वाराणसी: भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय अब कचरे से बिजली उत्पादन कर उसका उपयोग करेगा. इसके लिए इजराइल की कंपनी वेस्ट टू एनर्जी से 25 साल का एग्रीमेंट होना है. कंपनी के प्रतिनिधियों ने कैंपस का मुआयना करने के बाद प्लांट लगाने के लिए पांच हजार वर्ग मीटर जमीन मांगी है. इसमें बिजली के एवज में विश्वविद्यालय को कोई शुल्क अदा नहीं करना होगा.
अब मिलेगी मुफ्त में बिजली:
- इस एग्रीमेंट से कैंपस के कचरे का निस्तारण होने के साथ ही मुफ्त बिजली भी मिलेगी.
- इसमें कृषि विज्ञान संस्थान के हॉर्टिकल्चर के अलावा घरों, हॉस्टलों तथा विभागों से निकलने वाले कचरे का उपयोग होगा.
- बिजली उत्पादन में मंदिरों से निकलने वाले फूल माला का भी उपयोग किया जायेगा.
- इजराइल की कंपनी गैसीफायर तकनीक से कचरे को जलाकर टरबाइन के माध्यम से बिजली पैदा करेगी.
- इसमें बीएचयू के ट्रामा सेंटर सर सुंदरलाल चिकित्सालय में लगे एसी प्लांट को भी बिजली उपलब्ध कराया जा सकेगा.
यह एक अच्छी पहल है जो कि बीएचयू में ग्रिनी ज्यादा है. यहां कचरे ज्यादा निकलते हैं. हमारी इजराइल की कंपनी से बात चल रही है, जल्दी एमओयू साइन होगा उसके बाद हम उन्हें एक स्थान देंगे. कैंपस जहां वह कचरे से बिजली बना कर हम देंगे कोई शुल्क नहीं लेंगे और वह हमें बिजली बना कर देंगे. इजराइल के प्रतिनिधि आए थे. कुलपति महोदय से उनकी बात हो चुकी है जल्दी हम यह कार्य शुरू कर देंगे.
डॉक्टर राजेश सिंह, पीआरओ बीएचयू