वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 'स्वामित्व योजना' का शुभारंभ किया, जिसके अंतर्गत तैयार किए गए प्रॉपर्टी कार्ड का वितरण किया. वहीं कार्यक्रम को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, जनपद के राजस्व विभाग एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ वेबलिंक पर देखा गया.
डीएम कौशलराज शर्मा ने कहा कि 'प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना' के तहत प्रधानमंत्री के कर कमलों से उन्हीं लोगों को घरौनी का वितरण किया जा रहा हैं, जिन गांवों में ये कार्य हुए थे. वाराणसी के नौ गांवों का इस योजना के तहत चयन हुआ, जिसमें 3 महीने कार्य चला.
डीएम ने कहा कि पहले भारत में ये योजना लागू ही नहीं थी. गांवो में आबादी की ज़मीन पर जो घर बने होते है उनका स्वामित्व ही उनके पास नहीं होता था. राजस्व के नक्शे में गांवों की बाउंड्री ही केवल चिन्हित होती थी, जिस पर आबादी क्षेत्र लिखा होता था. इस योजना के अंतर्गत वाराणसी को पहले चरण में लिया गया था. अब ये योजना पूरे उत्तर प्रदेश में लागू होनी है, जिसमें 39 जिले शामिल हैं. इसमें दोबारा वाराणसी को लिया गया है. अब आने वाले 6 महीनों में ये वाराणसी के बचे 700 गांवों में की जाएगी.
डीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के मल्टीपल फायदे हैं. इसका सबसे बड़ा लाभ ये है कि अब जीपीएस की मार्किंग के साथ ड्रोन के ज़रिए घरों की बाउंड्री फिक्स हो गई है. घरों की चैहद्दी फिक्स हो गई है, जिससे गांवों के आबादी क्षेत्र में शामिल घरों के लोगों को ये जानकारी होगी कि उनकी कितनी ज़मीन है. इससे आने वाले भविष्य में ज़मीन के जो मामले तहसील दिवस पर आते थे, उसमे कमी आएगी और इसका निकट भविष्य में ही लाभ देखने को मिलने लगेगा.