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वाराणसी: तस्करी के लिए ले जाए जा रहे मोर के बच्चों को वन विभाग ने छुड़ाया

यूपी के वाराणसी जिले में तस्करी के लिए ले जाए जा रहे मोर के 3 बच्चों को वन विभाग की टीम ने सुरक्षित बचा लिया. विभाग ने शनिवार को सारनाथ स्थित मिनी जू में इनको सुरक्षित शिफ्ट कर दिया गया है. बता दें कि मिनी जू पर वन कर्मियों द्वारा मोर के बच्चों की देखभाल की जा रही है.

मोर के बच्चों की तस्करी
मोर के बच्चों की तस्करी
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Published : Sep 27, 2020, 6:47 AM IST

वाराणसीः वन विभाग की टीम ने तस्करी के लिए बाहर ले जाए जा रहे राष्‍ट्रीय पक्षी मोर के माह भर के 3 बच्चों को मुक्त करा कर शनिवार को सारनाथ स्थित मिनी जू में सुरक्षित कर दिया है. फ‍िलहाल मिनी जू पर वन कर्मियों द्वारा मोर के बच्‍चों की देखभाल की जा रही है.

इस बाबत वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि भदोही जिले में वन विभाग की टीम ने बनकट गांव में छापा मारकर एक तस्कर के पास से तीन मोर के बच्चे को मुक्त कराया था. जिन्हें सारनाथ मिनी जू लाया गया और उनको सुरक्षित पिंजरे में रखा गया है. कर्मियों ने बताया कि इनमें से दो नर और एक मादा हैं.

सारनाथ पक्षी केंद्र प्रभारी अमित दुबे ने बताया कि अभी तीनों मोर के बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ हैं. तीनों अभी 1 माह के हैं. उनकी सेहत की निगरानी की जा रही है. समय-समय पर तीनों बच्चों को सत्तू का घोल पिलाया जा रहा है और सुरक्षा के लिए इनको पिंजरे में रखा गया है. जब इनका स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा तो उन्हें मुक्त कर दिया जाएगा. राष्ट्रीय पक्षी होने के नाते इनकी सुरक्षा और सेहत के लिए टीम पूरी तरीके से मुस्तैद की गई है.

वाराणसीः वन विभाग की टीम ने तस्करी के लिए बाहर ले जाए जा रहे राष्‍ट्रीय पक्षी मोर के माह भर के 3 बच्चों को मुक्त करा कर शनिवार को सारनाथ स्थित मिनी जू में सुरक्षित कर दिया है. फ‍िलहाल मिनी जू पर वन कर्मियों द्वारा मोर के बच्‍चों की देखभाल की जा रही है.

इस बाबत वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि भदोही जिले में वन विभाग की टीम ने बनकट गांव में छापा मारकर एक तस्कर के पास से तीन मोर के बच्चे को मुक्त कराया था. जिन्हें सारनाथ मिनी जू लाया गया और उनको सुरक्षित पिंजरे में रखा गया है. कर्मियों ने बताया कि इनमें से दो नर और एक मादा हैं.

सारनाथ पक्षी केंद्र प्रभारी अमित दुबे ने बताया कि अभी तीनों मोर के बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ हैं. तीनों अभी 1 माह के हैं. उनकी सेहत की निगरानी की जा रही है. समय-समय पर तीनों बच्चों को सत्तू का घोल पिलाया जा रहा है और सुरक्षा के लिए इनको पिंजरे में रखा गया है. जब इनका स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा तो उन्हें मुक्त कर दिया जाएगा. राष्ट्रीय पक्षी होने के नाते इनकी सुरक्षा और सेहत के लिए टीम पूरी तरीके से मुस्तैद की गई है.

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