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बनारस में बनकर तैयार हुआ देश का सबसे चौड़ा फुट ओवर ब्रिज, जानें क्या है इसकी खासियत

वाराणसी में देश का सबसे बड़ा फुट ओवर ब्रिज बनकर (Varanasi largest foot over bridge) तैयार हो गया है. लगभग 30 साल बाद वाराणसी जंक्शन नए कलेवर में नजर आने जा रहा है. जानिए क्या है इस ब्रिज की खासियत.

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वाराणसी का सबसे बड़ा फुट ओवर ब्रिज
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 7, 2023, 8:39 PM IST

डीआरम लखनऊ मनीष थपल्याल ने दी जानकारी

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भारतीय रेलवे ने कमाल कर दिखाया है. वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर देश का सबसे बड़ा फुट ओवर ब्रिज बनकर तैयार हो गया है. इतना ही नहीं इस फुट ओवर ब्रिज के साथ रेलवे स्टेशन पर मौजूद थर्ड आरोबी को सबसे चौड़ा बनाया गया है. भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कैंट रेलवे स्टेशन का कायाकल्प कर रहा है. करीब 568 करोड़ की लागत से वार्ड की रीमॉडलिंग की गई है. इस दौरान स्टेशन पर प्लेटफॉर्म्स की संख्या को भी बढ़ाया गया है. करीब 30 साल बाद वाराणसी कैंट स्टेशन की तस्वीर बदल चुकी है.

30 साल बाद वाराणसी जंक्शन नए कलेवर में: लगभग 30 साल बाद वाराणसी जंक्शन नए कलेवर में नजर आने जा रहा है. वह भी अपने निर्धारित समय से 12 घंटे पहले. बता दें कि 1 सितम्बर को रेलवे ने इस स्टेशन के रिमॉडलिंग का अभियान शुरू किया था. विभाग ने इस काम के लिए 45 दिन का लक्ष्य निर्धारित किया था. इसी दौरान फुटओवर ब्रिज का भी निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जोकि देश का सबसे बड़ा फुटओवर ब्रिज है.

ओवर ब्रिज की चौड़ाई 10 मीटर और लंबाई 144 मीटर: डीआरएम लखनऊ मनीष थपल्याल ने बताया, 'वाराणसी कैंट स्टेशन पर एक नया एफओबी बना है, जिसे एफओबी-3 के नाम से जानते हैं. यह 10 मीटर चौड़ा और करीब 144 मीटर लंबा है. इसमें लिफ्ट हैं, एस्केलेटर्स हैं. प्लेटफॉर्म्स के लिए 8 लिफ्ट हैं और 11 एस्केलेटर हैं. आने वाले समय में बाकी जगहों पर भी 10 मीटर से भी चौड़े प्लेटफॉर्म बनेंगे. आज की तारीख में 10 मीटर का एफओबी सबसे बड़ा है. यह वाराणसी के लिए गौरव की बात है.' बता दें कि लगभग 45 दिन चले रीमॉडलिंग के बाद स्टेशन पहले से बेहतर और अधिक सुविधाजनक हो गया है.

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वाराणसी फुट ओवर ब्रिज की खासियत
रीमॉडलिंग में किया गया स्टेशन का कायाकल्प: मनीष थपल्याल ने यह भी बताया, 'वाराणसी कैंट स्टेशन पर यात्रियों को 11 और 12 नंबर प्लेटफॉर्म की सुविधा मिल रही है. पहले स्टेशन पर 9 प्लेटफॉर्म थे. इसके साथ ही 3 नए फुट ओवरब्रिज का भी निर्माण किया गया है. वहीं 38 किलोमीटर का नया ट्रैक बिछाया गया है. हमारी टीम ने इसे लेकर काफी बड़े स्तर पर प्लानिंग की थी. खूब डिटेल में उस पर स्टडी की और इस काम को टीम ने 45 दिन में पूरा किया. मनीष थपल्याल ने रीमॉडलिंग से लेकर फुटओवर ब्रिज के निर्माण के बारे में बातचीत की.

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568 करोड़ रुपये की लागत से 150 परियोजनाओं पर काम: रेलवे अधिकारी ने बताया, 'यह स्टेशन यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस हो चुका है. 568 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में 150 परियोजनाओं पर काम किया गया है. बनारस में ऐसी समस्या थी कि कई ट्रेनें प्लेटफॉर्म न मिलने के कारण आउटसाइड में जाकर रुकती थीं. इस समस्या को खत्म करने के लिए यार्ड रीमॉडलिंग का काम किया गया. पहले तीन प्लेटफॉर्म पर फुल लेंथ की गाड़ियां आती थीं. अब 11 गाड़ियां आएंगी. 2 नए प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं. कुछ प्लेटफॉर्म्स को चौड़ा किया गया है, जिससे कि वहां पर लिफ्ट और एक्सकेलेटर्स लगाए जा सकें.' मनीष थपल्याल का कहना है कि यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिल रही हैं.

वाराणसी कैंट बन रहा फ्यूचर रेडी रेलवे स्टेशन: साल 1994 के बाद कैंट स्टेशन के स्वरूप को बदलने का काम किया गया है. स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाने के साथ ही फुट ओवरब्रिज का भी निर्माण किया गया है. इसके साथ ही नई ट्रैक भी बिछाई गई है. रीमॉडलिंग में करीब 38 किलोमीटर का ट्रैक बिछाया गया है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि हमारा उद्देश्य था कि हमारी ऑपरेशनल क्षमता बढ़ाई जा सके. रेलवे ने एक नया एफओबी बनाया, जिसे एफओबी-3 बोलते हैं. यह देश का सबसे बड़ा फुटओवर ब्रिज है. वाराणसी स्टेशन पर यात्रियों के बैठने, शॉपिंग करने और खाने-पीने की सुविधा भी दी जाएगी. रेलवे की एक स्कीम के तहत कई स्टेशनों को मोडिफाई किया जा रहा है. आने वाले 30-40 साल के लिए फ्यूचर रेडी किया जा रहा है. वर्तमान में कैंट स्टेशन पर प्रतिदिन 70 हजार से लेकर एक लाख यात्रियों का आवागमन होता है और यहां से 112 जोड़ी से ज्यादा ट्रेनों का संचालन होता है.



यह भी पढ़े- महानिदेशक एनडीआरएफ अतुल करवाल वाराणसी दौरे पर, राष्ट्र के वीर योद्धाओं की स्मृति में हुआ दीप प्रज्जवलन

डीआरम लखनऊ मनीष थपल्याल ने दी जानकारी

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भारतीय रेलवे ने कमाल कर दिखाया है. वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर देश का सबसे बड़ा फुट ओवर ब्रिज बनकर तैयार हो गया है. इतना ही नहीं इस फुट ओवर ब्रिज के साथ रेलवे स्टेशन पर मौजूद थर्ड आरोबी को सबसे चौड़ा बनाया गया है. भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कैंट रेलवे स्टेशन का कायाकल्प कर रहा है. करीब 568 करोड़ की लागत से वार्ड की रीमॉडलिंग की गई है. इस दौरान स्टेशन पर प्लेटफॉर्म्स की संख्या को भी बढ़ाया गया है. करीब 30 साल बाद वाराणसी कैंट स्टेशन की तस्वीर बदल चुकी है.

30 साल बाद वाराणसी जंक्शन नए कलेवर में: लगभग 30 साल बाद वाराणसी जंक्शन नए कलेवर में नजर आने जा रहा है. वह भी अपने निर्धारित समय से 12 घंटे पहले. बता दें कि 1 सितम्बर को रेलवे ने इस स्टेशन के रिमॉडलिंग का अभियान शुरू किया था. विभाग ने इस काम के लिए 45 दिन का लक्ष्य निर्धारित किया था. इसी दौरान फुटओवर ब्रिज का भी निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जोकि देश का सबसे बड़ा फुटओवर ब्रिज है.

ओवर ब्रिज की चौड़ाई 10 मीटर और लंबाई 144 मीटर: डीआरएम लखनऊ मनीष थपल्याल ने बताया, 'वाराणसी कैंट स्टेशन पर एक नया एफओबी बना है, जिसे एफओबी-3 के नाम से जानते हैं. यह 10 मीटर चौड़ा और करीब 144 मीटर लंबा है. इसमें लिफ्ट हैं, एस्केलेटर्स हैं. प्लेटफॉर्म्स के लिए 8 लिफ्ट हैं और 11 एस्केलेटर हैं. आने वाले समय में बाकी जगहों पर भी 10 मीटर से भी चौड़े प्लेटफॉर्म बनेंगे. आज की तारीख में 10 मीटर का एफओबी सबसे बड़ा है. यह वाराणसी के लिए गौरव की बात है.' बता दें कि लगभग 45 दिन चले रीमॉडलिंग के बाद स्टेशन पहले से बेहतर और अधिक सुविधाजनक हो गया है.

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वाराणसी फुट ओवर ब्रिज की खासियत
रीमॉडलिंग में किया गया स्टेशन का कायाकल्प: मनीष थपल्याल ने यह भी बताया, 'वाराणसी कैंट स्टेशन पर यात्रियों को 11 और 12 नंबर प्लेटफॉर्म की सुविधा मिल रही है. पहले स्टेशन पर 9 प्लेटफॉर्म थे. इसके साथ ही 3 नए फुट ओवरब्रिज का भी निर्माण किया गया है. वहीं 38 किलोमीटर का नया ट्रैक बिछाया गया है. हमारी टीम ने इसे लेकर काफी बड़े स्तर पर प्लानिंग की थी. खूब डिटेल में उस पर स्टडी की और इस काम को टीम ने 45 दिन में पूरा किया. मनीष थपल्याल ने रीमॉडलिंग से लेकर फुटओवर ब्रिज के निर्माण के बारे में बातचीत की.

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568 करोड़ रुपये की लागत से 150 परियोजनाओं पर काम: रेलवे अधिकारी ने बताया, 'यह स्टेशन यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस हो चुका है. 568 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में 150 परियोजनाओं पर काम किया गया है. बनारस में ऐसी समस्या थी कि कई ट्रेनें प्लेटफॉर्म न मिलने के कारण आउटसाइड में जाकर रुकती थीं. इस समस्या को खत्म करने के लिए यार्ड रीमॉडलिंग का काम किया गया. पहले तीन प्लेटफॉर्म पर फुल लेंथ की गाड़ियां आती थीं. अब 11 गाड़ियां आएंगी. 2 नए प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं. कुछ प्लेटफॉर्म्स को चौड़ा किया गया है, जिससे कि वहां पर लिफ्ट और एक्सकेलेटर्स लगाए जा सकें.' मनीष थपल्याल का कहना है कि यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिल रही हैं.

वाराणसी कैंट बन रहा फ्यूचर रेडी रेलवे स्टेशन: साल 1994 के बाद कैंट स्टेशन के स्वरूप को बदलने का काम किया गया है. स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ाने के साथ ही फुट ओवरब्रिज का भी निर्माण किया गया है. इसके साथ ही नई ट्रैक भी बिछाई गई है. रीमॉडलिंग में करीब 38 किलोमीटर का ट्रैक बिछाया गया है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि हमारा उद्देश्य था कि हमारी ऑपरेशनल क्षमता बढ़ाई जा सके. रेलवे ने एक नया एफओबी बनाया, जिसे एफओबी-3 बोलते हैं. यह देश का सबसे बड़ा फुटओवर ब्रिज है. वाराणसी स्टेशन पर यात्रियों के बैठने, शॉपिंग करने और खाने-पीने की सुविधा भी दी जाएगी. रेलवे की एक स्कीम के तहत कई स्टेशनों को मोडिफाई किया जा रहा है. आने वाले 30-40 साल के लिए फ्यूचर रेडी किया जा रहा है. वर्तमान में कैंट स्टेशन पर प्रतिदिन 70 हजार से लेकर एक लाख यात्रियों का आवागमन होता है और यहां से 112 जोड़ी से ज्यादा ट्रेनों का संचालन होता है.



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