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वाराणसी: साइबर कैफे पर बनाया जा रहा था ई-टिकट, एक गिरफ्तार - ई टिकट कालाबाजारी

वाराणसी जिले के पिंडरा इलाके में गुरुवार को आरपीएफ टीम ने छापेमारी कर एक दुकान से ई-टिकट की कालाबाजारी का खुलासा किया है. आरपीएफ टीम ने छापेमारी में मौके से 2667 रुपये नगद और दो कंफर्म टिकट भी बरामद किए हैं.

ई टिकट की ब्लैकमार्केटिंग करने वाला गिरफ्तार
ई टिकट की ब्लैकमार्केटिंग करने वाला गिरफ्तार
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Published : Sep 25, 2020, 8:57 AM IST

वाराणसी: जिले में गुरुवार को आरपीएफ की टीम ने पिंडरा इलाके में स्थित एक दुकान में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान पुलिस ने तत्काल टिकट बनाने वाले एक युवक को गिरफ्तार कर उस सॉफ्टवेयर को जब्त किया जिससे ई-टिकट की कालाबाजारी की जाती थी. पुलिस को मौके से 2,667 रुपये नगद और दो कंफर्म टिकट भी मिले हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इसके संचालक की गिरफ्तारी के बाद इससे जुड़े और भी लोगों के सामने आने की आशंका जताई जा रही है.

आरपीएफ के अधिकारियों की माने तो सर्विलांस के जरिए टीम को पिंडरा इलाके की एक दुकान से तत्काल टिकट की कालाबाजारी और गलत तरीके से टिकट बनाए जाने की सूचना मिली थी. इस सूचना पर पुलिस ने इस दुकान में छापेमारी की और मौके से राजेश कुमार चौहान को गिरफ्तार किया. यह दुकान संचालक है और यहां पर टिकट बनाने का काम करने के साथ ही साइबर कैफे चलाता है. जब उसके कंप्यूटर की जांच की गई तो इसमें तत्काल प्लस नाम से एक सॉफ्टवेयर मिला. जिसकी पड़ताल के बाद यह पता चला कि इस सॉफ्टवेयर की मदद से ई-टिकट बनाने का काम किया जाता था. साथ ही पर्सनल आईडी से टिकट क्रिएट किए जाते थे. जबकि रेलवे एक्ट की धाराएं इसकी अनुमति नहीं देती हैं. इसलिए कंप्यूटर को जब्त तक दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया गया है.

बता दें कि इसके पहले भी आरपीएफ ने आजमगढ़ में छापेमारी कर रेड चिल्ली नाम के एक सॉफ्टवेयर से टिकट बनाने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ किया था. इस सिस्टम और इस सॉफ्टवेयर की मदद से दलाल रेलवे की वेबसाइट को हैक कर ई-टिकट आसानी से बुक करते थे.

वाराणसी: जिले में गुरुवार को आरपीएफ की टीम ने पिंडरा इलाके में स्थित एक दुकान में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान पुलिस ने तत्काल टिकट बनाने वाले एक युवक को गिरफ्तार कर उस सॉफ्टवेयर को जब्त किया जिससे ई-टिकट की कालाबाजारी की जाती थी. पुलिस को मौके से 2,667 रुपये नगद और दो कंफर्म टिकट भी मिले हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इसके संचालक की गिरफ्तारी के बाद इससे जुड़े और भी लोगों के सामने आने की आशंका जताई जा रही है.

आरपीएफ के अधिकारियों की माने तो सर्विलांस के जरिए टीम को पिंडरा इलाके की एक दुकान से तत्काल टिकट की कालाबाजारी और गलत तरीके से टिकट बनाए जाने की सूचना मिली थी. इस सूचना पर पुलिस ने इस दुकान में छापेमारी की और मौके से राजेश कुमार चौहान को गिरफ्तार किया. यह दुकान संचालक है और यहां पर टिकट बनाने का काम करने के साथ ही साइबर कैफे चलाता है. जब उसके कंप्यूटर की जांच की गई तो इसमें तत्काल प्लस नाम से एक सॉफ्टवेयर मिला. जिसकी पड़ताल के बाद यह पता चला कि इस सॉफ्टवेयर की मदद से ई-टिकट बनाने का काम किया जाता था. साथ ही पर्सनल आईडी से टिकट क्रिएट किए जाते थे. जबकि रेलवे एक्ट की धाराएं इसकी अनुमति नहीं देती हैं. इसलिए कंप्यूटर को जब्त तक दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया गया है.

बता दें कि इसके पहले भी आरपीएफ ने आजमगढ़ में छापेमारी कर रेड चिल्ली नाम के एक सॉफ्टवेयर से टिकट बनाने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ किया था. इस सिस्टम और इस सॉफ्टवेयर की मदद से दलाल रेलवे की वेबसाइट को हैक कर ई-टिकट आसानी से बुक करते थे.

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