वाराणसी: गंगा दशहरा मां गंगा के अवतरण का पर्व, ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन ऋषि भगीरथ मां गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाए थे, जिससे उनके पूर्वजों को मुक्ति मिली थी. इस पौराणिक मान्यता को सैकड़ों वर्षों से लोग साकार करते आ रहे हैं.
इस दिन मां के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने के लिए लोग स्नान करके दान देते हैं. इस बार गंगा के अवतरण दिवस पर भक्तों के लिए अच्छी खबर है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से पूरे भारत में 31 मई तक लॉकडाउन के कारण गंगा का जल पहले से बेहद साफ हो गया है.
लॉकडाउन में साफ हुईं गंगा
लॉकडाउन में जहां लोगों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा, वहीं लॉकडाउन के कुछ फायदे भी सामने आए हैं. इससे सबसे बड़ा फायदा मां गंगा को हुआ है. पिछले दो महीने के लॉकडाउन के बाद अब गंगा का जल बेहद साफ और शुद्ध हो गया है, जिससे गंगा स्नान करने वाले भक्तों में खुशी है. जिस गंगा को लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सरकारें साफ नहीं कर सकीं, उसे लॉकडाउन ने साफ कर दिया है.
लॉकडाउन के कारण पिछले दो महीने में गंगा के जल में लगातार सुधार हुआ है. गंगा जल में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी है. लॉकडाउन में गंगा स्नान सहित कई धार्मिक कार्य बंद हो गए, जिसके कारण वाराणसी में गंगा जल में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. अगर शहर की बात करें तो बसों से लेकर ट्रेनें तक पूरी तरह से बंद थी और ऐसा पहली बार हुआ है. इसलिए गंगा का पानी इतना साफ हो गया. गंगा के जल को हम किस तरह और शुद्ध कर सकते हैं, इस पर भी आगे रिसर्च जारी रहेगा.
-कालिका सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड