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गंगा में गंदगी की तो 'आसमान' से होगी कार्रवाई

वाराणसी में गंगा और गंगा घाटों की निगरानी हाईटेक ड्रोन्स के जरिए की जाएगी. इसके लिए नगर निगम वाराणसी ने योजना तैयार की है. ड्रोन की मदद से गंगा में गंदगी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

ड्रोन से होगी गंगा की निगरानी.
ड्रोन से होगी गंगा की निगरानी.
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Published : Sep 3, 2021, 5:05 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2014 में वाराणसी से पहली बार सांसद चुने गए तो उन्होंने मां गंगा के लिए भी बहुत से प्रयास शुरू किए. लेकिन सरकार की योजनाओं को स्थानीय लोगों का सहयोग न मिलने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से गंगा को लगातार प्रदूषित किया जा रहा है. अब मां गंगा को दूषित करने वालों पर आसमान से निगरानी की जाएगी.

ड्रोन से होगी गंगा की निगरानी.

दरअसल, वाराणसी नगर निगम स्मार्ट सिटी योजना के तहत कोविड-19 संक्रमण के पहले और दूसरे दौर में सैनिटाइजेशन के साथ ही दवाओं का वितरण करने के लिए चेन्नई की एक कंपनी के साथ मिलकर हाईटेक ड्रोन का इस्तेमाल किया था. अब गंगा में निगरानी के लिए भी इसी कंपनी के ड्रोन की मदद लिए जाने की प्लानिंग की गई है. यह आकाशवाणी ड्रोन हाईटेक कैमरों के साथ जीपीएस से लैस हैं. इन ड्रोन की खासियत यह है कि इनमें लाउडस्पीकर सिस्टम भी लगा हुआ है जो लोगों को जागरूक करने का भी काम करता है. ड्रोन उड़ाने वाले इंजीनियर के साथ मिलकर पुलिस के जवान इस अनाउंसमेंट सिस्टम का प्रयोग लोगों को अवेयर करने के लिए समय-समय पर करते रहे हैं. बनारस के ग्रामीण इलाकों में भी आकाशवाणी ड्रोन का इस्तेमाल सैनिटाइजेशन के लिए किया गया था.

जल पुलिस संग नगर निगम का होगा प्रयास
जल पुलिस की तरफ से नगर निगम को 2 ड्रोन की डिमांड भेजी गई है. जिनमें गंगा के मुख्य घाटों की निगरानी करने की प्लानिंग है. पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि जल पुलिस और नगर निगम मिलकर गंगा घाटों पर अपराध एवं सुरक्षा के साथ ही गंगा स्वच्छता के लिए प्रयास किया जाएगा. नगर निगम के अपर नगर आयुक्त देवी दयाल वर्मा का कहना है कि नगर निगम स्मार्ट सिटी योजना के तहत 3 ड्रोन समय-समय पर चेन्नई की कंपनी से मंगवाते हैं. जल पुलिस की तरफ से पिछले दिनों इसके लिए रिमाइंड भी भेजी गई थी. कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद इन ड्रोन का इस्तेमाल फिलहाल अभी नहीं हुआ है. लेकिन डिमांड के हिसाब से इन को फिर से मंगवाया जाएगा और गंगा की निगरानी में भी इनका इस्तेमाल किए जाने की तैयारी की जा रही है. जैसे डिमांड होगी, वैसा इस्तेमाल भी होगा.

इसे भी पढ़ें-किसान को खेत खोदने पर मिले सोने के सिक्के, जानिए फिर क्या हुआ


पहले चेताएंगे, फिर काटेंगे फाइन
बता दें कि गंगा घाटों पर धारा 144 जो लागू रहती है. इसके तहत गंगा घाटों पर कपड़े धोने और गंगा में गंदगी फेंकने वालों पर नगर निगम की टीम समय-समय पर कार्रवाई भी करती रहती है. लेकिन प्रॉपर निगरानी न हो पाने की दशा में लोग बेखौफ हो जाते हैं. यही वजह है कि इन ड्रोन्स के जरिए गंगा के मुख्य घाटों की निगरानी करते हुए लोगों को पहले सचेत किया जाएगा और न मानने पर 500 से लेकर 5000 रुपये तक का जुर्माना भी वसूला जाएगा.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2014 में वाराणसी से पहली बार सांसद चुने गए तो उन्होंने मां गंगा के लिए भी बहुत से प्रयास शुरू किए. लेकिन सरकार की योजनाओं को स्थानीय लोगों का सहयोग न मिलने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से गंगा को लगातार प्रदूषित किया जा रहा है. अब मां गंगा को दूषित करने वालों पर आसमान से निगरानी की जाएगी.

ड्रोन से होगी गंगा की निगरानी.

दरअसल, वाराणसी नगर निगम स्मार्ट सिटी योजना के तहत कोविड-19 संक्रमण के पहले और दूसरे दौर में सैनिटाइजेशन के साथ ही दवाओं का वितरण करने के लिए चेन्नई की एक कंपनी के साथ मिलकर हाईटेक ड्रोन का इस्तेमाल किया था. अब गंगा में निगरानी के लिए भी इसी कंपनी के ड्रोन की मदद लिए जाने की प्लानिंग की गई है. यह आकाशवाणी ड्रोन हाईटेक कैमरों के साथ जीपीएस से लैस हैं. इन ड्रोन की खासियत यह है कि इनमें लाउडस्पीकर सिस्टम भी लगा हुआ है जो लोगों को जागरूक करने का भी काम करता है. ड्रोन उड़ाने वाले इंजीनियर के साथ मिलकर पुलिस के जवान इस अनाउंसमेंट सिस्टम का प्रयोग लोगों को अवेयर करने के लिए समय-समय पर करते रहे हैं. बनारस के ग्रामीण इलाकों में भी आकाशवाणी ड्रोन का इस्तेमाल सैनिटाइजेशन के लिए किया गया था.

जल पुलिस संग नगर निगम का होगा प्रयास
जल पुलिस की तरफ से नगर निगम को 2 ड्रोन की डिमांड भेजी गई है. जिनमें गंगा के मुख्य घाटों की निगरानी करने की प्लानिंग है. पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि जल पुलिस और नगर निगम मिलकर गंगा घाटों पर अपराध एवं सुरक्षा के साथ ही गंगा स्वच्छता के लिए प्रयास किया जाएगा. नगर निगम के अपर नगर आयुक्त देवी दयाल वर्मा का कहना है कि नगर निगम स्मार्ट सिटी योजना के तहत 3 ड्रोन समय-समय पर चेन्नई की कंपनी से मंगवाते हैं. जल पुलिस की तरफ से पिछले दिनों इसके लिए रिमाइंड भी भेजी गई थी. कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद इन ड्रोन का इस्तेमाल फिलहाल अभी नहीं हुआ है. लेकिन डिमांड के हिसाब से इन को फिर से मंगवाया जाएगा और गंगा की निगरानी में भी इनका इस्तेमाल किए जाने की तैयारी की जा रही है. जैसे डिमांड होगी, वैसा इस्तेमाल भी होगा.

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पहले चेताएंगे, फिर काटेंगे फाइन
बता दें कि गंगा घाटों पर धारा 144 जो लागू रहती है. इसके तहत गंगा घाटों पर कपड़े धोने और गंगा में गंदगी फेंकने वालों पर नगर निगम की टीम समय-समय पर कार्रवाई भी करती रहती है. लेकिन प्रॉपर निगरानी न हो पाने की दशा में लोग बेखौफ हो जाते हैं. यही वजह है कि इन ड्रोन्स के जरिए गंगा के मुख्य घाटों की निगरानी करते हुए लोगों को पहले सचेत किया जाएगा और न मानने पर 500 से लेकर 5000 रुपये तक का जुर्माना भी वसूला जाएगा.

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