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गंगा में 3 महीने बाद नौकायन फिर शुरू, गुलजार होंगे बनारस के घाट

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Published : Jun 24, 2020, 5:13 AM IST

Updated : Jun 24, 2020, 2:18 PM IST

कोरोना वायरस के कहर के चलते वाराणसी में 3 महीने तक बंद रहने वाला नौकायन 23 जून से फिर शुरू हो गया. नागरिकों की समस्या को देखते हुए वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने नाव चलाने की अनुमति दे दी. डीएम ने नौका विहार कर इसकी शुरुआत की.

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नौका विहार करते डीएम

वाराणसी: कोरोना जैसी महामारी की भयावहता को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी, जिससे इस बीमारी के खतरे से लोगों को सुरक्षित रखा जा सके. इसी क्रम में सरकार ने अनलॉक-1 की घोषणा की, जिसमें दुकान खोलने की अनुमति दे दी गई, जिससे लोगों का जीवन पटरी पर आ सके. अब जब 23 जून से गंगा में नौकायन शुरू हो गया है तो माना जा रहा है कि जल्द ही बनारस के घाटों की रौनक भी वापस लौटेगी.

वाराणसी का नाविक समाज लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनलॉक-1 की शुरुआत से ही नौकायन की इजाजत मांग रहा था. वाराणसी के नाविक समाज के ऊपर अभी भी रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा था, जिसको लेकर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने वाराणसी के नाव संचालकों को नाव चलाने की अनुमति दे दी. मांझी समाज काफ़ी खुश नजर आ रहा है. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा पहले दशाश्वमेध घाट पहुंचे, जहां उन्होंने नाव पर बैठकर राजघाट से लेकर अस्सी घाट तक घाटों की स्थिति का निरीक्षण किया.

डीएम ने मांझी समाज को दिया उपहार

नाविकों की डीएम ने दी हिदायत
इस दौरान उन्होंने नाव संचालित करने वाले नागरिकों से भी बातचीत की और उनका हाल जाना. उन्होंने नागरिकों को हिदायत भी दी कि कोई भी मानक के विपरीत नाव संचालित नहीं करेगा. उन्होंने सभी से कहा कि सभी लोग मानक व शर्तों का पालन करते हुए नाव का संचालन करेंगे, जिससे इस आपदा में कोई भी प्रभावित न हो सके.

नाविक को दिए 2000 रुपये
इस दौरान नौका विहार करने के बाद जिलाधिकारी ने नौका संचालित कर रहे नाविक शंभू साहनी को 2000 रुपये दिए, लेकिन नाविक ने उन्हें बताया कि साहब नौका विहार के मात्र 100 रुपये ही हुए जिस पर जिलाधिकारी ने शंभू साहनी से कहा कि यह पैसे आप अपने पास रखो और घर जाते वक्त बच्चों के लिए कुछ तोहफ़े लेते हुए जाइयेगा.

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नौका विहार करते डीएम.

नाविकों ने जिलाधिकारी की प्रशंसा की
जिलाधिकारी के इस प्रेमभाव को देखते हुए सभी नाविक मंत्रमुग्ध हो गए और उन्होंने अधिकारी की खूब प्रशंसा की. इस बाबत नाविक शंभू साहनी ने बताया कि हमें बेहद खुशी है कि हमें इतने उदार मन वाले जिलाधिकारी मिले हैं. वह हम सब की मुसीबत को समझते हैं. आज उन्हीं की मदद की वजह से हम सब वापस नाविक नाव का संचालन कर अपनी रोजी-रोटी की व्यवस्था कर सकेंगे. यह हमारे लिए बेहद खुशी की बात है और हम इसके लिए जिलाधिकारी को तहे दिल से धन्यवाद भी अदा करते हैं.

इन सामानों के साथ मिलेगी नाव पर बैठने की अनुमति
प्रशासन की ओर से ये कहा गया है कि बिना मास्क के किसी भी व्यक्ति को नाव पर बैठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही नाव पर सैनिटाइजर का होना भी जरूरी है. नाव पर बैठने से पूर्व सभी के हाथों को सैनिटाइज करना है और नाव संचालित करने वालों को भी इसका इस्तेमाल करना है, जिससे सभी लोग सुरक्षित रहें. यहां बड़ी नाव पर 10 लोगों को और छोटी नाव पर पांच लोगों को ही बैठने की अनुमति प्रदान की गई है.

वाराणसी: कोरोना जैसी महामारी की भयावहता को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी, जिससे इस बीमारी के खतरे से लोगों को सुरक्षित रखा जा सके. इसी क्रम में सरकार ने अनलॉक-1 की घोषणा की, जिसमें दुकान खोलने की अनुमति दे दी गई, जिससे लोगों का जीवन पटरी पर आ सके. अब जब 23 जून से गंगा में नौकायन शुरू हो गया है तो माना जा रहा है कि जल्द ही बनारस के घाटों की रौनक भी वापस लौटेगी.

वाराणसी का नाविक समाज लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनलॉक-1 की शुरुआत से ही नौकायन की इजाजत मांग रहा था. वाराणसी के नाविक समाज के ऊपर अभी भी रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा था, जिसको लेकर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने वाराणसी के नाव संचालकों को नाव चलाने की अनुमति दे दी. मांझी समाज काफ़ी खुश नजर आ रहा है. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा पहले दशाश्वमेध घाट पहुंचे, जहां उन्होंने नाव पर बैठकर राजघाट से लेकर अस्सी घाट तक घाटों की स्थिति का निरीक्षण किया.

डीएम ने मांझी समाज को दिया उपहार

नाविकों की डीएम ने दी हिदायत
इस दौरान उन्होंने नाव संचालित करने वाले नागरिकों से भी बातचीत की और उनका हाल जाना. उन्होंने नागरिकों को हिदायत भी दी कि कोई भी मानक के विपरीत नाव संचालित नहीं करेगा. उन्होंने सभी से कहा कि सभी लोग मानक व शर्तों का पालन करते हुए नाव का संचालन करेंगे, जिससे इस आपदा में कोई भी प्रभावित न हो सके.

नाविक को दिए 2000 रुपये
इस दौरान नौका विहार करने के बाद जिलाधिकारी ने नौका संचालित कर रहे नाविक शंभू साहनी को 2000 रुपये दिए, लेकिन नाविक ने उन्हें बताया कि साहब नौका विहार के मात्र 100 रुपये ही हुए जिस पर जिलाधिकारी ने शंभू साहनी से कहा कि यह पैसे आप अपने पास रखो और घर जाते वक्त बच्चों के लिए कुछ तोहफ़े लेते हुए जाइयेगा.

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नौका विहार करते डीएम.

नाविकों ने जिलाधिकारी की प्रशंसा की
जिलाधिकारी के इस प्रेमभाव को देखते हुए सभी नाविक मंत्रमुग्ध हो गए और उन्होंने अधिकारी की खूब प्रशंसा की. इस बाबत नाविक शंभू साहनी ने बताया कि हमें बेहद खुशी है कि हमें इतने उदार मन वाले जिलाधिकारी मिले हैं. वह हम सब की मुसीबत को समझते हैं. आज उन्हीं की मदद की वजह से हम सब वापस नाविक नाव का संचालन कर अपनी रोजी-रोटी की व्यवस्था कर सकेंगे. यह हमारे लिए बेहद खुशी की बात है और हम इसके लिए जिलाधिकारी को तहे दिल से धन्यवाद भी अदा करते हैं.

इन सामानों के साथ मिलेगी नाव पर बैठने की अनुमति
प्रशासन की ओर से ये कहा गया है कि बिना मास्क के किसी भी व्यक्ति को नाव पर बैठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही नाव पर सैनिटाइजर का होना भी जरूरी है. नाव पर बैठने से पूर्व सभी के हाथों को सैनिटाइज करना है और नाव संचालित करने वालों को भी इसका इस्तेमाल करना है, जिससे सभी लोग सुरक्षित रहें. यहां बड़ी नाव पर 10 लोगों को और छोटी नाव पर पांच लोगों को ही बैठने की अनुमति प्रदान की गई है.

Last Updated : Jun 24, 2020, 2:18 PM IST
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