वाराणसी: जनपद के प्रसिद्ध गंगा महोत्सव के दौरान होने वाली सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की परम्परा इस बार टूट सकती है. अब तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर किसी भी प्रकार तैयारी नहीं की गई है. हर वर्ष की भांति इस बार प्रतियोगिताओं के होने पर संशय बना हुआ है. लगभग 12 वर्षों से इन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है.
2008 से शुरू हुई थी सांस्कृतिक प्रतियोगिता
बच्चों के सामाजिक विकास और बाल कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए गंगा महोत्सव के तहत माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की शुरुआत 2008 से की गई. इसमें चार दिनों तक विविध सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का कार्यक्रम होता है. इसके लिए जनपद के 30-35 विद्यालयों से करीब 150 से अधिक छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करते हैं.
प्रतियोगिता के लिए बनाया जाता है नोडल विद्यालय
सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए सोनारपुरा स्थित सीएम ऐंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज को नोडल विद्यालय बनाया जाता है. इस बार इन प्रतियोगिताओं पर वैश्विक महामारी के बादल मंडरा रहे हैं. फिलहाल अभी जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिली है.
15 दिन पहले से शुरू हो जाती हैं तैयारियां
सीएम ऐंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. विश्वनाथ दुबे के अनुसार सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के लिए 15 दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं. इसके लिए गंगा महोत्सव के दौरान होने वाली इन प्रतियोगिताओं के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई है, ताकि 12 वर्षों की पुरानी परम्परा न टूटे.
इस बार 12 वर्षों की परंपरा टूट जाएगी !
वाराणसी में इस बार गंगा महोत्सव के दौरान होने वाली सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की परम्परा इस बार टूट सकती है. कोरोना वायरस की वजह से इस बार इसके आयोजन की अनुमति अभी नहीं मिली है.
वाराणसी: जनपद के प्रसिद्ध गंगा महोत्सव के दौरान होने वाली सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की परम्परा इस बार टूट सकती है. अब तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर किसी भी प्रकार तैयारी नहीं की गई है. हर वर्ष की भांति इस बार प्रतियोगिताओं के होने पर संशय बना हुआ है. लगभग 12 वर्षों से इन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है.
2008 से शुरू हुई थी सांस्कृतिक प्रतियोगिता
बच्चों के सामाजिक विकास और बाल कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए गंगा महोत्सव के तहत माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की शुरुआत 2008 से की गई. इसमें चार दिनों तक विविध सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का कार्यक्रम होता है. इसके लिए जनपद के 30-35 विद्यालयों से करीब 150 से अधिक छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करते हैं.
प्रतियोगिता के लिए बनाया जाता है नोडल विद्यालय
सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए सोनारपुरा स्थित सीएम ऐंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज को नोडल विद्यालय बनाया जाता है. इस बार इन प्रतियोगिताओं पर वैश्विक महामारी के बादल मंडरा रहे हैं. फिलहाल अभी जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिली है.
15 दिन पहले से शुरू हो जाती हैं तैयारियां
सीएम ऐंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. विश्वनाथ दुबे के अनुसार सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के लिए 15 दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं. इसके लिए गंगा महोत्सव के दौरान होने वाली इन प्रतियोगिताओं के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई है, ताकि 12 वर्षों की पुरानी परम्परा न टूटे.