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जब ढाई महीने बाद खुलीं दुकानें, बनारसियों ने पहले छानी भांग फिर जमाया पान

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लॉकडाउन की वजह से पान और ठंडाई की दुकानें बंद थीं. लगभग ढाई महीने बाद जब ये दुकानें खुलीं तो यहां के लोगों ने पहले ठंडाई पी और फिर पान खाकर खुशी मनाई.

बनारसियों ने पहले छानी भांग फिर जमाया पान
बनारसियों ने पहले छानी भांग फिर जमाया पान
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Published : Jun 3, 2020, 1:59 PM IST

वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में हुए लॉकडाउन की वजह से सभी दुकानें बंद थी, जिससे लोग परेशान थे. इन दुकानों में बनारसी की पहचान पान के अलावा बनारसी ठंडाई भी शामिल है. जब धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलना शुरू हुआ तो बनारस में ठंडाई और पान की दुकानें भी खुल गई हैं. लगभग ढाई महीने के बाद ठंडाई की दुकानें खुलने से वाराणसी के लोगों ने राहत की सांस ली. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी लोग ठंडाई का इस्तेमाल कर रहे हैं.

बनारसियों ने पहले छानी भांग फिर जमाया पान

पहले पी ठंडाई फिर जमाया पान

वाराणसी का गोदौलिया इलाका कई दिनों से बंद था. यह मदनपुरा के उस इलाके के टच में था, जो लगभग 2 महीने से करोना के मरीजों के मिलने की वजह से रेड जोन में था. लगभग 24 के आसपास मिले कोरोना संक्रमित मरीजों की वजह से इस इलाके के आस-पास के क्षेत्रों को भी रेड जोन घोषित कर दिया गया था. जब लॉकडाउन खुला तो यह एरिया भी ग्रीन जोन में आ गया. जिसके बाद इस क्षेत्र से सटी तमाम दुकानें खुल गईं.

ढाई माह बाद खुली ठंडाई की दुकानों के बाद वाराणसी के लोगों को बड़ी राहत मिली है. बता दें कि वाराणसी में ठंडाई के साथ भांग का खूब सेवन होता है. जैसे ही यह दुकानें खुलींं तो सुबह सुबह ही वाराणसी के लोग अपनी चहेती दुकानों पर पहुंच गए. लोगों ने नींबू के शरबत का सेवन करने से पहले ठंडाई पी और फिर पान जमाकर ढाई महीने बाद बनारसीपन के लौटने की खुशी मनाई.

इम्यूनिटी बढ़ाने का जरिया है ठंडाई

बनारसी ठंडाई के शौकीनों के लिए यह गर्मी से निजात पाने और बनारसीपन को जीवंत रखने का तरीका है. कोरोना के दौर में ठंडाई इम्यूनिटी बढ़ाने का भी जरिया है. ठंडाई बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि यह शीतल पेय काली मिर्च, खरबूजे के बीज, लौंग, इलायची, बादाम, काजू और किशमिश को मिलाकर बनाया जाता है. इन चीजों के मिलने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही गर्मी से भी राहत मिलती है. यही वजह है कि वाराणसी के लोग अब दुकानों के खुलने के बाद कोरोना से लड़ने के लिए ठंडाई का सहारा ले रहे हैं.

वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में हुए लॉकडाउन की वजह से सभी दुकानें बंद थी, जिससे लोग परेशान थे. इन दुकानों में बनारसी की पहचान पान के अलावा बनारसी ठंडाई भी शामिल है. जब धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलना शुरू हुआ तो बनारस में ठंडाई और पान की दुकानें भी खुल गई हैं. लगभग ढाई महीने के बाद ठंडाई की दुकानें खुलने से वाराणसी के लोगों ने राहत की सांस ली. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी लोग ठंडाई का इस्तेमाल कर रहे हैं.

बनारसियों ने पहले छानी भांग फिर जमाया पान

पहले पी ठंडाई फिर जमाया पान

वाराणसी का गोदौलिया इलाका कई दिनों से बंद था. यह मदनपुरा के उस इलाके के टच में था, जो लगभग 2 महीने से करोना के मरीजों के मिलने की वजह से रेड जोन में था. लगभग 24 के आसपास मिले कोरोना संक्रमित मरीजों की वजह से इस इलाके के आस-पास के क्षेत्रों को भी रेड जोन घोषित कर दिया गया था. जब लॉकडाउन खुला तो यह एरिया भी ग्रीन जोन में आ गया. जिसके बाद इस क्षेत्र से सटी तमाम दुकानें खुल गईं.

ढाई माह बाद खुली ठंडाई की दुकानों के बाद वाराणसी के लोगों को बड़ी राहत मिली है. बता दें कि वाराणसी में ठंडाई के साथ भांग का खूब सेवन होता है. जैसे ही यह दुकानें खुलींं तो सुबह सुबह ही वाराणसी के लोग अपनी चहेती दुकानों पर पहुंच गए. लोगों ने नींबू के शरबत का सेवन करने से पहले ठंडाई पी और फिर पान जमाकर ढाई महीने बाद बनारसीपन के लौटने की खुशी मनाई.

इम्यूनिटी बढ़ाने का जरिया है ठंडाई

बनारसी ठंडाई के शौकीनों के लिए यह गर्मी से निजात पाने और बनारसीपन को जीवंत रखने का तरीका है. कोरोना के दौर में ठंडाई इम्यूनिटी बढ़ाने का भी जरिया है. ठंडाई बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि यह शीतल पेय काली मिर्च, खरबूजे के बीज, लौंग, इलायची, बादाम, काजू और किशमिश को मिलाकर बनाया जाता है. इन चीजों के मिलने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही गर्मी से भी राहत मिलती है. यही वजह है कि वाराणसी के लोग अब दुकानों के खुलने के बाद कोरोना से लड़ने के लिए ठंडाई का सहारा ले रहे हैं.

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