वाराणसी : गंगा के बढ़ रहे जलस्तर के कारण जिला प्रशासन ने प्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान बदल दिया है. सावन में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए वाराणसी पुलिस की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं. पुलिस द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि गंगा आरती को कोविड-19 के दौर में कराई गई सांकेतिक आरती के तर्ज पर ही कराया जाए. जब तक बाढ़ का पानी नीचे नहीं चला जाता, तब तक इसी तर्ज पर आरती की जाए. इसके अलावा जारी आदेश में कहा गया है कि यदि गंगा आरती के दौरान कोई हादसा होता है, तो इसके लिए आरती समितियां जिम्मेदार होंगी.
बता दें कि वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. अब गंगा अपने चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर से लगभग 4 मीटर नीचे बह रही हैं. हर दिन गंगा के पानी में हो रही बढ़ोतरी के बाद गंगा आरती का स्थान प्रतिदिन बदल रहा है. जिसको लेकर जिला प्रशासन काफी परेशान हैं, क्योंकि सावन में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आने वाले भक्तों की भीड़ गंगा आरती के दौरान उमड़ रही है. इसके अलावा नदी में पानी बढ़ने की वजह से यहां पर कोई बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है. इसी आशंका को देखते हुए जिला पुलिस अलर्ट हो गया है.
गंगा आरती का आयोजन कराने वाली समितियों को पुलिस की ओर से कहा गया है कि फिलहाल एक अर्चक से सांकेतिक आरती कराएं. लोगों से अपील करें कि वह ज्यादा संख्या में फिलहाल गंगा आरती में शामिल होने न आएं. पुलिस भी घाटों की ओर ज्यादा संख्या में लोगों को जाने से रोकेगी. इसके साथ ही आयोजन समितियों को पुलिस की ओर से नोटिस जारी कर कहा गया है कि यदि आरती के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी हुई, तो उसकी जिम्मेदारी उनकी होगी.
एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने बताया कि गंगा आरती से जुड़ी आयोजन समितियों के लोगों के साथ बैठक की गई है. उनसे अनुरोध किया गया है कि वह एक ही अर्चक के माध्यम से फिलहाल सांकेतिक आरती कराएं. इस संबंध में आरती के आयोजकों को हमारी ओर से नोटिस भी जारी किया गया है. गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए घाटों पर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होने दी जाएगी. इस आदेश के बाद आरती समितियों ने भी आज से ही गंगा आरती एक पुजारी के साथ करने का निर्णय लिया है.
दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा सेवा निधि के मुख्य पारंपरिक आरती को करने वाली संस्था गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में हम लोगों ने यह निर्णय लिया है कि लगातार आ रही भीड़ की वजह से जब तक गंगा का जलस्तर सामान्य नहीं होता, तब तक एक पुरोहित के द्वारा ही गंगा आरती संपन्न कराई जाएगी. पुलिस के नोटिस के बाद दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का रूप बदल गया. सोमवार को 7 अर्चकों की जगह सिर्फ एक अर्चक ने ही गंगा आरती की.
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