वाराणसी: वाराणसी में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं. रविवार को यहां एक फाइनेंस कर्मचारी की गोली मारकर हत्या (Finance company employee murdered in Varanasi) कर दी गयी. बताया जा रहा है कि किश्त बाकी होने के कारण इस फाइनेंस कर्मचारी ने चार पहिया वाहन रोका था. वहां बहस इतनी बढ़ी कि बदमाशों ने गोली मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया.
वाराणसी के फूलपुर थाना क्षेत्र के बाबतपुर एरिया में निजी फाइनेंस कंपनी के सीजर को चार पहिया वाहन को रोकना भारी पड़ गया. अज्ञात लोगों ने सीजर वीर बहादुर सिंह की गोली मार दी. गोली लगने से घायल पलही पट्टी निवासी वीर बहादुर सिंह को बाबतपुर चौकी प्रभारी प्रीतम तिवारी अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया. वाराणसी में मर्डर की सूचना मिलने पर मौका-ए-वारदात पर अपर पुलिस उपायुक्त टी सरवण और बड़ागांव थानाध्यक्ष राजकुमार पांडेय पहुंचे. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
फाइनेंस कर्मचारी के चार पहिया वाहन में हरहुआ निवासी सूरज चौहान, विशाल और घमहापुर निवासी ड्राइवर सूरज सिंह मौजूद थे. प्रारम्भिक सूचना के मुताबिक फाइनेस कर्मचारी वीर बहादुर सिंह ने एक चार पहिया वाहन को किश्त बकाया होने के कारण रास्ते में रोका था. इससे नाराज कार सवार लोगों ने उस पर फायरिंग कर दी और मौके से फरार हो गए.
ये वारदात बाबतपुर ओवरब्रिज पर हुई. गोली लगने से घायल वीर बहादुर सिंह को बाबतपुर चौकी प्रभारी प्रीतम तिवारी मलदहिया मेडिकल हॉस्पिटल गये. वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. मौके पर एसीपी बड़ागांव के साथ कई थाने की फोर्स भी पहुंची. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और परिजनों को सूचना दी. पुलिस आरोपियों का सुराग लगाने की कोशिश कर रही है. अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस की चार टीमें गठित कर दी गई हैं.
वाराणसी के बाबतपुर फ्लाईओवर पर M&M फाइनेंस कंपनी से जुड़ कर अखंड मोटर के नाम से मी वीर बहादुर सिंह फाइनेंस गाड़ियों का केस उतारने का काम करता था. उसको सूचना मिली थी कि यूपी 70 नम्बर की गाड़ी बाबतपुर आने वाली है. जब वीर बहादुर सिंह ने गाड़ी रुकवाकर शीशा नीचे उतरवाया, तो दोनों लोगों में झड़प हो गई. इसके बाद गाड़ी पर बैठे लोगों ने वीर बहादुर सिंह को गोली मार दी.
बदमाश मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए. वीर बहादुर सिंह को सिंह हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. गोमती जोन डीसीपी प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि वीर बहादुर अखंड मोटर्स के नाम से फाइनेंस फार्म चलाता था. ये लोग लोन रिकवर करते थे. किश्त की पेमेंट डिफॉल्ट करने वाली गाड़ियों को रोक कर महिंद्रा ऐंड महिंद्रा फाइनेंस को सूचना दी जाती थी. अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस की चार टीमें गठित कर दी गई हैं.