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कूड़ा निस्तारण की खराब प्रगति पर डीएम ने जताई नाराजगी, दिए निर्देश

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Published : Jan 29, 2021, 6:01 AM IST

वाराणसी जिले में डीएम कौशलराज शर्मा ने गुरुवार को कैम्प कार्यालय में पर्यावरण समिति की बैठक की. इस दौरान संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. डीएम ने कूड़ा निस्तारण के साथ गंगा और असि नदी को लेकर सख्त निर्देश दिए.

पर्यावरण समिति की बैठक
पर्यावरण समिति की बैठक

वाराणसीः डीएम कौशलराज शर्मा ने गुरुवार को कैम्प कार्यालय पर पर्यावरण समिति की बैठक की. इस दौरान उन्होंने कूड़ा निस्तारण की खराब प्रगति पर नाराजगी जताते हुए नदियों में जल प्रदूषण को कड़ाई से रोकने पर जोर दिया. नदियों के किनारे पड़ने वाले गांवों के सफाई कर्मचारियों के कार्यशैली पर पूछा कि ये क्या करते हैं. इसी के साथ एफपीओ बनाकर जागरूकता फैलाने और नदी के तटों पर आर्गेनिक खेती करने के बारे में किसानों को जानकारी देने पर जोर दिया.

कूड़ा निस्तारण न कराने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने सभी सरकारी कार्यालयों और उनके परिसरों में कूड़ा निस्तारण न कराने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए. इसके अलावा मार्केट प्लेस, कामर्शियल काम्प्लेक्स, कॉलोनियों आदि जगहों पर उठान और निस्तारण सुनिश्चित करने पर जोर दिया. डीएम ने कहा कि उद्यमियों, प्रबुद्ध जनों और क्षेत्र के प्रभावी लोगों की बैठक कर जागरुक करने और न मानने पर जुर्माने की कार्रवाई के बारे में बताया जाय. समिति के सामने कस्टम ऑफिस और इनकम टैक्स ऑफिस के भवनों में पानी के दुरुपयोग की जानकारी पर 1 सप्ताह में रोक लगाने की नोटिस देने का निर्देश दिया, न मानने पर जुर्माना लगाने के भी निर्देश दिए.

विरोध करने वालों पर एफआईआर
रामनगर क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट लगाने का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश देते हुए कहा कि 1 सप्ताह में कार्य शुरू कराएं. वहीं जिलाधिकारी ने कैंट क्षेत्र में सफाई की स्थिति पर नाराजगी जताई और भवन निर्माण स्थलों पर ग्रीन नेट से कवर करने का निर्देश दिए.

अधिकारियों को निर्देश
डीएम ने अधिकारियों से कहा कि सरकारी और गैर सरकारी निर्माण साइट पर ग्रीन नेट अवश्य लगाई जाए. जहां पर इसका पालन नहीं होगा संबंधित के खिलाफ जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाए. वहीं उन्होंने गंगा प्रदूषण इकाई के अभियंता के अनुपस्थित होने पर वेतन रोकने के निर्देश दिए. साथ ही जिन विभागों के कार्य पूरे नहीं हैं उन्हें समिति की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिए गए. असि नदी को पुनर्जीवित करने और प्रदूषण मुक्त करने के पूर्व निर्देश पर अमल न किये जाने पर नाराज हुए और घरों के सीवर से नदी में सीधे गंदगी डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

वाराणसीः डीएम कौशलराज शर्मा ने गुरुवार को कैम्प कार्यालय पर पर्यावरण समिति की बैठक की. इस दौरान उन्होंने कूड़ा निस्तारण की खराब प्रगति पर नाराजगी जताते हुए नदियों में जल प्रदूषण को कड़ाई से रोकने पर जोर दिया. नदियों के किनारे पड़ने वाले गांवों के सफाई कर्मचारियों के कार्यशैली पर पूछा कि ये क्या करते हैं. इसी के साथ एफपीओ बनाकर जागरूकता फैलाने और नदी के तटों पर आर्गेनिक खेती करने के बारे में किसानों को जानकारी देने पर जोर दिया.

कूड़ा निस्तारण न कराने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने सभी सरकारी कार्यालयों और उनके परिसरों में कूड़ा निस्तारण न कराने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए. इसके अलावा मार्केट प्लेस, कामर्शियल काम्प्लेक्स, कॉलोनियों आदि जगहों पर उठान और निस्तारण सुनिश्चित करने पर जोर दिया. डीएम ने कहा कि उद्यमियों, प्रबुद्ध जनों और क्षेत्र के प्रभावी लोगों की बैठक कर जागरुक करने और न मानने पर जुर्माने की कार्रवाई के बारे में बताया जाय. समिति के सामने कस्टम ऑफिस और इनकम टैक्स ऑफिस के भवनों में पानी के दुरुपयोग की जानकारी पर 1 सप्ताह में रोक लगाने की नोटिस देने का निर्देश दिया, न मानने पर जुर्माना लगाने के भी निर्देश दिए.

विरोध करने वालों पर एफआईआर
रामनगर क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट लगाने का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश देते हुए कहा कि 1 सप्ताह में कार्य शुरू कराएं. वहीं जिलाधिकारी ने कैंट क्षेत्र में सफाई की स्थिति पर नाराजगी जताई और भवन निर्माण स्थलों पर ग्रीन नेट से कवर करने का निर्देश दिए.

अधिकारियों को निर्देश
डीएम ने अधिकारियों से कहा कि सरकारी और गैर सरकारी निर्माण साइट पर ग्रीन नेट अवश्य लगाई जाए. जहां पर इसका पालन नहीं होगा संबंधित के खिलाफ जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाए. वहीं उन्होंने गंगा प्रदूषण इकाई के अभियंता के अनुपस्थित होने पर वेतन रोकने के निर्देश दिए. साथ ही जिन विभागों के कार्य पूरे नहीं हैं उन्हें समिति की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिए गए. असि नदी को पुनर्जीवित करने और प्रदूषण मुक्त करने के पूर्व निर्देश पर अमल न किये जाने पर नाराज हुए और घरों के सीवर से नदी में सीधे गंदगी डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

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