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सरकारी नौकरी के नाम पर ठगने वाले गैंग का भंडाफोड़, 4 आरोपी गिरफ्तार

वाराणसी में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों से लाखों ऐंठने वाले गैंग पुलिस ने खुलासा किया है. एसटीएफ की टीम ने गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

varanasi
वाराणसी में ठग गिरफ्तार
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Published : Feb 6, 2021, 10:29 PM IST

वाराणसीः सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों से लाखों ऐंठने वाले गैंग पुलिस ने खुलासा किया है. एसटीएफ की टीम ने गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में एसटीएफ की ओर से बताया गया कि कुछ दिनों से वाराणसी और इसके आस-पास के जिलों में सचिवालय, बीएचयू, रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर एक गिरोह के सक्रिय होने की इनपुट मिलिट्री इन्टेलीजेन्स (एमआई) वाराणसी ने दी थी.

सरकारी नौकरी के नाम पर लगाते थे चूना
इस मामले में एसटीएफ की वाराणसी यूनिट को लगाया गया था. शनिवार को मुखबिर की सूचना पर गैंग के चार सदस्यों को रिंग रोड पर सिंहपुर चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया. इंस्पेक्टर अनिल सिंह के नेतृत्व में आरोपियों को धर-दबोचा गया.

फर्जी वेबसाइट का भी खुलासा
एसटीएफ के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पाया गया गया कि इनका एक संगठित गिरोह है. ये गैंग साल 2017 से सक्रिय है. ये लोग इंटरनेट पर सरकारी नौकरी की वेबसाइट चेक किया करते थे. इसके बाद इन लोगों ने लंका थाना क्षेत्र के सुन्दरपुर स्थित मैटिक्स कम्प्यूटर के मालिक विश्वेश मिश्रा से सम्पर्क किया और उसे पैसा का लालच देकर बीएचयू की फर्जी वेबसाइट rac3.org.in और उत्तर प्रदेश शासन के सचिवालय की फर्जी वेबसाइट sachivalaya.org.in बनवायी गयी.

5 लाख रुपये की करते थे डिमांड
एसटीएफ की पूछताछ में ये भी पता चला कि इन लोगों को ये जानकारी रहती थी कि किस-किस सरकारी विभाग में भर्तियां निकली हैं. भर्तियों का विज्ञापन निकलने के उपरान्त इन लोगों द्वारा विज्ञापन का स्क्रीनशाॅट लेकर इच्छुक अभ्यथियों को व्हाट्सअप पर भेजकर फार्म भरने के लिये कहा जाता था. संबंधित विभाग के विज्ञापन के अनुसार अभ्यर्थी फॉर्म भर देते थे. इसके बाद इन्हें भर्ती करवा देने का झांसा देकर इनसे 5-5 लाख रुपये की मांग करते थे. एडवान्स के रूप में कुछ पैसा मिलने के बाद अभ्यर्थियों को पूर्व से तैयार की गयी फर्जी वेबसाइट उपलब्ध कराते हुए बताया जाता था कि भर्ती का रिजल्ट वेबसाइट पर घोषित कर दिया गया है.

अब तक 60 लोगों से कर चुके हैं ठगी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वेबसाइट पर नाम देखने के बाद अभ्यर्थियों को यकीन हो जाता था और बाकी पैसा भी ये उनसे ऐंठ लेते थे. यही नहीं ये गैंग फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए अभ्यर्थियों के घर भेज देता था. पूछताछ में आरोपियों ने एसटीएफ को बताया कि ये लोग अब तक 60 लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं.

आरोपियों के पास कई सामान बरामद
पकड़े गए आरोपियों के नाम रामानुज भारद्वाज, अजय कुमार गौतम, अनिल भारती, विश्वेश मिश्रा है. सभी आरोपी वाराणसी के ही निवासी है. इनके पास से एसटीएफ ने 5 मोबाइल फोन, 8 रेलवे और सचिवालय में भर्ती हेतु कूटरचित ढंग से तैयार नियुक्ति पत्र, 3 बैंक चेक, एक लैपटॉप, 6 हजार रुपये नगद और दो बाइक बरामद किया गया है.

वाराणसीः सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों से लाखों ऐंठने वाले गैंग पुलिस ने खुलासा किया है. एसटीएफ की टीम ने गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में एसटीएफ की ओर से बताया गया कि कुछ दिनों से वाराणसी और इसके आस-पास के जिलों में सचिवालय, बीएचयू, रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर एक गिरोह के सक्रिय होने की इनपुट मिलिट्री इन्टेलीजेन्स (एमआई) वाराणसी ने दी थी.

सरकारी नौकरी के नाम पर लगाते थे चूना
इस मामले में एसटीएफ की वाराणसी यूनिट को लगाया गया था. शनिवार को मुखबिर की सूचना पर गैंग के चार सदस्यों को रिंग रोड पर सिंहपुर चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया. इंस्पेक्टर अनिल सिंह के नेतृत्व में आरोपियों को धर-दबोचा गया.

फर्जी वेबसाइट का भी खुलासा
एसटीएफ के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पाया गया गया कि इनका एक संगठित गिरोह है. ये गैंग साल 2017 से सक्रिय है. ये लोग इंटरनेट पर सरकारी नौकरी की वेबसाइट चेक किया करते थे. इसके बाद इन लोगों ने लंका थाना क्षेत्र के सुन्दरपुर स्थित मैटिक्स कम्प्यूटर के मालिक विश्वेश मिश्रा से सम्पर्क किया और उसे पैसा का लालच देकर बीएचयू की फर्जी वेबसाइट rac3.org.in और उत्तर प्रदेश शासन के सचिवालय की फर्जी वेबसाइट sachivalaya.org.in बनवायी गयी.

5 लाख रुपये की करते थे डिमांड
एसटीएफ की पूछताछ में ये भी पता चला कि इन लोगों को ये जानकारी रहती थी कि किस-किस सरकारी विभाग में भर्तियां निकली हैं. भर्तियों का विज्ञापन निकलने के उपरान्त इन लोगों द्वारा विज्ञापन का स्क्रीनशाॅट लेकर इच्छुक अभ्यथियों को व्हाट्सअप पर भेजकर फार्म भरने के लिये कहा जाता था. संबंधित विभाग के विज्ञापन के अनुसार अभ्यर्थी फॉर्म भर देते थे. इसके बाद इन्हें भर्ती करवा देने का झांसा देकर इनसे 5-5 लाख रुपये की मांग करते थे. एडवान्स के रूप में कुछ पैसा मिलने के बाद अभ्यर्थियों को पूर्व से तैयार की गयी फर्जी वेबसाइट उपलब्ध कराते हुए बताया जाता था कि भर्ती का रिजल्ट वेबसाइट पर घोषित कर दिया गया है.

अब तक 60 लोगों से कर चुके हैं ठगी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वेबसाइट पर नाम देखने के बाद अभ्यर्थियों को यकीन हो जाता था और बाकी पैसा भी ये उनसे ऐंठ लेते थे. यही नहीं ये गैंग फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए अभ्यर्थियों के घर भेज देता था. पूछताछ में आरोपियों ने एसटीएफ को बताया कि ये लोग अब तक 60 लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं.

आरोपियों के पास कई सामान बरामद
पकड़े गए आरोपियों के नाम रामानुज भारद्वाज, अजय कुमार गौतम, अनिल भारती, विश्वेश मिश्रा है. सभी आरोपी वाराणसी के ही निवासी है. इनके पास से एसटीएफ ने 5 मोबाइल फोन, 8 रेलवे और सचिवालय में भर्ती हेतु कूटरचित ढंग से तैयार नियुक्ति पत्र, 3 बैंक चेक, एक लैपटॉप, 6 हजार रुपये नगद और दो बाइक बरामद किया गया है.

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