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काशी तमिल संगमम में पहुंचीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, शंकर नेत्रालय का किया भूमि पूजन

काशी तमिल संगमम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहुंचीं. वहीं, इस दौरान उन्हें तमिल में लिखी हुई गीता और काशी के रिश्ते को दर्शाता हुआ प्रतीक चिन्ह दिया गया.

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Published : Dec 4, 2022, 1:55 PM IST

Updated : Dec 4, 2022, 9:27 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वाराणसी: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण तीन दिवसीय दौरे पर वाराणसी में हैं. इस दौरान वह लगातार धार्मिक यात्रा कर रही हैं. इसी कड़ी में रविवार सुबह 12 बजे वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित काशी तमिल संगमम में पहुंचीं, जहां उन्हें तमिल में लिखी हुई गीता और काशी के रिश्ते को दर्शाता हुआ प्रतीक चिन्ह दिया गया. इस दौरान उन्होंने शंकर नेत्रालय का भूमि पूजन करने के साथ छात्रों संग संवाद किया. तमिल संगम में सांस्कृतिक संध्या का भी हिस्सा बनी और उन्होंने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.

जानकारी देते हुए प्रमुख आयोजक पंडित चमू कृष्ण शास्त्री

वित्त मंत्री ने संगमम में लिया भाग, छात्रों संग किया संवाद
संगमम में सुबह लगभग 11 बजे निर्मला सीतारमण पहुंची, जहां पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत हुआ. इस दौरान कार्यक्रम में दक्षिण भारतीय मेहमानों ने स्वागत करते हुए कहा कि, इस संगमम से एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना साकार हो रही है. तमिल के लोग काशी के संस्कति को जान और पहचान रहे हैं. कार्यक्रम का आयोजक पंडित चमू कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि, यह बेहद खास मौका है. जब वित्त मंत्री उनके बीच में मौजूद है. उन्होंने बताया कि, उनका आना इस संगठन की शोभा को और बढ़ा रहा है. बीते दिन जहां वह काशी की गलियों में घूमे थी, तो वहीं आज संगमम में उन्होंने काशी तमिल के मंदिरों के ऊपर चर्चा की और कैसे दोनों संस्कृतियों को और मजबूत बनाया जा सके.

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तमिल वासी से मिलती निर्माल सीतारमण

यथार्थ गीता का किया विमोचन
उन्होंने बताया कि, आज कार्यक्रम में वित्त मंत्री को यथार्थ गीता भेंट की गई है, जिसका उन्होंने भी विमोचन किया है. संगमम के बाद वित्त मंत्री काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आर्किटेक्चर एंड अदर हेरिटेज फॉर्म इन आईकेएएस पर एक सेमिनार में पहुंची, जहां स्वतंत्रता भवन में वाणिज्य विभाग के पूरा छात्रों संग संवाद किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन दिवसीय प्रवास पर उन्होंने शनिवार को काशी में मौजूद प्रमुख तमिल मंदिरों का भ्रमण किया. गंगा घाट घुमा, बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया. तो वहीं रविवार को दिन में काशी तमिल संगम का हिस्सा बनी, दोनों प्रांतों के कलाओं व आध्यात्म पर चर्चा की. इसके साथ उन्होंने छात्रों से संवाद किया. संवाद के उपरांत उन्होंने काशी को शंकर नेत्रालय की सौगात दी और देर शाम तमिल संगम के सांस्कृतिक संध्या का भी हिस्सा बनी.

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संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
पाँच हजार वर्ष पुराने 'तमिल संगम साहित्य' का किया उल्लेख: सांस्कृतिक संध्या का हिस्सा बन उन्होंने कहा कि, काशी एवं तमिलनाडु की साझी संस्कृति की चर्चा पांच हजार साल पुराने तमिल 'संगम साहित्य' में मिलती है. संगम साहित्य में तमिल तीर्थयात्रियों द्वारा काशी के संबंध में चर्चा मिलती है. वित्त मंत्री ने प्रसन्नता जताई कि काशी तमिल संगमम तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे दो भिन्न राज्यों की संस्कृति एवं कला को साथ लाने में सफल रहा है और यह कार्यक्रम "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के संकल्प को और ऊर्जा प्रदान करेगा.
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शंकर नेत्रालय की सौगात:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को शंकर नेत्रालय का विधिवत भूमि पूजन किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, देश में आंखों का एक अद्भुत सेवा करने वाले संगठन इसका प्रेरणा हमारे गुरु कांची कामकोटि शंकराचार्य का है. इस परिवार से जुड़े लोग पिछले 40 साल से ऊपर इस महत्वपूर्ण कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन इसमें हर संभव मदद करेगी, जिससे जनता की अपेक्षा को हम पूर्ण कर पाएंगे.पूर्वांचल को मिलेगा लाभ: पूर्वांचल में मेडिकल का हब बन चुके वाराणसी में बड़े नेत्र अस्पताल की सौगात मिलने वाली है. वाराणसी के हरिहरपुर में शंकर नेत्रालय की स्थापना होगी. दक्षिण का श्री कांची कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट इसकी शुरुआत करेगा. माना जा रहा है एक साल में बनकर ये अस्पताल तैयार हो जाएगा. यह सौगात पूर्वांचल के लोगों के लिए खासी मददगार होगी. हरिहरपुर में तैयार होने वाले इस अस्पताल में ओपीडी से लेकर भर्ती और ऑपरेशन तक की सुविधाएं लोगों को आने वाले समय में मिलेंगी. 250 बेड का यह अस्पताल हाईटेक मशीनों के साथ हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा. बताते चलें कि, लगभग ढाई एकड़ की जमीन पर यह अस्पताल तैयार किया जाएगा.छात्रों संग संवाद: इससे पहले वित्त मंत्री ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सामाजिक विज्ञान संकाय के अर्थशास्त्र विभाग में विद्यार्थियों के साथ "भारत को एक आर्थिक वैश्विक शक्ति बनाने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य और रणनीति" विषय पर छात्रों संग संवाद की. जहा उन्होंने डिजिटल मुद्रा, स्टार्ट-अप पहल, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय रुपये के उतार-चढ़ाव, योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन और सामाजिक क्षेत्र में सरकारी खर्च व अन्य कई विषयों पर बात की, जिन पर विद्यार्थियों ने भी उनसे कई प्रश्न पूछे. जिसका उन्होंने जवाब भी दिया.बातचीत में उन्होंने कहा कि, उपलब्ध तथ्य और आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि जब सामाजिक क्षेत्र पर खर्च करने की बात आती है. तो भारत सरकार वह सब कर रही है जो आवश्यक है. उन्होंने बताया कि, पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या पहले की संख्या 14000 से बढ़कर अब 77000 हो गई है, जो सरकार के परिवर्तनकारी व सुधारात्मक उपायों की परिचायक है. वित्त मंत्री ने सलाह दी कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय रुपये में उतार-चढ़ाव के संबंध में सामान्य धारणाएं और निष्कर्ष नहीं निकाले जाने चाहिए.

10 दिसंबर को है विदेश मंत्री का वाराणसी दौरा
गौरतलब है कि, वित्त मंत्री के साथ तमिलनाडु तेन काशी जिले के काशी विश्वनाथ मंदिर की 30 वर्षों से अधिक सेवा करने वाले 4 लोग भी वित्त मंत्री के साथ जुड़ेंगे. काशी के घाट और प्रमुख तमिल मंदिरों के बारे में भी जानकारी लेंगे. इसी क्रम में काशी तमिल संगमम में भाग लेने के लिए आगामी 10 दिसंबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर भी आएंगे, जहां वह संगमम में भी जुड़ेंगे. उसके साथ ही शहर के दूसरे कार्यक्रमों में भी भाग ले सकते हैं. उनकी आने की पुष्टि पर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है.

यह भी पढ़ें- डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के हॉस्टल में मिला फंदे से लटका छात्रा का शव

वाराणसी: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण तीन दिवसीय दौरे पर वाराणसी में हैं. इस दौरान वह लगातार धार्मिक यात्रा कर रही हैं. इसी कड़ी में रविवार सुबह 12 बजे वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित काशी तमिल संगमम में पहुंचीं, जहां उन्हें तमिल में लिखी हुई गीता और काशी के रिश्ते को दर्शाता हुआ प्रतीक चिन्ह दिया गया. इस दौरान उन्होंने शंकर नेत्रालय का भूमि पूजन करने के साथ छात्रों संग संवाद किया. तमिल संगम में सांस्कृतिक संध्या का भी हिस्सा बनी और उन्होंने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.

जानकारी देते हुए प्रमुख आयोजक पंडित चमू कृष्ण शास्त्री

वित्त मंत्री ने संगमम में लिया भाग, छात्रों संग किया संवाद
संगमम में सुबह लगभग 11 बजे निर्मला सीतारमण पहुंची, जहां पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत हुआ. इस दौरान कार्यक्रम में दक्षिण भारतीय मेहमानों ने स्वागत करते हुए कहा कि, इस संगमम से एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना साकार हो रही है. तमिल के लोग काशी के संस्कति को जान और पहचान रहे हैं. कार्यक्रम का आयोजक पंडित चमू कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि, यह बेहद खास मौका है. जब वित्त मंत्री उनके बीच में मौजूद है. उन्होंने बताया कि, उनका आना इस संगठन की शोभा को और बढ़ा रहा है. बीते दिन जहां वह काशी की गलियों में घूमे थी, तो वहीं आज संगमम में उन्होंने काशी तमिल के मंदिरों के ऊपर चर्चा की और कैसे दोनों संस्कृतियों को और मजबूत बनाया जा सके.

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तमिल वासी से मिलती निर्माल सीतारमण

यथार्थ गीता का किया विमोचन
उन्होंने बताया कि, आज कार्यक्रम में वित्त मंत्री को यथार्थ गीता भेंट की गई है, जिसका उन्होंने भी विमोचन किया है. संगमम के बाद वित्त मंत्री काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आर्किटेक्चर एंड अदर हेरिटेज फॉर्म इन आईकेएएस पर एक सेमिनार में पहुंची, जहां स्वतंत्रता भवन में वाणिज्य विभाग के पूरा छात्रों संग संवाद किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन दिवसीय प्रवास पर उन्होंने शनिवार को काशी में मौजूद प्रमुख तमिल मंदिरों का भ्रमण किया. गंगा घाट घुमा, बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया. तो वहीं रविवार को दिन में काशी तमिल संगम का हिस्सा बनी, दोनों प्रांतों के कलाओं व आध्यात्म पर चर्चा की. इसके साथ उन्होंने छात्रों से संवाद किया. संवाद के उपरांत उन्होंने काशी को शंकर नेत्रालय की सौगात दी और देर शाम तमिल संगम के सांस्कृतिक संध्या का भी हिस्सा बनी.

etv bharat
संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
पाँच हजार वर्ष पुराने 'तमिल संगम साहित्य' का किया उल्लेख: सांस्कृतिक संध्या का हिस्सा बन उन्होंने कहा कि, काशी एवं तमिलनाडु की साझी संस्कृति की चर्चा पांच हजार साल पुराने तमिल 'संगम साहित्य' में मिलती है. संगम साहित्य में तमिल तीर्थयात्रियों द्वारा काशी के संबंध में चर्चा मिलती है. वित्त मंत्री ने प्रसन्नता जताई कि काशी तमिल संगमम तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे दो भिन्न राज्यों की संस्कृति एवं कला को साथ लाने में सफल रहा है और यह कार्यक्रम "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के संकल्प को और ऊर्जा प्रदान करेगा.
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शंकर नेत्रालय की सौगात:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को शंकर नेत्रालय का विधिवत भूमि पूजन किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, देश में आंखों का एक अद्भुत सेवा करने वाले संगठन इसका प्रेरणा हमारे गुरु कांची कामकोटि शंकराचार्य का है. इस परिवार से जुड़े लोग पिछले 40 साल से ऊपर इस महत्वपूर्ण कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन इसमें हर संभव मदद करेगी, जिससे जनता की अपेक्षा को हम पूर्ण कर पाएंगे.पूर्वांचल को मिलेगा लाभ: पूर्वांचल में मेडिकल का हब बन चुके वाराणसी में बड़े नेत्र अस्पताल की सौगात मिलने वाली है. वाराणसी के हरिहरपुर में शंकर नेत्रालय की स्थापना होगी. दक्षिण का श्री कांची कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट इसकी शुरुआत करेगा. माना जा रहा है एक साल में बनकर ये अस्पताल तैयार हो जाएगा. यह सौगात पूर्वांचल के लोगों के लिए खासी मददगार होगी. हरिहरपुर में तैयार होने वाले इस अस्पताल में ओपीडी से लेकर भर्ती और ऑपरेशन तक की सुविधाएं लोगों को आने वाले समय में मिलेंगी. 250 बेड का यह अस्पताल हाईटेक मशीनों के साथ हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा. बताते चलें कि, लगभग ढाई एकड़ की जमीन पर यह अस्पताल तैयार किया जाएगा.छात्रों संग संवाद: इससे पहले वित्त मंत्री ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सामाजिक विज्ञान संकाय के अर्थशास्त्र विभाग में विद्यार्थियों के साथ "भारत को एक आर्थिक वैश्विक शक्ति बनाने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य और रणनीति" विषय पर छात्रों संग संवाद की. जहा उन्होंने डिजिटल मुद्रा, स्टार्ट-अप पहल, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय रुपये के उतार-चढ़ाव, योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन और सामाजिक क्षेत्र में सरकारी खर्च व अन्य कई विषयों पर बात की, जिन पर विद्यार्थियों ने भी उनसे कई प्रश्न पूछे. जिसका उन्होंने जवाब भी दिया.बातचीत में उन्होंने कहा कि, उपलब्ध तथ्य और आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि जब सामाजिक क्षेत्र पर खर्च करने की बात आती है. तो भारत सरकार वह सब कर रही है जो आवश्यक है. उन्होंने बताया कि, पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या पहले की संख्या 14000 से बढ़कर अब 77000 हो गई है, जो सरकार के परिवर्तनकारी व सुधारात्मक उपायों की परिचायक है. वित्त मंत्री ने सलाह दी कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय रुपये में उतार-चढ़ाव के संबंध में सामान्य धारणाएं और निष्कर्ष नहीं निकाले जाने चाहिए.

10 दिसंबर को है विदेश मंत्री का वाराणसी दौरा
गौरतलब है कि, वित्त मंत्री के साथ तमिलनाडु तेन काशी जिले के काशी विश्वनाथ मंदिर की 30 वर्षों से अधिक सेवा करने वाले 4 लोग भी वित्त मंत्री के साथ जुड़ेंगे. काशी के घाट और प्रमुख तमिल मंदिरों के बारे में भी जानकारी लेंगे. इसी क्रम में काशी तमिल संगमम में भाग लेने के लिए आगामी 10 दिसंबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर भी आएंगे, जहां वह संगमम में भी जुड़ेंगे. उसके साथ ही शहर के दूसरे कार्यक्रमों में भी भाग ले सकते हैं. उनकी आने की पुष्टि पर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है.

यह भी पढ़ें- डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के हॉस्टल में मिला फंदे से लटका छात्रा का शव

Last Updated : Dec 4, 2022, 9:27 PM IST
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