वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने रविवार को "साइबर सुरक्षा का सामाजिक प्रभाव" विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया. आयोजन में मुख्य अतिथि सीएसआई के चैयरमैन प्रो. एके नायक थे. उन्होंने कहा कि लोगों में साइबर शिक्षा की बहुत जरूरत है. इसके माध्यम से साइबर उपयोग की जानकारी बढ़ेगी तो लोग साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहेंगे. इससे साइबर अपराध पर नियंत्रण भी किया जा सकता है. भारत में डिजिटल लिटरेसी तो बढ़ रही है लेकिन डिजिटल शिक्षा वहीं की वहीं है. शहरी क्षेत्र के साइबर उपयोगकर्ता के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र अभी बहुत पीछे हैं. वक्ताओं ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान 72 प्रतिशत साइबर अटैक भारत में हुआ है. इसके लिए डेटा, डिवाइस, कंप्यूटर आदि का दुरुपयोग होने से बचना होगा.
साइबर थ्रेट और साइबर अटैक तेजी से बढ़ रहे
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन एप्लिकेशन तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसे में साइबर क्राइम की संभावना बढ़ जाती है. इसे रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की आवश्यकता महसूस होने लगी है. प्रो. नायक ने कहा कि साइबर थ्रेट और साइबर अटैक तेजी से बढ़ रहे हैं. इस पर नियंत्रण करना जरूरी है. पूरा विश्व साइबर अपराध से परेशान है. उन्होंने बताया कि साइबर अपराध को रोकने के लिए एकीकृत सूचना, उसकी उचित उपलब्धता और विश्वसनीयता तीनों ही जरूरी है.
साइबर सुरक्षा के पर्याप्त उपाय अभी नहीं
राष्ट्रीय वेबिनार के मुख्य वक्ता केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के प्रो. एससी यादव ने साइबर स्पेस, साइबर अपराध और सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने लोगों को चेताया कि मोबाइल फोन, कंप्यूटर, डेक्सटॉप आदि से इंटरनेट का उपयोग करते समय सतर्कता बरतें. ऐसा नहीं करने पर आप साइबर थ्रेट या अटैक का शिकार हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि विश्व की कुल आबादी के 59 प्रतिशत लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं. मोबाइल फोन से इंटरनेट चलाने वाले 67 प्रतिशत लोग हैं. भारत में लगभग 50 प्रतिशत लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं. भारत में हाल के वर्षों में साइबर अपराध 63 प्रतिशत बढ़ा है. उन्होंने बताया कि आपराधिक गतिविधियां इंटरनेट पर ज्यादा हो रही हैं. हैकिंग, वायरस, धमकी जैसे अपराध इंटरनेट पर बढ़ रहे हैं. साइबर सुरक्षा के पर्याप्त उपाय अभी नहीं है. ऐसे में साइबर उपयोगकर्ता को सजग रहना होगा. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान 72 प्रतिशत साइबर अटैक भारत में हुआ है. इसके लिए डेटा, डिवाइस, कंप्यूटर आदि का दुरुपयोग होने से बचाना होगा.
इंटरनेट उपयोगकर्ता रहें सतर्क
वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि साइबर क्राइम को रोकने के लिए विचार होना चाहिए. अनजाने में एक क्लिक से बड़ा नुकसान हो सकता हैं. इंटरनेट पर डेटा और डॉक्यूमेंट की सुरक्षा पर विचार करने की आवश्यकता है. साथ ही साइबर उपयोगकर्ता को भी सतर्क रहना होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि कभी कभी साइबर उपयोग से दूरी भी बना लेनी चाहिए, ताकि पीछा करने वाले को मौका न मिले. इंटरनेट पर केवल आवश्यक सूचनाओं का ही आदान-प्रदान करना चाहिए. साइबर के अनावश्यक उपयोग से बचना चाहिए.