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जानिए, किन वजहों से रद्द हुआ तेज बहादुर का नामांकन - वाराणसी न्यूज

वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले जवान तेज बहादुर यादव के दोनों नामांकन खारिज कर दिए गए हैं. वहीं तेज बहादुर का नामांकन पत्र खारिज किए जाने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने इसके पीछे की टेक्निकल वजहों को बताया.

वाराणसी से तेज बहादुर का नामांकन हुआ रद्द.
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Published : May 1, 2019, 6:10 PM IST

वाराणसी : प्रधानमंत्री के खिलाफ वाराणसी से ताल ठोकने वाले बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर के दोनों नामांकन पत्र निरस्त कर दिए गए हैं. तेज बहादुर ने 24 अप्रैल को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर और दूसरा नामांकन पत्र समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर 29 अप्रैल को दाखिल किया था. जिस पर आपत्ति जताते हुए जिला निर्वाचन कार्यलय ने उनको बीएसएफ से बर्खास्त की वजहों को आधार बनाकर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग से एनओसी लेकर आने को कहा था, लेकिन तेज बहादुर एनओसी दाखिल नहीं कर सके.

मीडिया से बात करते जिला निर्वाचन अधिकारी.

नामांकन पत्र खारिज होने पर क्या बोले निर्वाचन अधिकारी

  • तेज बहादुर का नामांकन पत्र खारिज किए जाने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने इसके पीछे की टेक्निकल वजहों को बताया.
  • उन्होंने बताया कि यदि केंद्रीय राज्य सरकार में किसी सरकारी कार्यालय में कोई व्यक्ति तैनात है और उसको किन्हीं आरोपों के आधार पर नौकरी से बर्खास्त किया जा रहा है, लेकिन वह चुनाव लड़ना चाहता है, तो ऐसी स्थिति में उसे केंद्रीय चुनाव आयोग से एनओसी लेकर आना अनिवार्य होता है.
  • इसमें यह भी विशेष महत्व रखता है कि अनुशासनहीनता या फिर भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर यदि उसे नौकरी से बर्खास्त किया गया है तो ऐसी स्थिति में चुनाव अयोग की एनओसी अनिवार्य है.
  • इस आधार पर तेज बहादुर से चुनाव आयोग की एनओसी लाने को कहा गया था और इसके लिए उन्हें पर्याप्त वक्त भी दिया गया था.

जो डिसक्वालीफिकेशन रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट में मौजूद हैं, उनके आधार पर काफी लंबी सुनवाई के बाद जो ऑब्जेक्शन आए थे, उन पर सुनवाई के बाद सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए तेज बहादुर का नामांकन निरस्त किया गया. सभी चीजों को कानून के दायरे में और नियमों के आधार पर किया गया है. तेज बहादुर को उसके लिए पर्याप्त वक्त भी दिया गया था.

-सुरेन्द्र सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी, वाराणसी

वाराणसी : प्रधानमंत्री के खिलाफ वाराणसी से ताल ठोकने वाले बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर के दोनों नामांकन पत्र निरस्त कर दिए गए हैं. तेज बहादुर ने 24 अप्रैल को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर और दूसरा नामांकन पत्र समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर 29 अप्रैल को दाखिल किया था. जिस पर आपत्ति जताते हुए जिला निर्वाचन कार्यलय ने उनको बीएसएफ से बर्खास्त की वजहों को आधार बनाकर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग से एनओसी लेकर आने को कहा था, लेकिन तेज बहादुर एनओसी दाखिल नहीं कर सके.

मीडिया से बात करते जिला निर्वाचन अधिकारी.

नामांकन पत्र खारिज होने पर क्या बोले निर्वाचन अधिकारी

  • तेज बहादुर का नामांकन पत्र खारिज किए जाने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने इसके पीछे की टेक्निकल वजहों को बताया.
  • उन्होंने बताया कि यदि केंद्रीय राज्य सरकार में किसी सरकारी कार्यालय में कोई व्यक्ति तैनात है और उसको किन्हीं आरोपों के आधार पर नौकरी से बर्खास्त किया जा रहा है, लेकिन वह चुनाव लड़ना चाहता है, तो ऐसी स्थिति में उसे केंद्रीय चुनाव आयोग से एनओसी लेकर आना अनिवार्य होता है.
  • इसमें यह भी विशेष महत्व रखता है कि अनुशासनहीनता या फिर भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर यदि उसे नौकरी से बर्खास्त किया गया है तो ऐसी स्थिति में चुनाव अयोग की एनओसी अनिवार्य है.
  • इस आधार पर तेज बहादुर से चुनाव आयोग की एनओसी लाने को कहा गया था और इसके लिए उन्हें पर्याप्त वक्त भी दिया गया था.

जो डिसक्वालीफिकेशन रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट में मौजूद हैं, उनके आधार पर काफी लंबी सुनवाई के बाद जो ऑब्जेक्शन आए थे, उन पर सुनवाई के बाद सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए तेज बहादुर का नामांकन निरस्त किया गया. सभी चीजों को कानून के दायरे में और नियमों के आधार पर किया गया है. तेज बहादुर को उसके लिए पर्याप्त वक्त भी दिया गया था.

-सुरेन्द्र सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी, वाराणसी

Intro:वाराणसी: प्रधानमंत्री के खिलाफ वाराणसी से ताल ठोकने वाले बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर का आज वाराणसी में दोनों नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया एक नामांकन पत्र उन्होंने 24 अप्रैल को निर्दल प्रत्याशी के तौर पर और दूसरा नामांकन पत्र समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर 29 अप्रैल को दाखिल किया था. जिस पर आपत्ति जताते हुए जिला निर्वाचन कार्यलय ने उनको बीएसएफ से बर्खास्त किए जाने को लेकर कारणों को आधार बनाकर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग से एनओसी लेकर आने को कहा था लेकिन तेज बहादुर एनओसी दाखिल नहीं कर सके आखिर क्या है टेक्निकल वजह है जिसकी वजह से हुआ तेज बहादुर का नामांकन पत्र खारिज जानिए.


Body:वीओ-01 तेज बहादुर का नामांकन पत्र खारिज किए जाने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने इसके पीछे की टेक्निकल वजहों को बताया उन्होंने बताया कि यदि केंद्रीय राज्य सरकार में किसी सरकारी कार्यालय में कोई व्यक्ति तैनात है और उस पर किंही आरोपों के आधार पर नौकरी से उसे बर्खास्त किया जा रहा है और वह चुनाव लड़ना चाहता है तो ऐसी स्थिति में उसे केंद्रीय चुनाव आयोग से एनओसी लेकर आना अनिवार्य होता है, इसमें यह भी विशेष महत्व रखता है कि उसे नौकरी से बर्खास्त किया क्यों किया है या अनुशासनहीनता या फिर भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर यदि उसे नौकरी से बर्खास्त किया गया है ऐसी स्थिति में चुनाव अयोग का एनओसी अनिवार्य है इसके लिए 5 सालों की रोक होती है जिस आधार पर तेज बहादुर से भी चुनाव आयोग का एनओसी लाने को कहा गया था और इसके लिए उन्हें पर्याप्त वक्त भी दिया गया था.


Conclusion:वीओ-02 जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जो डिसक्वालीफिकेशन रिप्रेजेंटेशन आफ पीपल एक्ट में मौजूद हैं उनके आधार पर काफी लंबी सुनवाई के बाद जो ऑब्जेक्शन आए थे उन पर सुनवाई के बाद सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए तेज बहादुर का नामांकन निरस्त किया गया सारी चीजों को कानून के दायरे में और नियमों के आधार पर किया गया है और तेज बहादुर को उसके लिए पर्याप्त वक्त भी दिया गया था.

बाईट- सुरेन्द्र सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी/ जिलाधिकारी
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