वाराणसी: अतुल करवाल (भा.पु.से.) महानिदेशक, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, 11 वीं वाहिनी वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यहां उन्होंने वाराणसी की तैयारियों का विस्तृत जायजा लिया. साथ ही घाटों पर एनडीआरएफ की तैयारियों का निरीक्षण भी किया. आज डूबते हुए लोगों और घायलों के उपचार में संजीवनी बनने वाली वाटर एम्बुलेंस का भी उन्होंने निरीक्षण किया. वहीं, महानिदेशक अतुल करवाल दशाश्वमेध घाट पर तैनात एनडीआरएफ रेस्क्यूअर्स से रूबरू हुए.
दशाश्वमेध घाट पर एनडीआरएफ के सुप्रशिक्षित गोताखोर और बचाव दल आधुनिक उपकरणों के साथ तैनात रहता है. ताकि घाटों पर प्रतिदिन आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. अतुल करवाल महानिदेशक, एनडीआरएफ दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा आयोजित राष्ट्र के वीर योद्धाओं की स्मृति में आकाशदीप प्रज्जवलन और मां गंगा आरती में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने उपस्थित महानुभाव, दर्शनाभिलाषी पर्यटकों और काशी के लोगों का आभार व्यक्त किया.
इसे भी पढ़े-काशी में देव दीपावली से पहले होगा गंगा महोत्सव का आगाज, 3 देश के प्रसिद्ध कलाकार बांधेंगे समां
महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि किसी भी आपात स्थिति में एनडीआरएफ हमेशा आपके साथ एक भरोसेमंद साथी के रूप में सैदव मुस्तैद रहेगी. वहीं, महानिदेशक एनडीआरएफ के द्वारा वाहिनी मुख्यालय के परिसर और साहुपुरी चंदौली स्थित एनडीआरएफ कैंप का भी भ्रमण किया जाएगा. आपदा बचाव के उपकरणों, जवानों के प्रशिक्षण और तैयारियों का जायजा लिया जायेगा. साहुपुरी चंदौली स्थित एनडीआरएफ कैंप में स्मृति स्वरूप पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण किया जाएगा. साथ ही समस्त कार्मिकों के लिए सैनिक सम्मलेन का भी आयोजन किया जाना है.जहां वे सभी जवानों से रूबरू होंगे.
इस संबंध में बात करते हुए मनोज कुमार शर्मा, उप महानिरीक्षक ने बताया कि महानिदेशक के मार्गदर्शन में एनडीआरएफ के बचावकर्मी आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में देश एवं विदेश में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. बाढ़, भूकंप, सुनामी, चक्रवात जैसे प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं, रेल हादसे, सीबीआरएन आदि आपदाओं में जन मानस की सेवा में अग्रसर हैं. दौरे का उद्देश्य एनडीआरएफ वाराणसी की आपदाओं को लेकर तैयारी का जायजा लेना और जवानों में नई उर्जा और उत्साह का संचार करना है.जिससे हर एक बचावकर्मी कठिन से कठिन आपदाओं में सहज रहकर आम जन की समर्पित भाव से सेवा कर सके.
यह भी पढ़े-देश के कई जिलों से 1200 से अधिक आदिवासी पहुंचे वाराणसी, काशी विश्वनाथ धाम में की पूजा-अर्चना