वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबंधित कॉलेजों में छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. विद्यापीठ में इस वर्ष 10 प्रतिशत सीट बढ़ाई जाएगी. दरअसल सवर्ण छात्रों के लिए अलग से 10 प्रतिशत सीट को बढ़ाने की बात की गई थी, जिस पर अब मुहर लग चुकी है. इसके साथ ही यह सत्र उन आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए अच्छा माना जा रहा है, जिन्हें विद्यापीठ में दाखिला लेना है. विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने प्रवेश समिति की बैठक में सीट बढ़ाने पर मुहर लगा दी है.
- काशी विद्यापीठ में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दाखिले में अब 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा.
- इस मुद्दे पर फैसले के लिए शनिवार को प्रवेश समिति की आपात बैठक बुलाई गई थी, जिसमें प्रोफेसर टीएन सिंह ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है.
- 10 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव स्वीकृत होने पर स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में करीब 500 सीटें बढ़ जाएगी.
- विश्वविद्यालय के फैसले को विद्यापीठ के संबंधित कॉलेजों में भी लागू किया जाएगा.
केंद्र सरकार ने किया था प्रावधान
- केंद्र सरकार ने कुछ महीने पहले सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था.
- लेकिन उसके तुरंत बाद चुनाव घोषित हो गए और प्रदेश सरकार इसको लागू नहीं कर पाई थी.
- विश्वविद्यालय और उससे संबंधित अन्य कॉलेजों ने प्रवेश परीक्षा के जो फॉर्म जारी किए थे, उसमें आर्थिक आधार पर आरक्षण का उल्लेख भी नहीं था.
- अब विश्वविद्यालय ने आपात बैठक बुलाकर इस आरक्षण की समस्या पर फैसला ले लिया है.
विश्वविद्यालय के संबद्ध कॉलेजों में इस योजना में जोड़ने पर सीटों की संख्या हजारों में बढ़ जाएगी और साथ ही सामान्य वर्ग के कमजोर विद्यार्थियों के लिए दाखिले के अवसर बढ़ जाएंगे. गौरतलब है कि प्रवेश परीक्षाएं विश्वविद्यालय में समाप्त हो चुकी है और रिजल्ट आने से पहले ही विद्यापीठ प्रशासन सवर्णों के आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहता है. प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद काउंसलिंग शुरू हो जाएगी. जिससे सीटें बढ़ाने पर समस्या आएगी. इसलिए कुलसचिव का कहना है कि 2019 सत्र की शुरुआत में ही इस योजना को काउंसलिंग से पहले पूरा कर लिया जाएगा.
साहब लाल मौर्य, कुलसचिव, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ