ETV Bharat / state

दो बार काशी आए थे प्रणब दा, BHU शताब्दी समारोह में हुए थे शामिल

भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बनारस से काफी लगाव था. वो दो बार बनारस आये थे और बीएचयू के शताब्दी समारोह में भी शामिल हुए थे.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बनारस के बीएचयू से था काफी लगाव.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बनारस के बीएचयू से था काफी लगाव.
author img

By

Published : Sep 1, 2020, 6:35 PM IST

वाराणसी : भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय से काफी लगाव था. यही वजह है कि बतौर राष्ट्रपति वह दो बार बीएचयू आए थे.

100 और 10 रुपये का सिक्का किया था जारी
असिस्टेंट प्रोफेसर भक्ति पुत्र रोहतक ने कहा कि प्रणव दा का जाना बेहद ही दुखद है. पूरा विश्व विद्यालय परिवार उन्हें श्रद्धांजलि देता है. उन्होंने ने कहा कि दो बार वह महामना की इस पावन भूमि में आए. 25 दिसंबर 2012 को महामना मालवीय जी की जयंती और 12 मई 2016 को बीएचयू के शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. इस अवसर पर प्रणव दा ने 10 और 100 का सिक्का जारी किया था.

भाषण के दौरान शोध को दिया महत्व
असिस्टेंट प्रोफेसर भक्ति पुत्र रोहतक ने स्मृति को साझा करते हुए कहा कि प्रणव दा ने अपने भाषण में शोध को महत्व दिया था. उनका मानना था कि शोध से देश की उन्नति होती है. शताब्दी समारोह के शुभ अवसर पर उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय, तक्षशिला विश्वविद्यालय का उल्लेख किया था.

वाराणसी : भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय से काफी लगाव था. यही वजह है कि बतौर राष्ट्रपति वह दो बार बीएचयू आए थे.

100 और 10 रुपये का सिक्का किया था जारी
असिस्टेंट प्रोफेसर भक्ति पुत्र रोहतक ने कहा कि प्रणव दा का जाना बेहद ही दुखद है. पूरा विश्व विद्यालय परिवार उन्हें श्रद्धांजलि देता है. उन्होंने ने कहा कि दो बार वह महामना की इस पावन भूमि में आए. 25 दिसंबर 2012 को महामना मालवीय जी की जयंती और 12 मई 2016 को बीएचयू के शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. इस अवसर पर प्रणव दा ने 10 और 100 का सिक्का जारी किया था.

भाषण के दौरान शोध को दिया महत्व
असिस्टेंट प्रोफेसर भक्ति पुत्र रोहतक ने स्मृति को साझा करते हुए कहा कि प्रणव दा ने अपने भाषण में शोध को महत्व दिया था. उनका मानना था कि शोध से देश की उन्नति होती है. शताब्दी समारोह के शुभ अवसर पर उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय, तक्षशिला विश्वविद्यालय का उल्लेख किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.