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वाराणसी: देशी और विदेशी फूलों से गुलजार हुई महामना की बगिया, लोगों ने ली जमकर सेल्फी

पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस मौके पर 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान कई रंग-बिरंगे फूलों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिससे मोहित होकर लोगों ने जमकर सेल्फी ली.

देशी और विदेशी फूलों से गुलजार हुआ महामना का बगिया
देशी और विदेशी फूलों से गुलजार हुआ महामना का बगिया.
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Published : Dec 25, 2019, 9:45 PM IST

वाराणसी: भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की 158वीं जयंती के अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय मालवीय भवन में पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. पंखुड़ियों से निकली सुगन्ध ने पूरे विश्वविद्यालय के वातावरण को दूर दूर तक सुगंधित कर दिया.

पुष्प प्रदर्शनी में खासतौर पर गुलाब, गोदावारी, गुलदाउदी, रजनीगंधा, ग्लेडियोलस की ढेरों प्रजाति लोगों को देखने को मिली. पुष्प प्रदर्शनी में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. लगभग छह हजार पुष्प की प्रदर्शनी दिखाई गई. प्रदर्शनी में सबसे अच्छे फूल को पुरस्कार भी दिया गया.

बीएचयू में लगाई गई पुष्प प्रदर्शनी.

पुष्प प्रदर्शनी देखने आई स्नेहा ने बताया कि हम लोगों को 1 साल इसका इंतजार रहता है. हम इस प्रदर्शनी को देखने के लिए परिवार के साथ आते हैं. इतने सारे फूल देखकर बहुत अच्छा लगता है. यहां पर गुलाब की अलग-अलग प्रजातियां देखने को मिलती हैं. हमें बहुत अच्छा लगता है.

etv bharat
फूलों से बनाया गया मंडप.

वहीं साक्षी व्यास ने बताया कि यह प्रदर्शनी बेहद खास होती है. महामना की जयंती पर प्रतिवर्ष लगाई जाती है. यहां पर फूलों की वैरायटी जितनी एक साथ देखने को मिलेगी, वह और कहीं नहीं मिलेगी. हम हर वर्ष यहां आते हैं.

ये भी पढ़ें: वाराणसी: धर्म संसद का हुआ आयोजन, देश में सुख और शांति इसका उद्देश्य

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राकेश भटनागर ने बताया कि मालवीय जी की जयंती के अवसर पर हर साल हम पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन करते हैं. इस प्रदर्शनी के बाद सबसे अच्छे फूल को पुरस्कृत भी किया जाता है.

वाराणसी: भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की 158वीं जयंती के अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय मालवीय भवन में पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. पंखुड़ियों से निकली सुगन्ध ने पूरे विश्वविद्यालय के वातावरण को दूर दूर तक सुगंधित कर दिया.

पुष्प प्रदर्शनी में खासतौर पर गुलाब, गोदावारी, गुलदाउदी, रजनीगंधा, ग्लेडियोलस की ढेरों प्रजाति लोगों को देखने को मिली. पुष्प प्रदर्शनी में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. लगभग छह हजार पुष्प की प्रदर्शनी दिखाई गई. प्रदर्शनी में सबसे अच्छे फूल को पुरस्कार भी दिया गया.

बीएचयू में लगाई गई पुष्प प्रदर्शनी.

पुष्प प्रदर्शनी देखने आई स्नेहा ने बताया कि हम लोगों को 1 साल इसका इंतजार रहता है. हम इस प्रदर्शनी को देखने के लिए परिवार के साथ आते हैं. इतने सारे फूल देखकर बहुत अच्छा लगता है. यहां पर गुलाब की अलग-अलग प्रजातियां देखने को मिलती हैं. हमें बहुत अच्छा लगता है.

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फूलों से बनाया गया मंडप.

वहीं साक्षी व्यास ने बताया कि यह प्रदर्शनी बेहद खास होती है. महामना की जयंती पर प्रतिवर्ष लगाई जाती है. यहां पर फूलों की वैरायटी जितनी एक साथ देखने को मिलेगी, वह और कहीं नहीं मिलेगी. हम हर वर्ष यहां आते हैं.

ये भी पढ़ें: वाराणसी: धर्म संसद का हुआ आयोजन, देश में सुख और शांति इसका उद्देश्य

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राकेश भटनागर ने बताया कि मालवीय जी की जयंती के अवसर पर हर साल हम पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन करते हैं. इस प्रदर्शनी के बाद सबसे अच्छे फूल को पुरस्कृत भी किया जाता है.

Intro: भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के 158 वी जयंती के अवसर पर परिसर के मालवीय भवन में पुष्प प्रदर्शनी आयोजन किया गया। पंखुड़ियों से निकली सुन्ध ने पूरे विश्व विद्यालय के वातावरण को दूर दूर तक सुगंधित कर दिया। पुष्प प्रदर्शनी में खासतौर पर गुलाब,गोदावरी,रजनीगंधा, ग्लेडियोलस की ढेरों प्रजाति का लोगो को देखने को मिली। एक साथ अपने बिच रंग-बिरंगे इतने फूलों का देख कर क्या बच्चे क्या बूढ़े और क्या जवान सब ने इस पल को अपने कैमरे में कैद करते नजर आए। और जमकर सेल्फी लिया। कहीं विभिन्न प्रकार के फूल तो कहीं फूलों से मंडप बनाया गया। फूलों से महामना की आकृति बनाई गई तो वही भगवान गणेश को भी बनाया गया।


Body:पुष्प प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग हॉस्टल उद्यान के साथ ही जिले के विभिन्न संस्थाओं जैसे डीरेका 39 जीटीसी राष्ट्रीय बीज प्रशिक्षण संस्थान स्थानीय नर्सरी आम लोगों ने भागीदारी की प्रदर्शनी में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया लगभग छह हजार पुष्प की प्रदर्शनी दिखाई गई। प्रदर्शनी में सबसे अच्छे फूल को पुरस्कार भी दिया गया।

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं प्रोफेसर कर्मचारियों के अलावा शहर के कोने-कोने से लोग इस पुष्प प्रदर्शनी को देखने आते हैं। वहीं विदेशी पर्यटकों को भी यह पुष्प प्रदर्शनी अपनी ओर आकर्षित करता है।


Conclusion:स्नेहा ने बताया हम लोगों को 1 साल इस प्रश्न का इंतजार रहता है हम पूरे फैमिली के साथ आते हैं।इस प्रदर्शनी को देखने एक साथ इतने सारे फूल देखकर बहुत अच्छा लगता है।वह भी यहां पर गुलाब की अलग-अलग प्रकार देखने को मिलती हैं।हमें बहुत अच्छा लगता है।

बाईट :-- स्नेहा, स्थानीय

साक्षी व्यास ने बताया यह प्रदर्शनी बेहद खास होती है। महामना की जयंती पर प्रतिवर्ष लगाई जाती है। आप यहां पर जितनी फूलों की वैरायटी एक साथ देखने को मिलेगी और कहीं नहीं मिलेगी। अब देखो कितने सारे लोग यहां पर केवल इस फ्लावर एग्जिबिशन को देखने आए हैं। हम महामना के मानस पुत्र हैं। इसलिए हम हर वर्ष यहां आते हैं। तैयारियां भी करते हैं।

डॉ राकेश भटनागर ने बताया कि आज मालवीय जी जयंती है। इस अवसर पर हम विशेष तरीके से उनकी जयंती मनाते हैं हम पुष्प प्रदर्शनी लगाते हैं। जितने भी प्रकार के फूल हमारे यहां होते हैं। उनका हम प्रदर्शनी लगाते हैं ।स्थानों से फूल आते हैं। यह प्रदर्शनी लगाई जाती है।इस प्रदर्शनी से हमें कंपटीशन भी करते हैं। कि सबसे अच्छा फूल किसका बाद में उन्हें पुरस्कृत भी किया जाता है।

बाईट :-- डॉ राकेश भटनागर, कुलपति,काशी हिंदू विश्वविद्यालय।

आशुतोष उपाध्याय
7007459303

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