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वाराणसी में एक बार फिर बदलनी पड़ी गंगा आरती की जगह, अब इस घाट पर हो रही आरती

धर्म नगरी वाराणसी में एक बार फिर से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. घाट डूब गए हैं, नावों का चलना बंद कर दिया गया है. साथ ही गंगा आरती का स्थान भी बदल दिया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 22, 2023, 3:36 PM IST

वाराणसी: एक बार फिर वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है. इससे घाटों का संपर्क टूट गया है. इतना ही नहीं गंगा आरती की भी जगह एक बार फिर बदलनी पड़ गई है. इसके साथ ही नाव चालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें, रोजी-रोटी का संकट सामने दिखाई दे रहा है. लोग घाटों पर गलियों से होकर जा रहे हैं. इसके साथ ही पर्यटकों का आना भी इधर कम हो गया है.

एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा जलस्तरः केन्द्रीय जल आयोग के आंकड़े के अनुसार बीते दिनों गंगा का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था. हालंकि, शुक्रवार की सुबह गंगा का जलस्तर स्थिर रहा है. लेकिन, घाटों की सीढ़ियों पर पानी आ गया है. इससे लोग घाट पर आ तो रहे हैं, लेकिन वापस चले जा रहे हैं. वहां पर बैठने की जगह नहीं रह गई है. सीढ़ियों पर पानी आने से घाट पर गंगा आरती भी नहीं हो पा रही है.

Flood
गंगा का जलस्तर बढ़ने से नावों का संचालन रोक दिया गया है

गंगा नदी का कितना हो गया जलस्तरः घाटों पर पानी आ जाने के कारण गंगा आरती की जगह एक बार फिर बदलनी पड़ी है. बता दें कि वाराणसी में मौजूदा समय में गंगा का जलस्तर 65.29 मीटर दर्ज किया गया हैं. जलस्तर 65 मीटर के ऊपर जाते ही प्रशासन द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से नाव संचालन भी बंद कर दिया जाता है. गंगा के जलस्तर का बढ़ना नाव चलाने वालों के लिए दिक्कत बनता जा रहा है. नाव बंद होते हैं तो नाविकों की रोजी-रोटी पर काफी असर पड़ता है. नाविकों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने के कारण शाम 5 बजे ही नाव का संचालन बंद हो जाता है. इसके बाद पर्यटकों को घुमा नहीं सकते हैं.

Flood
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण किनारे पर खड़ी हैं नाव

पर्यटक घाटों से वापस जा रहेः गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाटों का संपर्क टूट गया है. काशी के एक घाट से दूसरे घाट जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में यहां घाटों पर घूमने आने वाले पर्यटक वापस चले जा रहे हैं. कुछ लोग जलस्तर का पता लगने के बाद घाट घूमने के लिए आ ही नहीं रहे हैं. ऐसे में घाटों पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों को भी काफी नुकसान हो रहा है. वहीं पर्यटक कम होने से नाविकों को भी नुकसान हो रहा है.

दशाश्वमेध घाट की सीढ़ियों पर हो रही गंगा आरतीः गंगा जलस्तर बढ़ने से आरती भी प्रभावित हुई है. वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती भी घाट की सीढ़ियों पर होने लगी हैं. कुछ जगहों पर सीढ़ियों पर भी पानी पहुंचा है. दशाश्वमेध घाट की आरती देखने के लिए सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में उन्हें भी इस समय परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अस्सी घाट से मणिकर्णिका जाने पर बहुत सारा सिल्ट जमा हो गया है. ऐसे में उस तरफ जाने पर काफी परेशानी हो रही है. सिल्ट जमा होने से फिसलन बढ़ गई है.

Flood
गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाट पर स्थित मंदिर भी डूब गया

हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार में आ रही समस्याः गंगा का पानी बढ़ने के कारण हरिश्चंद्र घाट पर चिताओं को जलाने में समस्या आ रही है. घाट पर चिता जलाने वाला स्थान भी डूब चुका है. सीढ़ियों पर लकड़ियां सजाकर अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इस प्रक्रिया में भी करीब 2 से 3 घण्टे से अधिक समय लग रहा है. शव दाह के लिए रखी गईं लकड़ियां भी गीली हो चुकी हैं, जिससे शवों को जलने में भी अधिक समय लग रहा है. इसके साथ ही लोग ठेलों पर रखकर लकड़ियां ला रहे हैं. ऐसे में गलियों में भी चलना मुश्किल हो रहा है.

ये भी पढ़ेंः गंगा की लहरों पर चलेगा मेड इन वाराणसी विश्वनाथम क्रूज, बनारसी अंदाज का कराया गया एहसास

वाराणसी: एक बार फिर वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है. इससे घाटों का संपर्क टूट गया है. इतना ही नहीं गंगा आरती की भी जगह एक बार फिर बदलनी पड़ गई है. इसके साथ ही नाव चालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें, रोजी-रोटी का संकट सामने दिखाई दे रहा है. लोग घाटों पर गलियों से होकर जा रहे हैं. इसके साथ ही पर्यटकों का आना भी इधर कम हो गया है.

एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा जलस्तरः केन्द्रीय जल आयोग के आंकड़े के अनुसार बीते दिनों गंगा का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था. हालंकि, शुक्रवार की सुबह गंगा का जलस्तर स्थिर रहा है. लेकिन, घाटों की सीढ़ियों पर पानी आ गया है. इससे लोग घाट पर आ तो रहे हैं, लेकिन वापस चले जा रहे हैं. वहां पर बैठने की जगह नहीं रह गई है. सीढ़ियों पर पानी आने से घाट पर गंगा आरती भी नहीं हो पा रही है.

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गंगा का जलस्तर बढ़ने से नावों का संचालन रोक दिया गया है

गंगा नदी का कितना हो गया जलस्तरः घाटों पर पानी आ जाने के कारण गंगा आरती की जगह एक बार फिर बदलनी पड़ी है. बता दें कि वाराणसी में मौजूदा समय में गंगा का जलस्तर 65.29 मीटर दर्ज किया गया हैं. जलस्तर 65 मीटर के ऊपर जाते ही प्रशासन द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से नाव संचालन भी बंद कर दिया जाता है. गंगा के जलस्तर का बढ़ना नाव चलाने वालों के लिए दिक्कत बनता जा रहा है. नाव बंद होते हैं तो नाविकों की रोजी-रोटी पर काफी असर पड़ता है. नाविकों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने के कारण शाम 5 बजे ही नाव का संचालन बंद हो जाता है. इसके बाद पर्यटकों को घुमा नहीं सकते हैं.

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गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण किनारे पर खड़ी हैं नाव

पर्यटक घाटों से वापस जा रहेः गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाटों का संपर्क टूट गया है. काशी के एक घाट से दूसरे घाट जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में यहां घाटों पर घूमने आने वाले पर्यटक वापस चले जा रहे हैं. कुछ लोग जलस्तर का पता लगने के बाद घाट घूमने के लिए आ ही नहीं रहे हैं. ऐसे में घाटों पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों को भी काफी नुकसान हो रहा है. वहीं पर्यटक कम होने से नाविकों को भी नुकसान हो रहा है.

दशाश्वमेध घाट की सीढ़ियों पर हो रही गंगा आरतीः गंगा जलस्तर बढ़ने से आरती भी प्रभावित हुई है. वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती भी घाट की सीढ़ियों पर होने लगी हैं. कुछ जगहों पर सीढ़ियों पर भी पानी पहुंचा है. दशाश्वमेध घाट की आरती देखने के लिए सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में उन्हें भी इस समय परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अस्सी घाट से मणिकर्णिका जाने पर बहुत सारा सिल्ट जमा हो गया है. ऐसे में उस तरफ जाने पर काफी परेशानी हो रही है. सिल्ट जमा होने से फिसलन बढ़ गई है.

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गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाट पर स्थित मंदिर भी डूब गया

हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार में आ रही समस्याः गंगा का पानी बढ़ने के कारण हरिश्चंद्र घाट पर चिताओं को जलाने में समस्या आ रही है. घाट पर चिता जलाने वाला स्थान भी डूब चुका है. सीढ़ियों पर लकड़ियां सजाकर अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इस प्रक्रिया में भी करीब 2 से 3 घण्टे से अधिक समय लग रहा है. शव दाह के लिए रखी गईं लकड़ियां भी गीली हो चुकी हैं, जिससे शवों को जलने में भी अधिक समय लग रहा है. इसके साथ ही लोग ठेलों पर रखकर लकड़ियां ला रहे हैं. ऐसे में गलियों में भी चलना मुश्किल हो रहा है.

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