वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी अब सरकार बनाने की कवायद शुरू कर चुकी है, लेकिन अभी अन्य राजनीतिक दलों में लगातार इस बात को लेकर मंथन हो रहा है कि आखिर चूक कहां हुई. कई ऐसी सीटें हैं, जहां पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को बंपर जीत मिली तो वहीं कांग्रेस और बसपा जैसी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए. बनारस में कुल 70 प्रत्याशियों में से 46 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है. जिसमें आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी समेत कई प्रत्याशी शामिल हैं.
बात करें कांग्रेस की तो इसके 7 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है. इनमें से अजगरा विधानसभा से 2117 मत पाने वाली हेमा देवी, शहर दक्षिणी से 2166 मत पाने वाली मुदिता कपूर, सेवापुरी से 2974 मत पाने वाली अंजू आनंद सिंह, शहर उत्तरी से 3102 मत पाने वाली गुलेराना तबस्सुम, शिवपुर से 3417 मत पाने वाले गिरीश, रोहनिया से 16785 मत पाने वाले राजेश्वर सिंह पटेल और कैंट से 23807 मत पाने वाले डॉ. राजेश मिश्रा का नाम शामिल हैं.
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वहीं जिले की आठों विधानसभा सीट की बात की जाए तो चुनाव लड़ने वाले 70 प्रत्याशियों में से 46 की जमानत जब्त हुई है. इसमें बहुजन समाज पार्टी से शहर दक्षिणी प्रत्याशी दिनेश कसौधन को 2166 वोट मिले हैं. इसके अलावा सेवापुरी से बहुजन समाज पार्टी के अरविंद कुमार त्रिपाठी, उत्तरी विधानसभा से श्याम प्रकाश समेत कई अन्य की जमानत भी जब्त हुई है.
इसके अलावा पिंडरा विधानसभा से आम आदमी पार्टी प्रत्याशी अमरनाथ, उत्तरी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के डॉ आशीष जायसवाल, दक्षिणी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी प्रत्याशी अजीत सिंह, रोहनिया विधानसभा से आम आदमी प्रत्याशी पल्लवी पटेल समेत कई निर्दलीय प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए.
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