वाराणसी: रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन का वह त्योहार है, जिसका हर साल भाई-बहन बेसब्री से इंतजार करते हैं. रक्षाबंधन का यह त्योहार न सिर्फ भारतीय सभ्यता के डोरे से बंधी हुई हैं बल्कि भाई-बहन के प्यार को भी दर्शाता है. यह उत्साह और रिश्ते की अखंडता को दिखाने वाला भारतीय पर्व है. इस त्योहार पर भाई-बहन एक दूसरे की रक्षा करने का वादा करते हैं. जिस तरह हर त्योहार को भारतीय सभ्यता और मुहूर्त के हिसाब से मनाया जाता है उसी परंपरा के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया जाता है.
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ज्योतिष ने दी रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त की जानकारी-
- यूं तो भाई बहन के रिश्ते में मुहूर्त और समय देखने का कोई सवाल ही नहीं उठता है.
- भारतीय परंपरा में हर त्योहार को मुहूर्त के हिसाब से मनाने का एक चलन है जो कि भारतीय संस्कृति को भी दर्शाता है.
- धर्म की नगरी काशी के ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि रक्षाबंधन का पर्व 15 अगस्त को पूरे दिन मनाया जा सकता है.
- 15 अगस्त के दिन किसी भी समय बहनें अपने भाई के कलाई पर राखी बांध सकती हैं.
- यूं तो राखी पूर्णिमा में बांधी जाती है और पूर्णिमा शाम 4:30 बजे से खत्म हो रही है.
- अगर कोई 4:30 बजे के पहले अपने भाई को राखी बांधता है तो बहुत अच्छा होगा.