वाराणसी: शिवपुर थाना क्षेत्र में 2005 के गैंगस्टर के मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए अवनीश गौतम की अदालत ने जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व एमएलए उदयभान सिंह को 10 साल की कड़ी कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा बुधवार को सुनाई थी. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर पूर्व विधायक को पुलिस ने न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जिला जेल भेज दिया था, लेकिन पूर्व विधायक की पुरानी सजा की अवधि 10 साल 07 महीने की अवधि पूर्ण होने के बाद गुरुवार को न्यायालय के आदेश पर उसे जेल से रिहा कर दिया गया.
दरअसल वाराणसी के जेल में अनु त्रिपाठी की हत्या के मामले में गैंगस्टर के तहत उदयभान सिंह डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले की सुनवाई करते हुए कल कोर्ट ने उदयभान को दोषी पाया था और 10 वर्ष कारावास सहित 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा था कि पूर्व में काटी गई सजा के आधार पर वर्तमान सजा के लिए दिए गए आदेश को समायोजित किया जाए. इसके बाद कल जेल में जाने के बाद उदयभान की 11 वर्ष काटी गई. सजा का आकलन करने के बाद कोर्ट को जिला जेल की तरफ से यह सूचना दी गई. जिसके बाद गुरुवार को 10 वर्ष की सजा पूर्ण किए जाने की बात कहते हुए कोर्ट ने उदयभान को रिहा करने का आदेश दिया, देर शाम उदयभान को जेल से रिहा कर दिया गया.
पूर्व विधायक उदयभान तिहरे हत्याकांड में सजा काट चुका है. गोपीगंज मिर्जापुर तिराहे पर 4 अप्रैल 1999 को सूर्यनारायण उर्फ वकील शुक्ला देवी शंकर दुबे और शेषमणि दुबे की हत्या हुई थी. इस मामले में औराई के पूर्व विधायक उदयभान सिंह उर्फ डॉक्टर सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा का दर्ज किया गया था. घटना के बाद उदयभान फरार चल रहा था. 2001 में अदालत में हाजिर होने के बाद 2002 में जेल से ही औराई विधानसभा सीट से बसपा के सिंबल पर उसने चुनाव भी जीता. 2004 में तिहरे हत्याकांड में जिला जज की अदालत ने अजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद उदयभान की विधानसभा सदस्यता भी चली गई थी. उदयभान प्रदेश का पहला ऐसा विधायक था, जिसकी सदस्यता किसी मामले में सुनवाई के बाद हुई सजा के बाद समाप्त की गई थी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा को बरकरार रखा था. जेल में आचरण अच्छे होने और खराब स्वास्थ्य के कारण उदयभान को 8 या 12 महीने पहले रिहा करने का आदेश उसकी दया याचिका के आधार पर दे दिया गया था. रिहाई में एक शर्त रखी गई थी कि भदोही या मिर्जापुर जिले में वह प्रवेश नहीं करेगा.
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