वाराणसी: 338 करोड़ की लागत से वाराणसी में 5 रेलवे ओवर ब्रिज, फ्लाई ओवर व नदी पर पुल बनाये जा रहे हैं. जिनके पूरा होने के बाद काशी नगरी को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी. इनमें से लहरतारा फुलवारियां मार्ग पर बन रहे दो रेलवे ओवर ब्रिज और वरुणा नदी पर बन रहा ब्रिज वाराणसी के यातायात के लिए वरदान साबित होगा. वाराणसी और इसके आसपास स्थित बौद्ध स्थल सारनाथ में विदेशी पर्यटकों बड़ी संख्या में आते हैं और इन सब निर्माणों के बाद उनका भी समय बचेगा. यही नहीं पड़ोसी जिले भदोही और मिर्जापुर भी अपनी विशेषताओं को लेकर प्रसिद्ध हैं और वाराणसी से होकर इन स्थानों की यात्रा भी अब आसान होने की राह पर है. यह सभी कार्य 2021 में ही पूरे हो जाएंगे.
'काशी न रुकती है न थमती है यह निरंतर चलती है'. यह बातें पीएम मोदी ने एक दिन पहले ही वाराणसी को 1,500 करोड़ की योजनाओं की सौगात देने के बाद कहीं थी. यही वजह है कि करोड़ों की सौगात मिलने के पहले से ही बनारस में कई प्रोजेक्ट आगे बढ़ रहे हैं. इनमें महत्वपूर्ण है शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए तैयार हो रहे पुल, फ्लाईओवर और आरओबी हैं.
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में शहर और ग्रामीण क्षेत्रो में रेलवे ओवर ब्रिज, फ्लाई ओवर व नदी पर पुलों का ऐसा जाल बिछाया है. जिससे काशी के एक कोने से दूसरे कोने तक जाना आसान होगा बल्कि शहर में भी गाड़ियां फर्राटा दौड़ेंगी.
सबसे बड़ी बात है कि बनारस में इन नए पुल के बनने से बड़ा बदलाव शहर की यातायात व्यवस्था में देखने को मिलेगा. अकेले फुलवरिया पर 307.77 करोड़ की लागत से शिवपुर-फुलवरिया फोरलेन योजना चल रही है. इसी योजना के निर्माण में शामिल हैं फ्लाईओवर, आरओबी, नदी पर पुल और छावनी क्षेत्र में सड़क का निर्माण. जिससे वरुणा पार जाना आसान होगा और लगभग एक घंटे का समय बचेगा. इतना ही नहीं कपसेठी में आरओबी, कालिकाधाम में फ्लाईओवर, कज्जाकपुरा में फ्लाईओवर संग दो आरओबी बन रहे है. जबकि वरुणा पर भी फुलवरिया से आगे एक पुल बनाया जा रहा है. जिससे आने वाले समय में बनारस को ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी.
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