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देव दीपावली: गंगा तट पर बही गायन, वादन और नृत्य का संगम - dev deepawali celebrated in varanasi

धर्म एवं अध्यात्म की नगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां गंगा के तट पर आयोजित देव दीपावली पर्व पर काशी के सभी 84 घाटों को लाखों दीपकों से सजाया गया. इस दौरान देश के कोने-कोने से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी.

गंगा तट पर बही गायन, वादन, नृत्य का संगम
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Published : Nov 13, 2019, 10:25 AM IST

वाराणसी: धर्म एवं अध्यात्म की नगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां गंगा के तट पर आयोजित देव दीपावली पर्व पर काशी के सभी 84 घाटों को लाखों दीपकों से सजाया गया. मां गंगा के तट पर होने वाली दीपावली के आयोजन को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा. देव दीपावली के इस अनोखे महापर्व को सभी श्रद्धालु और पर्यटक अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करते हुए नजर आए.

84 घाटों को लाखों दीपकों से सजाया गया.
घाटों को बेहद सुंदरता से लाइट और दीपों से सजाया गया. साथ ही प्रसिद्ध तुलसी घाट, जहां पर गोस्वामी तुलसीदास जी ने राम चरित्र मानस की कुछ पंक्तियों की रचना की थी. उसे भी बड़े ही सुंदर तरीके से सजाया गया था. कहीं कबीर के दोहे तो कहीं श्री रामचरित मानस का पाठ किया गया. देश के कोने-कोने से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी और मां गंगा के दरबार में हाजिरी लगाई. यही क्रम देर रात तक चला, कहीं नृत्य तो कहीं गायन के माध्यम से कलाकारों ने अपनी कला की प्रस्तुति दी.

ये भी पढ़ें- देव दीपावली: दशाश्वमेध घाट पर दिखी दीपों की अलौकिक छटा, गंगा आरती में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

श्रद्धालु निशा ने बताया कि उन्हें देव दीपावली का बहुत इंतजार रहता है, क्योंकि लाइटिंग उनकों बहुत अच्छी लगती है. एक घाट से दूसरे घाट पर जाना अच्छा लगता है. लोग एक-दूसरे से मिलते हैं. ऐसा नजारा आपको पूरे विश्व में केवल बनारस में ही देखने को मिलेगा.

वाराणसी: धर्म एवं अध्यात्म की नगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां गंगा के तट पर आयोजित देव दीपावली पर्व पर काशी के सभी 84 घाटों को लाखों दीपकों से सजाया गया. मां गंगा के तट पर होने वाली दीपावली के आयोजन को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा. देव दीपावली के इस अनोखे महापर्व को सभी श्रद्धालु और पर्यटक अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करते हुए नजर आए.

84 घाटों को लाखों दीपकों से सजाया गया.
घाटों को बेहद सुंदरता से लाइट और दीपों से सजाया गया. साथ ही प्रसिद्ध तुलसी घाट, जहां पर गोस्वामी तुलसीदास जी ने राम चरित्र मानस की कुछ पंक्तियों की रचना की थी. उसे भी बड़े ही सुंदर तरीके से सजाया गया था. कहीं कबीर के दोहे तो कहीं श्री रामचरित मानस का पाठ किया गया. देश के कोने-कोने से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी और मां गंगा के दरबार में हाजिरी लगाई. यही क्रम देर रात तक चला, कहीं नृत्य तो कहीं गायन के माध्यम से कलाकारों ने अपनी कला की प्रस्तुति दी.

ये भी पढ़ें- देव दीपावली: दशाश्वमेध घाट पर दिखी दीपों की अलौकिक छटा, गंगा आरती में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

श्रद्धालु निशा ने बताया कि उन्हें देव दीपावली का बहुत इंतजार रहता है, क्योंकि लाइटिंग उनकों बहुत अच्छी लगती है. एक घाट से दूसरे घाट पर जाना अच्छा लगता है. लोग एक-दूसरे से मिलते हैं. ऐसा नजारा आपको पूरे विश्व में केवल बनारस में ही देखने को मिलेगा.

Intro:धर्म एवं अध्यात्म की नगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां गंगा के तट पर आयोजित देव दीपावली एवं तरीके से मनाया गया काशी के सभी 84 घाटों पर लाखों से सजाया गया। मां गंगा के तट पर होने वाली दीपावली के आयोजन को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम आया देव दीपावली के इस महापर्व पर सभी श्रद्धालु और पर्यटक अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करते हुए नजर आए।


Body:84 घाटों को बेहद सुंदर सा से लाइट और दीपों से सजाया गया तो वही प्रसिद्ध तुलसी घाट जहां पर गोस्वामी तुलसीदास जी ने राम चरित्र मानस की कुछ पंक्तियों की रचना की थी। वहीं पर गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिला एक तरफ भारत माता की जय तो दूसरी तरफ हर हर महादेव के उद्घोष से तुलसी घाट गुज उठा। कई कबीर के दोहे तो कहीं श्रीरामचरित मानस के पाठ किया। देश के कोने कोने से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी और मां गंगा के दरबार में हाजिरी लगाया। यही क्रम देर रात तक चलता रहा कहीं। वादन कहीं। नित्य तो कहीं स्वर के माध्यम से कलाकारों ने अपनी कला की प्रस्तुति किया।


Conclusion:निशा ने बताया हमें देवदीपावली का बहुत इंतजार रहता है। हम वर्ष का इंतजार करते हैं। क्योंकि लाइटिंग बहुत अच्छा लगता है। एक घाट दूसरे घाट पर जाना अच्छा लगता है। लोग एक दूसरे से मिलते हैं। हम घाटों को दीपों से सजाते हैं। जो कि आज के दिन हमारी दीपावली नहीं बल्कि देव दीपावली होती है। और ऐसा नजारा आपको पूरे विश्व में केवल बनारस में ही देखने को मिलेगा।

बाईट :-- निशा,छात्रा

अशुतोष उपाध्याय
9005099684
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