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वाराणसी: रक्षाबंधन के त्योहार पर भाई-बहनों के लिए बन रहा खास संयोग - काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर विनय पांडेय ने रक्षाबंधन के त्योहार के शुभमुहर्त की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस बार रक्षाबंधन के त्योहार पर पूरे दिन कोई दोष नहीं लगा है. कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना होगा.

प्रोफेसर विनय पांडेय, ज्योतिष विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
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Published : Aug 14, 2019, 4:25 PM IST

वाराणसी: रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन का वह त्योहार है, जिसका हर साल भाई-बहन बेसब्री से इंतजार करते हैं. रक्षाबंधन का यह त्योहार न सिर्फ भारतीय सभ्यता के डोरे से बंधी हुई हैं बल्कि भाई-बहन के प्यार को भी दर्शाता है. यह उत्साह और रिश्ते की अखंडता को दिखाने वाला भारतीय पर्व है. इस त्योहार पर भाई-बहन एक दूसरे की रक्षा करने का वादा करते हैं. जिस तरह हर त्योहार को भारतीय सभ्यता और मुहूर्त के हिसाब से मनाया जाता है उसी परंपरा के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया जाता है.

शुभ मुहूर्त की जानकारी देते प्रोफेसर विनय पांडेय.

इसे भी पढ़ें:-जौनपुर: बाजारों में तिरंगा स्पेशल राखी की जबरदस्त मांग, दुकानों पर उमड़ी भीड़

ज्योतिष ने दी रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त की जानकारी-

  • यूं तो भाई बहन के रिश्ते में मुहूर्त और समय देखने का कोई सवाल ही नहीं उठता है.
  • भारतीय परंपरा में हर त्योहार को मुहूर्त के हिसाब से मनाने का एक चलन है जो कि भारतीय संस्कृति को भी दर्शाता है.
  • धर्म की नगरी काशी के ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि रक्षाबंधन का पर्व 15 अगस्त को पूरे दिन मनाया जा सकता है.
  • 15 अगस्त के दिन किसी भी समय बहनें अपने भाई के कलाई पर राखी बांध सकती हैं.
  • यूं तो राखी पूर्णिमा में बांधी जाती है और पूर्णिमा शाम 4:30 बजे से खत्म हो रही है.
  • अगर कोई 4:30 बजे के पहले अपने भाई को राखी बांधता है तो बहुत अच्छा होगा.

वाराणसी: रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन का वह त्योहार है, जिसका हर साल भाई-बहन बेसब्री से इंतजार करते हैं. रक्षाबंधन का यह त्योहार न सिर्फ भारतीय सभ्यता के डोरे से बंधी हुई हैं बल्कि भाई-बहन के प्यार को भी दर्शाता है. यह उत्साह और रिश्ते की अखंडता को दिखाने वाला भारतीय पर्व है. इस त्योहार पर भाई-बहन एक दूसरे की रक्षा करने का वादा करते हैं. जिस तरह हर त्योहार को भारतीय सभ्यता और मुहूर्त के हिसाब से मनाया जाता है उसी परंपरा के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया जाता है.

शुभ मुहूर्त की जानकारी देते प्रोफेसर विनय पांडेय.

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ज्योतिष ने दी रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त की जानकारी-

  • यूं तो भाई बहन के रिश्ते में मुहूर्त और समय देखने का कोई सवाल ही नहीं उठता है.
  • भारतीय परंपरा में हर त्योहार को मुहूर्त के हिसाब से मनाने का एक चलन है जो कि भारतीय संस्कृति को भी दर्शाता है.
  • धर्म की नगरी काशी के ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि रक्षाबंधन का पर्व 15 अगस्त को पूरे दिन मनाया जा सकता है.
  • 15 अगस्त के दिन किसी भी समय बहनें अपने भाई के कलाई पर राखी बांध सकती हैं.
  • यूं तो राखी पूर्णिमा में बांधी जाती है और पूर्णिमा शाम 4:30 बजे से खत्म हो रही है.
  • अगर कोई 4:30 बजे के पहले अपने भाई को राखी बांधता है तो बहुत अच्छा होगा.
Intro:वाराणसी। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन का वो त्योहार है जिसका हर साल यह दोनों बेसब्री से इंतजार करते हैं। रक्षाबंधन के इस त्यौहार की न सिर्फ भारतीय सभ्यता से डोरे बंधी हुई हैं, बल्कि भाई बहन के प्यार को दर्शाता है त्योहार उत्साह और रिश्ते की अखंडता को दिखाने वाला भारतीय पर्व है। इस त्यौहार पर भाई-बहनों के अंदर का प्यार एक दूसरे के लिए उमड़ता है और साथ ही एक वादा आता है एक दूसरे की रक्षा करने का। जिस तरह हर त्यौहार को भारतीय सभ्यता और मुहूर्त के हिसाब से मनाया जाता है उसी परंपरा के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया जाता है।


Body:VO1: यूं तो भाई बहन के रिश्ते में मुहूर्त और समय देखने का कोई सवाल ही नहीं उठता। यह रिश्ता है जब आप अपने भाई की कलाई पकड़ ले और और अपने हक के लिए उससे झगड़ा भी करे, तो वही बहन को जब जरूरत हो भाई अपने आप ही अपना हाथ आगे करके उसे संभाल ले। लेकिन भारतीय परंपरा में हर त्यौहार हो मुहूर्त के हिसाब से मनाने का एक चलन है और यही भारतीय संस्कृति को भी दर्शाता है। इस साल धर्म की नगरी काशी के ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि रक्षाबंधन का पर्व 15 अगस्त को पूरे दिन मनाया जा सकता है। 15 अगस्त के दिन किसी भी समय अगर बहनें अपने भाई के हाथ पर राखी बांधी है तो उन्हें उसका विशेष फल मिलेगा और जीवन में सुख समृद्धि और रिश्ते में गहराई आएगी।

बाइट: प्रोफेसर विनय पांडेय, विभागाध्यक्ष, ज्योतिष विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय


Conclusion:VO2: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनय पांडे ने बताया कि 15 अगस्त के दिन पड़ रहे रक्षाबंधन के पर्व में पूरे ही दिन राखी बांधने से भाई-बहनों को विशेष फल मिलेगा। 15 अगस्त को किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है। पूरे दिन का शुभ मुहूर्त है। प्रोफेसर विनय पांडे का कहना है कि यूं तो राखी पूर्णिमा में बांधी जाती है और पूर्णिमा शाम 4:30 बजे से खत्म हो रही है अगर कोई 4:30 बजे के पहले अपने भाई को राखी बांधता है तो बहुत अच्छा होगा लेकिन अगर 4:35 के बाद भी राखी बांध रहे हैं तो उसका भी विशेष फल मिलेगा क्योंकि राखी बांधने का शुभ समय 15 अगस्त को पूरे दिन रहेगा।

Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236
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