वाराणसी: नवरात्रि के 9 दिनों तक मां की अलग-अलग रूप में होने वाली आराधना के क्रम में आज नवरात्रि का आठवां दिन है. आठवां दिन यानी महाअष्टमी. इस दिन घरों में कन्या पूजन करने का विधान है और आज माता के आठवें रूप महागौरी की पूजा की जाती है. माता का यह रूप बेहद ही सौम्य और सादगी से भरा हुआ है और दांपत्य जीवन में खुशहाली लाने के साथ घर में धन की कमी कभी ना हो इसके लिए मां का विशेष पूजन किया जाता है.
आठवें दिन के दर्शन के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां महागौरी का वर्ण एकदम सफेद है. इसीलिए उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. मान्यता है कि माता की चार भुजाएं हैं, जिनमें ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल होता है. मां अपने ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू धारण करती हैं और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में होता है.
मां महागौरी का वाहन वृषभ है. इसी कारण माता को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है. आज के दिन माता महागौरी की पूजा करने से सकल पदार्थों की प्राप्ति होती है. पूजन के दौरान मां के शक्ति मंत्र का उच्चारण करना अति फलदायी होता है.
आज के ही दिन नौ कन्याओं को भोजन करना चाहिए. कन्याओं को मूंग से बनी कोई भी चीज अवश्य खिलायें. उन्होंने बताया कि माता को घर बना शाकाहारी भोजन अतिप्रिय है. उन्होंने बताया कि मां को मूंग की दाल, हलवा और पूरी का भोग लगाएं और वही भोजन कन्याओं को भी खिलायें. इससे मां अतिप्रसन्न होती हैं और मनचाहा फल प्रदान करती हैं. महागौरी को भोग में हलवा पूरी बेहद पसंद है इसके अतिरिक्त माता रानी को सफेद पुष्प और लाल पुष्प दोनों अर्पित किया जाता है.
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इस मंत्र से करें पूजन:
श्वेते वृषे समरुझा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोद:
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपे स्थथिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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