथ में तख्तियां लेकर चल रह थीं. रैली गांव के विभिन्न बस्तियों से होकर आशा सिलाई केंद्र भतपुरवां तक गई, जहां पर बालिका महोत्सव का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम का शुभारम्भ लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर, सामाजिक कार्यकर्ता तनुजा मिश्रा और शर्मिला ने दीप जलाकर किया. कार्यक्रम में लड़कियों ने लिंग भेदभाव और लड़का-लड़की असमानता पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए और लैंगिक असमानता के खिलाफ खुलकर अपने विचार रखें. कार्यक्रम में बेनीपुर, भतपुरवां लालपुर, गनेशपुर, नागेपुर, कल्लीपुर, कुंडरिया आदि आसपास के कई गांव की लड़कियों ने भाग लिया.

मुख्य अतिथि तनुजा मिश्रा ने कहा कि, हमारा समाज लड़कियों और लड़कों में आज भी भेदभाव कर रहा है, जिसके कारण कोख में ही लड़कियों को मार दिया जाता है. नतीजतन दिन-प्रतिदिन लड़कियों की संख्या घटती जा रही है. उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश की आबादी में छह साल की उम्र में एक हजार बच्चों के मुकाबले सिर्फ 902 बच्चियां हैं. इस आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में हर साल औसतन पौने दो लाख बेटियां गायब हो रही हैं, जो चिंता की बात है.

लोक समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि, आराजी लाइन और सेवापुरी ब्लॉक के दर्जनों गांव में किशोरी संगठन बनाकर लड़कियों के अधिकार पर जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. समाज में व्याप्त दहेज प्रथा, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, महिला हिंसा को खत्म करने के लिए लड़कियों की टोली गठित की जा रही है.

सामाजिक कार्यकर्ता शर्मिला ने कहा कि, यदि हमें खुशहाल घर समाज चाहिए तो महिलाओं के साथ होने वाले हर तरह के भेदभाव के खिलाफ आवाज उठानी होगी. कार्यक्रम का संचालन सोनी, स्वागत राजकुमारी पटेल और धन्यवाद ज्ञापन आशा मौर्या ने किया.

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