वाराणसी: देश इन दिनों कोरोना महामारी का दंश झेल रहा है. इस कठिन दौर में सबसे ज्यादा अहम भूमिका डॉक्टर, पुलिसकर्मी और सफाईकर्मी निभा रहे हैं. ये कोरोना वारियर्स लोगों की सुरक्षा के लिए घरों से बाहर रहकर ड्यूटी कर रहे हैं. आलम तो यह है कि ये लोग अपने घर भी नहीं जा पा रहे हैं, लेकिन घर की समस्याओं का समाधान मोबाइल पर वीडियो कॉल और फोन पर बातचीत के जरिए कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने इन कोरोना वारियर्स से ये जानने की कोशिश की कि कैसे ये लोग इस कठिन दौर में अपने परिवार के साथ जुड़े हुए हैं. पढ़ें ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट...
वाराणसी में कोविड-19 मरीजों का इलाज करने के लिए जिला और मंडलीय अस्पताल के डॉक्टर दिन-रात लगे हुए हैं. इन डॉक्टरों के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है. इनको कोरोना मरीजों के अलावा अन्य बीमारियों के मरीजों का भी इलाज करना है. इसकी वजह से जाने-अनजाने इनके भी कोरोना वायरस के संक्रमित होने का खतरा लगातार बना हुआ है. यही वजह है कि एक तरफ अस्पताल में सुरक्षित तरीके से लोगों का इलाज तो कर ही रहे हैं, वहीं खाली होने के बाद वह अपने घर जाने की बजाय अस्पताल के ही किसी कमरे में आराम कर रहे हैं.
ईटीवी भारत ने जाना कोरोना वारियर्स का हाल
ईटीवी भारत ने जब मंडलीय अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टरों से बात की तो उन्होंने बताया कि वह लोग दिन-रात लोगों की सेवा करने के साथ ही परिवार वालों की इच्छाओं को दूर रहकर भी पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.
डिजिटल तरीके से जुड़ते हैं परिजनों के साथ
वहीं पुलिसकर्मी भी तपती दोपहरी में चौराहों पर खड़े होकर बेवजह सड़कों पर घूम रहे लोगों से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों में रुकने की अपील कर रहे हैं, जो नहीं समझ रहा है उसके साथ कड़ी कार्रवाई भी कर रहे हैं. इन सबके बीच पुलिस वाले भी अपनी ड्यूटी को निभाते हुए परिवार के साथ भी संपर्क में रहने की कोशिश कर रहे हैं.
पुलिस वालों का कहना है कि यह मुश्किल दौर है. परिवार वाले समझ रहे हैं कि हम उन्हें समय नहीं दे पाएंगे. यदि देंगे तो उन लोगों के भी संक्रमण में आने का खतरा होगा. इसलिए घर से दूर रहकर हम डिजिटल तरीके से अपने परिवार से जुड़े हुए हैं, ताकि उन तक हमारी बातें और उनकी बातें हम तक आसानी से पहुंच सकें. हमारी कोशिश यह है कि दूर रहकर भी अपने परिवार से संपर्क में रहें. उनका हौसला बढ़ाते हुए अपने आपको भी कमजोर न होने दें.