ETV Bharat / state

कविताओं और नुक्कड़ की चाय संग होती है बनारस में चुनाव पर चर्चा - varanasi news

बनारस हो और बात साहित्य और कविताओं की न हो तो ये अटपटा सा सुनाई देता है. 2019 लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. बनारस के नुक्कड़ों पर चाय की चुस्कियों के साथ लोग राजनीति की चर्चा का आनंद लेते नजर आ रहे हैं.

बनारसी कवि बद्री विशाल की राजनीति पर कविता.
author img

By

Published : Apr 2, 2019, 6:36 AM IST

Updated : Apr 2, 2019, 6:42 AM IST

वाराणसी: बनारसी कवि अपनी व्यंगात्मक कविताओं से इस चुनावी माहौल में राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं. बनारस के जाने माने कवि बद्री विशाल आम शहरी की तरह हर रोज घर से निकल कर अपने साथियों के साथ कुल्हड़ की चाय पीते हुए कविताओं से देश की राजनीति पर अपनी राय दे रहे हैं.

बनारसी कवि

ईटीवी से खास बातचीत करते हुए इस बनारसी कवि के मन से राजनीतिक माहौल पर कई व्यंग निकले. बनारस के लोग राजनीति को कैसे देख रहे हैं इस पर उन्होंने कविता के माध्यम से कवि विशाल ने सरकार पर निशाना साधा तो वहीं सभी नेताओं और देश की राजनीति को प्रभावित करने वाले लोगों को आम घरों में कैसे जोड़ा जाता है ये भी बखूबी बताया.

यह बनारस की रोज की राजनीतिक चर्चा है जो चुनाव में ज्यादा देखने को मिलती है. बनारस के नुक्कड़ों पर बनी चाय की दुकान हमेशा ही गुलजार रहती हैं.

वाराणसी: बनारसी कवि अपनी व्यंगात्मक कविताओं से इस चुनावी माहौल में राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं. बनारस के जाने माने कवि बद्री विशाल आम शहरी की तरह हर रोज घर से निकल कर अपने साथियों के साथ कुल्हड़ की चाय पीते हुए कविताओं से देश की राजनीति पर अपनी राय दे रहे हैं.

बनारसी कवि

ईटीवी से खास बातचीत करते हुए इस बनारसी कवि के मन से राजनीतिक माहौल पर कई व्यंग निकले. बनारस के लोग राजनीति को कैसे देख रहे हैं इस पर उन्होंने कविता के माध्यम से कवि विशाल ने सरकार पर निशाना साधा तो वहीं सभी नेताओं और देश की राजनीति को प्रभावित करने वाले लोगों को आम घरों में कैसे जोड़ा जाता है ये भी बखूबी बताया.

यह बनारस की रोज की राजनीतिक चर्चा है जो चुनाव में ज्यादा देखने को मिलती है. बनारस के नुक्कड़ों पर बनी चाय की दुकान हमेशा ही गुलजार रहती हैं.

Intro:वाराणसी। बनारस हो और बात साहित्य और कविताओं की ना हो ये अटपटा से सुनाई देता है। 2019 वे लोक सभा चुनाव में अब ज़्यादा समय नही बचा है और बनारसी चुनावी चर्चा भी अब पूरा रूप ले चुकी है। बनारस के चाय के नुक्कड़ पर आपको चुस्कियों के साथ ही काशी वासी राजनीति की बातों का आनंद लेते मिल जाएंगे और जिस तरह की व्यंगात्मक बातें यहां हो जाती हैं वो भले ही गर्मागर्मी का माहौल न बनाए पर देश की राजनीति पर काफी गहरा प्रभाव डालती हैं।


Body:VO1: बनारस के जाने माने कवि हैं बद्री विशाल। पुराने बनारसी ओर काशीवासियों के अंदाज़ से रूबरू बद्री विशाल भी उसी आम शहरवासी की तरह हैं जो अपने अपने घरों से निकल कर रोज़ शाम को हंसते हुए एक दूसरे से मिलते जुलते हैं और कुल्हड़ की चाय के बीच हल्की फुल्की बातों और कविताओं के बीच बयान की जाती है देश की राजनीति को ले कर अपनी राय। ईटीवी से खास बातचीत करते हुए इस बनारसी कवि के मन से काफी राजनीतिक माहौल पर व्यंग निकले। बनारस के लोग राजनीति को कैसे देख रहे हैं इस पर कविता बोलते हुए जहां एक तरफ विशाल साहब ने सरकार पर निशाना लगाया तो वही सभी नेताओं और देश की राजनीति को प्रभावित करने वाले लोगों को आम घरों में कैसे जोड़ा जाता है ये भी बखूबी बताया। चाय के कुल्हड़ चलते जा रहे थे और काशी के पहले नाम आनंद कानन से ले कर बनारस ओर फिर इस शहर को क्योटो बनाने के पूरे राजनीतिक सफर को शब्दों में पिरोया जा रहा था।

बाइट: बद्री विशाल, बनारसी कवि


Conclusion:VO2: ये बनारस की रोज़ की राजनीतिक चर्चा है जो चुनाव में थोड़ी ज़्यादा देखने को मिल जाएगी। बनारस के नुक्कड़ों पर बानी चाय की दुकान हमेशा ही गुलज़ार रहती हैं यहां के कवियों और ऐसे ही जानकार लोगों से जो यूँ ही बस अपना मन हल्का करने आजाते हैं अपने ही जैसे कुछ लोगों से मिलने जुलने ओर बात हो जाती है देश के कई बड़े मुद्दों को ले कर।


Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236
Last Updated : Apr 2, 2019, 6:42 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.