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वाराणसी: गो आश्रय स्थल में खत्म हुआ भूसा, भूख से जान गंवा रहे गोवंश

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित गो आश्रय स्थलों में गोवंश अपनी जान गवां रहे हैं. वजह है उनके लिए चारे की व्यवस्था न हो पाना. हाड़ कपाती ठंड में यहां पर गोवंश कई दिनों से भूखे हैं. वहीं इनमें से कुछ गोवंश तो ऐसे भी हैं, जो भूख की वजह से दम तोड़ चुके हैं.

भूख से मर रही गायें.
भूख से मर रही गायें.
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Published : Jan 16, 2021, 1:25 PM IST

वाराणसी: योगी सरकार में निराश्रित गोवंशों को आश्रय देने के लिए गांव-गांव में आश्रय स्थल बनाए जाने का काम शुरू हो गया. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी हर गांव में एक आश्रय स्थल बना कर निराश्रित गोवंशों को जगह देने का काम किया गया.

भूख से मर रही गायें.

आश्चर्य की बात तो यह है कि 4 महीना पहले खुले इस आश्चर्य सेंटर पर 126 गोवंशों की देखभाल इतनी भारी पड़ गई कि बकाए पैसे का भुगतान न हो पाने की वजह से इन्हें दिए जाने वाले भूसे और खली की सप्लाई ही रोक दी गई. सप्लाई रोके जाने के बाद भूख से तड़प रहे गोवंशों ने आश्रय स्थल पर लगे एक सूख चुके पेड़ की छाल को चबाना शुरु कर दिया. इसके बाद गोवंशों की हालत बिगड़ी और उन्होंने दम तोड़ना शुरू कर दिया.

प्रधान ने कहा खत्म हो गया सरकारी पैसा

वाराणसी-बाबतपुर फोरलेन पर रिंग रोड तिराहे के पास वाजिदपुर गांव के गो आश्रय स्थल में पशुओं के मरने का सिलसिला शुरू हो गया है. पशुओं की देख-रेख करने वाले लालचंद ने बताया कि बुधवार सुबह से चारा खत्म है, तभी से पशु भूखे हैं.

वहीं निवर्तमान ग्राम प्रधान लालमन यादव ने कहा कि चारे की दुकान पर एक लाख 40 हजार से अधिक बकाया हो गया है. उन्होंने सरकारी पैसा न मिलने के कारण चारा मंगाने में असमर्थता जाहिर की. बीडीओ ने बात करने पर पहले तो ऐसी बात से इनकार कर दिया लेकिन बाद में खुद स्वीकार किया कि चारा खत्म हो गया था, जल्द ही व्यवस्था की जाएगी.

वाराणसी: योगी सरकार में निराश्रित गोवंशों को आश्रय देने के लिए गांव-गांव में आश्रय स्थल बनाए जाने का काम शुरू हो गया. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी हर गांव में एक आश्रय स्थल बना कर निराश्रित गोवंशों को जगह देने का काम किया गया.

भूख से मर रही गायें.

आश्चर्य की बात तो यह है कि 4 महीना पहले खुले इस आश्चर्य सेंटर पर 126 गोवंशों की देखभाल इतनी भारी पड़ गई कि बकाए पैसे का भुगतान न हो पाने की वजह से इन्हें दिए जाने वाले भूसे और खली की सप्लाई ही रोक दी गई. सप्लाई रोके जाने के बाद भूख से तड़प रहे गोवंशों ने आश्रय स्थल पर लगे एक सूख चुके पेड़ की छाल को चबाना शुरु कर दिया. इसके बाद गोवंशों की हालत बिगड़ी और उन्होंने दम तोड़ना शुरू कर दिया.

प्रधान ने कहा खत्म हो गया सरकारी पैसा

वाराणसी-बाबतपुर फोरलेन पर रिंग रोड तिराहे के पास वाजिदपुर गांव के गो आश्रय स्थल में पशुओं के मरने का सिलसिला शुरू हो गया है. पशुओं की देख-रेख करने वाले लालचंद ने बताया कि बुधवार सुबह से चारा खत्म है, तभी से पशु भूखे हैं.

वहीं निवर्तमान ग्राम प्रधान लालमन यादव ने कहा कि चारे की दुकान पर एक लाख 40 हजार से अधिक बकाया हो गया है. उन्होंने सरकारी पैसा न मिलने के कारण चारा मंगाने में असमर्थता जाहिर की. बीडीओ ने बात करने पर पहले तो ऐसी बात से इनकार कर दिया लेकिन बाद में खुद स्वीकार किया कि चारा खत्म हो गया था, जल्द ही व्यवस्था की जाएगी.

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