वाराणसी : सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक और पद्मभूषण से सम्मानित बनारस संगीत घराने के पुरोधा पंडित राजन मिश्र का 25 अप्रैल को दिल्ली में निधन हो गया. उनके निधन की खबर से बनारस का संगीत घराना शोक में डूब गया. राजन मिश्र का अंतिम संस्कार विधि विधान से दिल्ली में ही किया गया. शुक्रवार को उनका अस्थि कलश वाराणसी में कबीरचौरा गली स्थित उनके आवास पहुंचा तो परिजनों के करुण क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया.
'राजन मिश्र अमर रहे' के नारे से गूंज उठी गलियां
मिली जानकारी के अनुसार, पद्मभूषण पंडित राजन मिश्र के छोटे पुत्र रजनीश मिश्रा उनका अस्थि कलश लेकर शुक्रवार सुबह कबीरचौरा स्थित आवास पर पहुंचे. इस दौरान पूरी गली 'राजन मिश्र अमर रहे' के नारों से गूंज उठी, जिसके कुछ देर बाद उनका अस्थि कलश पैतृक आवास पर दर्शन के लिए रखा गया. कुछ देर के बाद रजनीश मिश्रा और अन्य परिजन उनका अस्थि कलश लेकर अस्सी घाट के लिए रवाना हो गए, जहां बीच गंगा में अस्थियों का विसर्जन किया गया.
साजन मिश्र की ठीक नहीं है तबीयत
पंडित राजन मिश्र के भांजे राजेश मिश्रा ने बताया कि मामा राजन मिश्र के जाने के बाद छोटे मामा साजन मिश्र की भी तबीयत ठीक नहीं है. इसलिए वो नहीं आये और सिर्फ रजनीश, जो कि राजन मिश्र के छोटे पुत्र हैं, वो अस्थि कलश लेकर आए. राजेश मिश्रा ने बताया कि पंडित राजन मिश्र जी को कोविड था. उसके बाद जब तक उन्हें दवा या उपचार मिलता, तब तक उन्हें कई कार्डियक अरेस्ट आए, जिसके बाद उनका निधन हो गया.
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राजन मिश्र की पौत्री ने बताया कि दादा जी का दिल्ली में निधन हो गया था, जिसके बाद उनका अस्थि कलश वाराणसी लाया गया. यहां अस्सी घाट पर अस्थि कलश को पूजा पाठ करने के बाद विसर्जित कर दिया गया.
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