वाराणसी: गांधर्व महोत्सव का आयोजन काशी की पवित्र भूमि पर किया जा रहा है. जिसका उद्देश्य आज की युवा पीढ़ी को पाश्चात्य सभ्यता के साथ-साथ पाश्चात्य संगीत की तरफ बढ़ावा देना है. वहीं अपनी सभ्यता और संगीत को खोते जा रहे युवाओं को संगीत की तरफ आकर्षित करना है.
हो रही बसंत पूजा-
- वाराणसी के गंगा घाट पर बसंत पूजा के साथ गांधर्व महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.
- वैदिक विद्वानों ने प्राचीन विद्या द्वारा इस महोत्सव का शुभारंभ किया.
- डॉ. मंजू द्विवेदी ने कहा कि वाराणसी में वेद और प्राचीन विद्या के अध्ययन का शुरू होना गौरव की बात है.
- आज के समकालीन परिप्रेक्ष्य में गान्धर्व महोत्सव होना बहुत ही आवश्यक है.
- उन्होने बताया कि संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि आराधना है.
काशी में गंधर्व महोत्सव का शुभारंभ हुआ है जिसका वैदिक विद्वानों द्वारा शुभारंभ किया गया है. साथ ही बसंत पूजा का भी आयोजन किया गया. जिसके साथ इस बात का संकेत दिया गया कि वैदिक वेद ही विज्ञान के जनक है. वेद और प्राची विद्या के अध्ययन के साथ शुरूआत हमारे लिए गौरव की बात है. आज के समकालीन परिपेक्ष में गान्धर्व महोत्सव बहुत ही आवश्यक है. यह कार्यक्रम आपको अपने खेतों, संस्कृति और सभ्यता के तरफ लाने का यह प्रयास है.
-डॉ.मंजू द्विवेदी, सदस्य, आयोजक मंडल