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वाराणसी में खतरे के निशान से महज 50 सेंमी दूर गंगा, नमो घाट जलमग्न

वाराणसी में गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गईं हैं. ऐसे में जिला प्रशासन बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने में जुट गया है.

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वाराणसी में गंगा के खतरे के निशान पर पहुंचने से पहले जिलाअधिकारी ने एडीएम सिटी तथा एनडीआरएफ की टीम के साथ जायजा लिया
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Published : Aug 20, 2022, 9:05 PM IST

वाराणसी: काशी में गंगा खतरे के निशान से अब महज आधा मीटर दूर है. इसके बाद प्रशासन ने बाढ़ चौकियों के साथ बचाव टीमों को एक्टिव कर दिया. इसे लेकर शनिवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने भीषण बहाव के बीच बोट पर सवार होकर पुलिस और एनडीआरएफ की टीम के साथ गंगा क्षेत्रों का जायजा लिया. इस बाढ़ से काशी के सभी 84 घाट पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं.

बता दें कि हाल ही में काशी के खिड़कियां घाट को नमो घाट का नाम दिया गया है. इस घाट को सैलानियों के लिए तैयार किया था. इस उच्चतम बाढ़ स्तर के घाट को भी गंगा नदी ने नहीं छोड़ा है. नमो घाट पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान मौजूद एडीएम वित्त एवं राजस्व को निर्देशित किया कि सभी रैन बसेरों तथा बाढ़ राहत शिविरों को आज से ही चालू कर दिया जाए. जिलाअधिकारी ने शनिवार को एडीएम सिटी तथा एनडीआरएफ की टीम के साथ अस्सी घाट से लेकर नमो घाट होते हुए नदी के मुहाने तक बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने भीषण बहाव के बीच बोट पर सवार होकर घाट का जायजा लेते हुए
जिला अधिकारी ने नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, नागरिक आपूर्ति विभाग सहित आपदा राहत व अन्य संबंधित विभागों को अलर्ट जारी करते हुए कहा कि सभी विभाग अपनी-अपनी ड्यूटी पर लग जाएं. रैन बसेरों की साफ सफाई, उनके प्रकाश की व्यवस्था तथा बाढ़ राहत शिविरों का भ्रमण कर संबंधित तहसील कर्मियों व अन्य संबंधित विभाग के कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात रहने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ चौकियां 24 घंटे संचालित रहेंगी. यदि जल स्तर के बढ़ने की रफ्तार बनी रही तो रविवार की शाम तक चेतावनी स्तर पर पहुंच जाएगा.यह भी पढ़ें- देश का सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट बना वाराणसी हवाई अड्डा, इस वजह से मिला प्रथम स्थानउन्होंने घाट के किनारे रहने वालों, सैलानियों तथा नाविकों सहित सभी को घाटों पर घूमने फिरने, नहाने तथा बोटिंग आदि को प्रतिबंधित कर दिया है. इस दौरान घाट की जल पुलिस को निगरानी पर लगाया गया है. इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से संबंधित थानों को भी भ्रमणशील रहने का निर्देश दिया गया है.यह भी पढ़ें-मणिकर्णिका घाट की गलियों में भरा गंगा का पानी, महाश्मशान पर दाह संस्कार के लिए वेटिंग

वाराणसी: काशी में गंगा खतरे के निशान से अब महज आधा मीटर दूर है. इसके बाद प्रशासन ने बाढ़ चौकियों के साथ बचाव टीमों को एक्टिव कर दिया. इसे लेकर शनिवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने भीषण बहाव के बीच बोट पर सवार होकर पुलिस और एनडीआरएफ की टीम के साथ गंगा क्षेत्रों का जायजा लिया. इस बाढ़ से काशी के सभी 84 घाट पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं.

बता दें कि हाल ही में काशी के खिड़कियां घाट को नमो घाट का नाम दिया गया है. इस घाट को सैलानियों के लिए तैयार किया था. इस उच्चतम बाढ़ स्तर के घाट को भी गंगा नदी ने नहीं छोड़ा है. नमो घाट पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान मौजूद एडीएम वित्त एवं राजस्व को निर्देशित किया कि सभी रैन बसेरों तथा बाढ़ राहत शिविरों को आज से ही चालू कर दिया जाए. जिलाअधिकारी ने शनिवार को एडीएम सिटी तथा एनडीआरएफ की टीम के साथ अस्सी घाट से लेकर नमो घाट होते हुए नदी के मुहाने तक बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने भीषण बहाव के बीच बोट पर सवार होकर घाट का जायजा लेते हुए
जिला अधिकारी ने नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, नागरिक आपूर्ति विभाग सहित आपदा राहत व अन्य संबंधित विभागों को अलर्ट जारी करते हुए कहा कि सभी विभाग अपनी-अपनी ड्यूटी पर लग जाएं. रैन बसेरों की साफ सफाई, उनके प्रकाश की व्यवस्था तथा बाढ़ राहत शिविरों का भ्रमण कर संबंधित तहसील कर्मियों व अन्य संबंधित विभाग के कर्मचारियों को ड्यूटी पर तैनात रहने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ चौकियां 24 घंटे संचालित रहेंगी. यदि जल स्तर के बढ़ने की रफ्तार बनी रही तो रविवार की शाम तक चेतावनी स्तर पर पहुंच जाएगा.यह भी पढ़ें- देश का सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट बना वाराणसी हवाई अड्डा, इस वजह से मिला प्रथम स्थानउन्होंने घाट के किनारे रहने वालों, सैलानियों तथा नाविकों सहित सभी को घाटों पर घूमने फिरने, नहाने तथा बोटिंग आदि को प्रतिबंधित कर दिया है. इस दौरान घाट की जल पुलिस को निगरानी पर लगाया गया है. इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से संबंधित थानों को भी भ्रमणशील रहने का निर्देश दिया गया है.यह भी पढ़ें-मणिकर्णिका घाट की गलियों में भरा गंगा का पानी, महाश्मशान पर दाह संस्कार के लिए वेटिंग
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