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उद्घाटन के तीन माह बाद भी नहीं बन पाया सामुदायिक शौचालय

वाराणसी जिले के विकास खंड चिरईगांव में सामुदायिक शौचालय का उद्घाटन हुए तीन महीने हो चुके हैं, लेकिन शौचालय को उपयोग में नहीं लाया जा सका है. दरअसल, लाखों की लागत से बना शौचालय का निर्माणकार्य अधूरा पड़ा है.

उद्घाटन के बाद भी उपयोग में नहीं सामुदायिक शौचालय
उद्घाटन के बाद भी उपयोग में नहीं सामुदायिक शौचालय
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Published : Jan 19, 2021, 9:38 PM IST

वाराणसी: जिले के विकास खण्ड चिरईगांव के सथवां गांव में सामुदायिक शौचालय का उद्घाटन हुए तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी इस शौचालय को उपयोग में नहीं लाया जा सका है. 17 सामुदायिक शौचालयों का उद्घाटन 19 अक्टूबर 2020 में ही हो चुका है, लेकिन अभी बहुत शौचालय अधूरे पड़े हैं. कागज पर कुल 76 ग्राम पंचायतों में से 66 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का पूर्ण होना दर्शाया गया है.

उद्घाटन के बाद भी उपयोग में नहीं सामुदायिक शौचालय.
आठ गांव में जमीन न मिलने पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण नहीं हो पा रहा है ओर दो गांवों में अभी अधूरा है. इसके साथ ही गांव में भी बना समुदायिक शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण होना दिखाया गया है, जबकि हकीकत कुछ अलग ही बयां कर रही है. वहीं, शौचालय की दीवारें भी टूटी-फूटी हैं. शौचालय का गड्ढा भी नहीं बना है.ग्रामीणों का कहना है कि यह सामुदायिक शौचालय गांव में सभी के लिए बना है, लेकिन उसमें प्रधान द्वारा मैटेरियल अच्छी क्वालिटी का नहीं लगाया गया है और इसका गड्ढा भी नहीं बना है. सामुदायिक शौचालय की लागत 3 लाख 93 हजार है, लेकिन इसके बावजूद यह शौचालय अभी अधूरा है. केवल बाहर से रंगाई-पुताई का काम पूर्ण हो गया है, लेकिन सामुदायिक शौचालय के अंदर की हालत बिल्कुल विपरीत है. वहीं, मजदूरों का कहना है कि अभी उन्हें मजदूरी तक प्रधान द्वारा नहीं दी गई है.

वाराणसी: जिले के विकास खण्ड चिरईगांव के सथवां गांव में सामुदायिक शौचालय का उद्घाटन हुए तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी इस शौचालय को उपयोग में नहीं लाया जा सका है. 17 सामुदायिक शौचालयों का उद्घाटन 19 अक्टूबर 2020 में ही हो चुका है, लेकिन अभी बहुत शौचालय अधूरे पड़े हैं. कागज पर कुल 76 ग्राम पंचायतों में से 66 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का पूर्ण होना दर्शाया गया है.

उद्घाटन के बाद भी उपयोग में नहीं सामुदायिक शौचालय.
आठ गांव में जमीन न मिलने पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण नहीं हो पा रहा है ओर दो गांवों में अभी अधूरा है. इसके साथ ही गांव में भी बना समुदायिक शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण होना दिखाया गया है, जबकि हकीकत कुछ अलग ही बयां कर रही है. वहीं, शौचालय की दीवारें भी टूटी-फूटी हैं. शौचालय का गड्ढा भी नहीं बना है.ग्रामीणों का कहना है कि यह सामुदायिक शौचालय गांव में सभी के लिए बना है, लेकिन उसमें प्रधान द्वारा मैटेरियल अच्छी क्वालिटी का नहीं लगाया गया है और इसका गड्ढा भी नहीं बना है. सामुदायिक शौचालय की लागत 3 लाख 93 हजार है, लेकिन इसके बावजूद यह शौचालय अभी अधूरा है. केवल बाहर से रंगाई-पुताई का काम पूर्ण हो गया है, लेकिन सामुदायिक शौचालय के अंदर की हालत बिल्कुल विपरीत है. वहीं, मजदूरों का कहना है कि अभी उन्हें मजदूरी तक प्रधान द्वारा नहीं दी गई है.
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