वाराणसी: जिले के चोलापुर थाना क्षेत्र एक डॉक्टर की लापरवाही मामले में 3 साल बाद केस दर्ज हुआ है. पथरी का ऑपरेशन कराने गई एक महिला का डॉक्टर ने बच्चेदानी ही निकाल दी. मामले का खुलासा तब हुआ, जब महिला ने अल्ट्रासाउंड कराया. अल्ट्रासाउंड में महिला के पेट से बच्चेदानी गायब थी. इसके बाद से पीड़िता मामले में कार्रवाई के लिए भागदौड़ कर रही थी. अब कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले में की जांच में जुटी हुई है.
दरअसल, 2020 मार्च में क्षेत्र के बेला गांव के रहने वाले गोविंद मौर्य की पत्नी उषा मौर्या के पेट में तेज दर्द शुरू हुआ था. इसके बाद उन्होंने एक आशा वर्कर, जिसका नाम आशा यादव है, उससे संपर्क किया. आशा के कहने पर उषा ने मोहाव स्थित ओम हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर में एक डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने उषा को तत्काल भर्ती होने को कहा.
उषा का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण तिवारी ने 21 मई 2020 को गाल ब्लाडर की पथरी का ऑपरेशन किया और लगभग 2 साल बाद उषा को पेट में फिर से दर्द शुरू हुआ. इसके बाद गोविंद ने चोलापुर में डायग्नोस्टिक सेंटर में अल्ट्रासाउंड कराया, जिसके बाद उनके होश उड़ गए. पता चला कि उसके गाल ब्लैडर की पथरी का आकार पहले से बड़ा हो चुका है और उसकी बच्चेदानी गायब है. चिकित्सकीय लापरवाही की शिकायत लेकर वो पुलिस के पास पहुंचे. लेकिन, सुनवाई नहीं हुई. 15 मार्च 2023 को उन्होंने ने फिर से डॉक्टर से संपर्क किया और अल्ट्रासाउंड दिखाते हुए शिकायत की. इसके बाद डॉ. प्रवीण भड़क गए और उन्हें जेल भिजवाने और जान से मारने की धमकी देने लगे.
मामले में कोर्ट से शिकायत करने के बाद बुधवार को करीब 3 साल बाद अदालत के आदेश पर आरोपी डॉ. प्रवीण तिवारी और आशा कार्यकर्ता आशा यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. चोलापुर पुलिस ने इस मामले में कहा कि डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता से पूछताछ की जा रही है. रिपोर्ट के आधार पर जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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