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गैंगस्टर मामले में पूर्व विधायक उदयभान सिंह को 10 साल की सजा

वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट (Varanasi MP MLA Court) ने पूर्व विधायक उदयभान सिंह (Former MLA Udaybhan Singh) को 10 साल की सजा सुनाई है. यह सजा 2005 के गैंगस्टर के मामले में दी गई है. पूर्व विधायक एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2023, 11:02 PM IST

Updated : Nov 30, 2023, 6:49 AM IST

वाराणसी: शिवपुर थाना क्षेत्र में 2005 के गैंगस्टर के मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए अवनीश गौतम की अदालत ने पूर्व एमएलए उदयभान सिंह को 10 साल कड़ी कैद की सजा सुनाई है. इसी के साथ एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, जुर्माना न भरने की कंडीशन में 6 माह अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी.

न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है कि पुराने मामले में जमानत पर चल रहे उदयभान को तत्काल गिरफ्तार किया जाए. बता दें कि उदयभान सिंह तिहरे हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. शिवपुर थाना क्षेत्र स्थित सेंट्रल जेल में 2005 में पूर्वांचल के शूटर अन्नू त्रिपाठी की हत्या हुई थी. इस मामले में उदयभान सिंह पर गैंगस्टर समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसकी सुनवाई वाराणसी के एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी. इसमें कोर्ट ने बुधवार को 10 साल की सजा सुनाई है.

बता दें कि गोपीगंज मिर्जापुर तिराहे पर 4 अप्रैल 1999 को सूर्यनारायण उर्फ वकील शुक्ला, देवी शंकर दुबे और शेषमणि दुबे की हत्या हुई थी. इस मामले में औराई के पूर्व विधायक उदयभान सिंह उर्फ डॉक्टर सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इस घटना के बाद उदयभान चर्चा में आ गया. लेकिन, वह इस घटना के बाद से फरार चल रहा था. इसके बाद 2001 में अदालत में हाजिर होने के बाद 2002 में जेल से ही औराई विधानसभा सीट से बसपा के सिंबल पर उदयभान सिंह ने चुनाव में जीत दर्ज की थी.

2004 में तिहरे हत्याकांड में जिला जज की अदालत ने उसे अजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद उदयभान की विधानसभा सदस्यता भी चली गई थी. उदयभान सिंह उस वक़्त प्रदेश का पहला ऐसा विधायक था, जिसकी सदस्यता किसी मामले में सुनवाई के बाद हुई सजा के बाद समाप्त की गई थी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा को बरकरार रखा था. जेल में अच्छे आचरण और खराब स्वास्थ्य के कारण उदयभान को 8 महीने पहले रिहा करने का आदेश उसकी दया याचिका के आधार पर दिया गया था. रिहाई में एक शर्त रखी गई थी कि भदोही या मिर्जापुर जिले में वह प्रवेश नहीं करेगा. इसीलिए इन दिनों उदयभान सिंह जमानत पर बाहर था. लेकिन, अब गैंगस्टर मामले में 10 साल की सजा होने के बाद कोर्ट ने तत्काल उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें: 23 साल पुराने मामले में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

यह भी पढ़ें: बीमार पूर्व विधायक उदयभान सिंह को राहत, अगली सुनवाई में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होंगे पेश

वाराणसी: शिवपुर थाना क्षेत्र में 2005 के गैंगस्टर के मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए अवनीश गौतम की अदालत ने पूर्व एमएलए उदयभान सिंह को 10 साल कड़ी कैद की सजा सुनाई है. इसी के साथ एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, जुर्माना न भरने की कंडीशन में 6 माह अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी.

न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है कि पुराने मामले में जमानत पर चल रहे उदयभान को तत्काल गिरफ्तार किया जाए. बता दें कि उदयभान सिंह तिहरे हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. शिवपुर थाना क्षेत्र स्थित सेंट्रल जेल में 2005 में पूर्वांचल के शूटर अन्नू त्रिपाठी की हत्या हुई थी. इस मामले में उदयभान सिंह पर गैंगस्टर समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसकी सुनवाई वाराणसी के एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी. इसमें कोर्ट ने बुधवार को 10 साल की सजा सुनाई है.

बता दें कि गोपीगंज मिर्जापुर तिराहे पर 4 अप्रैल 1999 को सूर्यनारायण उर्फ वकील शुक्ला, देवी शंकर दुबे और शेषमणि दुबे की हत्या हुई थी. इस मामले में औराई के पूर्व विधायक उदयभान सिंह उर्फ डॉक्टर सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इस घटना के बाद उदयभान चर्चा में आ गया. लेकिन, वह इस घटना के बाद से फरार चल रहा था. इसके बाद 2001 में अदालत में हाजिर होने के बाद 2002 में जेल से ही औराई विधानसभा सीट से बसपा के सिंबल पर उदयभान सिंह ने चुनाव में जीत दर्ज की थी.

2004 में तिहरे हत्याकांड में जिला जज की अदालत ने उसे अजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद उदयभान की विधानसभा सदस्यता भी चली गई थी. उदयभान सिंह उस वक़्त प्रदेश का पहला ऐसा विधायक था, जिसकी सदस्यता किसी मामले में सुनवाई के बाद हुई सजा के बाद समाप्त की गई थी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा को बरकरार रखा था. जेल में अच्छे आचरण और खराब स्वास्थ्य के कारण उदयभान को 8 महीने पहले रिहा करने का आदेश उसकी दया याचिका के आधार पर दिया गया था. रिहाई में एक शर्त रखी गई थी कि भदोही या मिर्जापुर जिले में वह प्रवेश नहीं करेगा. इसीलिए इन दिनों उदयभान सिंह जमानत पर बाहर था. लेकिन, अब गैंगस्टर मामले में 10 साल की सजा होने के बाद कोर्ट ने तत्काल उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया है.

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Last Updated : Nov 30, 2023, 6:49 AM IST
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