वाराणसी. करोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा है. वहीं एक वर्ग ऐसा भी है जिसके व्यापार में इसका फायदा पहुंचा है. हम किसी दवा कारोबारी या किसी चिकित्सक की बात नहीं कर रहे, उन कुम्हारों की जिनके चक्के की स्पीड पर आधुनिक फ्रिज ने ब्रेक लगा दिया था. गर्मी बढ़ने के साथ एक बार फिर से गगरी, सुराही और घड़े के डिमांड बढ़ गई है.
वहीं, कुम्हार भी इस बार बाजारों में अलग-अलग तरह के डिजाइनर घड़ों को तैयार कर रहे हैं जो लोगों को खासा आकर्षित कर रहे हैं. दरअसल, इस बाजार में लोगों की डिमांड कोरोना के कारण बढ़ी है. कोरोना काल में फ्रिज का ठंडा पानी पीने से लोगों ने परहेज किया और पारंपरिक देशी जुगाड़ का लाभ लिया है. ऐसे में मिट्टी से बने तमाम साधन जो पानी को शीतलता प्रदान करते हैं, उन्हें खरीदने के लिए लोग कुम्हारों के दुकानों पर एकत्रित हो रहे हैं.
लोगों का कहना है कि कोरोना काल से फ्रिज का पानी पीने से हम लोग परहेज कर रहे हैं. फ्रिज का पानी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है. ऐसे में हम लोग मिट्टी के बर्तनों को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं. यही वजह है कि हम मिट्टी का घड़ा खरीदने आए हैं, इसमें पानी ठंडा रहता है. इसके साथ ही सेहत के लिए बेहद लाभदायक रहता है. उसका न कोई साइड इफेक्ट है और न ही किसी तरीके की बीमारी होने की आशंका.
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सादे सुराही की जगह डिजाइनर घड़ों की डिमांड
दुकानदारों का कहना है कि अब लोग सादे सुराही, घड़े को पसंद नहीं कर रहे बल्कि डिजाइनर सुराही, घड़े, गागर व अन्य मिट्टी के बर्तनों को पसंद कर रहे हैं. यही वजह है कि हम लोग अब अलग-अलग डिजाइन के घड़े, मिट्टी के बर्तन वाटर फिल्टर, वाटर बोतल बना रहे हैं. लोग इन बर्तनों को बेहद पसंद भी कर रहे हैं और इसकी खरीदारी भी कर रहे हैं.
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