वाराणसी: त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है. नवरात्र बीतने के बाद दशहरे का पर्व भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. भक्ति की शक्ति कोविड-19 पर भारी पड़ती दिखाई दी. पूजा पंडालों में लोगों की भीड़ उमड़ी, दशहरे पर भी रावण दहन का आयोजन किया गया. इससे लोगों का जीवन भी सामान्य होता नजर आया. कोरोना के डर से लॉकडाउन के दौरान घरों में कैद हुए लोग अब धीरे-धीरे बाहर निकलने शुरू हो चुके हैं.
दैनिक जीवन पटरी पर लौट रहा है, लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या त्योहारी सीजन में बाजार की रौनक लौटने लगी है? हाल ही में बीते नवरात्र और दशहरे के पर्व ने क्या बाजार को संजीवनी देने का काम किया है? इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने के लिए हम प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना काल के बाद पड़े त्योहारी सीजन में मार्केट की स्थिति जानने निकले. अलग-अलग सेक्टर के दुकानदारों से हमने बातचीत कर जानने की कोशिश की कि क्या बीते साल की तुलना में इस साल नवरात्र और दशहरा फायदे वाला साबित हुआ या फिर कोरोना का असर अब भी बाजार पर देखने को मिल रहा है.
इलेक्ट्रॉनिक बाजार का है बुरा हाल
त्योहारों के सीजन में सबसे ज्यादा यदि किसी चीज की बिक्री होती है तो वह है इलेक्ट्रॉनिक सामान. इनमें टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, मिक्सी और घरेलू इस्तेमाल के वह इलेक्ट्रॉनिक आइटम जो आपके जीवन का हिस्सा बन चुके हैं. एसी से लेकर वॉशिंग मशीन तक अब हर घर में मिल जाएगी. यही वजह है कि लोग अच्छे ऑफर के साथ त्योहारी सीजन का इंतजार करते हैं, ताकि घर में कोई नया प्रोडक्ट भी आए और त्योहार पर लिया गया प्रोडक्ट जीवन भर याद रहे.
हालांकि इस बार हालात वैसे नहीं हैं जिस तरह से हर बार रहते थे. मार्केट में व्यापारियों का कहना है कि कोरोना के असर और ऑनलाइन मार्केट ने बाजार को तोड़ कर रख दिया है. कोरोना के डर से लोग अपने पैसे को बचाकर रखना चाह रहे हैं. लोगों के पास दिक्कतें, परेशानियां बहुत हैं. इसलिए मार्केट में इस बार पिछले साल की तुलना में नवरात्र और दशहरे के पर्व के दौरान 35-40% की गिरावट दर्ज की गई है. आगे क्या होगा यह तो नहीं पता, लेकिन इस बार हालात बेहद खराब हैं.
कपड़े और एसेसरीज मार्केट में नहीं हैं ग्राहक
त्योहारी सीजन में हर कोई नए कपड़े जरूर खरीदना चाहता है, छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक हर कोई नए कपड़े पहन कर पूजा-पाठ से लेकर घूमने फिरने निकलता है. लेकिन इस बार कपड़ा मार्केट भी मायूस दिखाई दे रहा है. कपड़े और एसेसरीज की दुकान चलाने वाले दुकानदारों का कहना है कि मार्केट टूट चुका है. 50% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है और हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं. लोग आ तो रहे हैं, लेकिन कम कीमत पर अच्छी चीजें चाह रहे हैं. लोगों की परचेजिंग कैपेसिटी खत्म हो चुकी है और जो बचा खुचा असर है वह ऑनलाइन मार्केट ने खत्म कर दिया है. कुल मिलाकर बाजार की स्थिति बेहद खराब है. लोग बस क्वेरी करने आ रहे हैं, लेकिन खरीददारी नहीं.
खाली बैठे हैं मोबाइल दुकानदार
आज के समय में मोबाइल आपके और हमारे जीवन का सबसे अभिन्न अंग बन चुका है. यही वजह है कि हर दिन मोबाइल की बिक्री जबरदस्त रहती है, लेकिन इस बार मोबाइल मार्केट भी मायूस दिखाई दे रहा है. नवरात्र और दशहरा के जाने के बाद भी मोबाइल मार्केट में बूम नहीं दिख रहा है. दुकानदारों का कहना है कि 90% मार्केट पिछले साल की तुलना में ठंडा पड़ा हुआ है. 10% ग्राहक आ रहे हैं, लेकिन फिर कीमत पूछकर चले जा रहे हैं. हालात बेहद खराब हैं. सस्ते के चक्कर में ऑनलाइन की तरफ ग्राहक जा रहे हैं, जिसकी वजह से व्यापारियों को दोहरी मार पड़ रही है.
ग्राहकों की बाट जोहते हैं दुकानदार
फिलहाल नवरात्र और दशहरा के जाने के बाद भी बाजार की स्थिति डांवाडोल दिखाई दे रही है. ग्राहकों का इंतजार करते हुए दुकानदारों की आंखें पथरा रही हैं, लेकिन ग्राहक दिखाई नहीं दे रहे हैं. कोरोना काल में मार्केट बिगड़ा हुआ है और ऑनलाइन शॉपिंग ने दुकानदारों की उम्मीदों पर पानी फेर रखा है. कुल मिलाकर इस बार त्योहार दुकानदारों और बाजार के लिए फायदे वाला साबित होता नहीं दिख रहा है. हालांकि उम्मीद है कि दीपावली का पर्व नजदीक है और बीते साल की तुलना में भले ही स्थिति बेहतर न हो, लेकिन निराश करने वाली नहीं होगी और हालात जरूर सुधरेंगे.