वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी का आजादी की लड़ाई में शुरू से ही बड़ा योगदान रहा है. धार्मिक नगरी होने के कारण देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी श्रद्धालु यहां पर आते थे. उन श्रद्धालुओं के साथ क्रांतिकारी यहां पर आकर देश की आजादी की रणनीति बनाते थे. यही वजह है कि देश में हर बड़े आंदोलन के पीछे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बनारस का योगदान रहा. सन् 1781 में ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों को यहां से भागना पड़ा और देश की आजादी के नींव भी इसी दिन रखी गई.
भारत में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहला विद्रोह, जानें कहां रखी गई आजादी की नींव ! - india first time rebel against british government
15 अगस्त यानी एक ऐसा दिन जब हर भारतीय खुद को गौरवान्वित महसूस करता है. ऐसे में ईटीवी भारत आज आपको बताएगा कि 1857 के विद्रोह के पहले भारत में किस नगरी में और कब अंग्रेजों का विरोध हुआ था, जिसमें कई अंग्रेजी अधिकारी समेत लगभग 200 जवान मारे गए थे.
वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी का आजादी की लड़ाई में शुरू से ही बड़ा योगदान रहा है. धार्मिक नगरी होने के कारण देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी श्रद्धालु यहां पर आते थे. उन श्रद्धालुओं के साथ क्रांतिकारी यहां पर आकर देश की आजादी की रणनीति बनाते थे. यही वजह है कि देश में हर बड़े आंदोलन के पीछे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बनारस का योगदान रहा. सन् 1781 में ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों को यहां से भागना पड़ा और देश की आजादी के नींव भी इसी दिन रखी गई.