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बीएचयू में आयोजित हुआ कुलपति सम्मेलन, बढ़ती बेरोजगारी पर हुई चर्चा

वाराणसी के बीएचयू में कुलपतियों का एक सम्मेलन आयोजन किया गया. सम्मेलन में शिक्षा की गुणवत्ता और उच्च शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय करण आदि मुद्दों पर चर्चा की गई. सम्मेलन में देशभर के कुलपति शामिल हो चुके हैं.

बीएचयू कुलपति सम्मेलन
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Published : Jul 21, 2019, 3:24 PM IST

वाराणसी: देश में शिक्षा और उसकी गुणवत्ता को कैसे बढ़ाया जाए, इसके लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कुलपतियों का एक सम्मेलन आयोजन किया गया है, जिसका नाम "कोलेजियम ऑफ वाइस चांसलर रखा गया. वहीं सम्मेलन में देशभर के लगभग पूर्व और वर्तमान कुलपतियों ने शिरकत की.

बीएचयू में आयोजित हुआ कुलपतियों का सम्मेलन.

बीएचयू में आयोजित हुआ सम्मेलन-

  • सम्मेलन का आयोजन स्कूल ऑफ एजुकेशन शिक्षा संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के तहत किया गया.
  • सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के प्रारूप गुणवत्ता निर्धारण और उच्च शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय करण आदि मुद्दों पर चर्चा हुई.
  • सम्मेलन में अब तक 25 कुलपति हो चुके हैं शामिल जिसमें कुछ पूर्व कुलपति भी हैं.

प्रोफेसर साकेत कुशवाहा ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2019 पर चर्चा हो रही है. कुलपति का रोल क्या होना चाहिए. इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए हम लोग यहां इकट्ठे हुए की हमारा कैरीकुलम कैसा है. हमारी लीडरशिप कैसी होनी चाहिए हमारे कैटेम कलकुलम क्या होना चाहिए. हम बच्चों कैसे तक पहुंचाएं कि बच्चों को उसका लाभ मिल सके आजकल प्लेसमेंट की चर्चा बहुत हो रही है.

अक्सर बच्चे डिग्री तो पाए जाते हैं, लेकिन उस डिग्री के बाद और नौकरी की तलाश में भटकते रहते हैं. 100 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं तो उसमें से कुछ बच्चे व्यवसाय करते हैं, और कुछ नौकरी की तलाश करते हैं हमें यह प्रयास करने चाहिए. जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चों को नौकरी मिल सके.
-प्रोफेसर साकेत कुशवाहा, कुलपति, अरुणाचल प्रदेश, यूनिवर्सिटी

वाराणसी: देश में शिक्षा और उसकी गुणवत्ता को कैसे बढ़ाया जाए, इसके लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कुलपतियों का एक सम्मेलन आयोजन किया गया है, जिसका नाम "कोलेजियम ऑफ वाइस चांसलर रखा गया. वहीं सम्मेलन में देशभर के लगभग पूर्व और वर्तमान कुलपतियों ने शिरकत की.

बीएचयू में आयोजित हुआ कुलपतियों का सम्मेलन.

बीएचयू में आयोजित हुआ सम्मेलन-

  • सम्मेलन का आयोजन स्कूल ऑफ एजुकेशन शिक्षा संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के तहत किया गया.
  • सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के प्रारूप गुणवत्ता निर्धारण और उच्च शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय करण आदि मुद्दों पर चर्चा हुई.
  • सम्मेलन में अब तक 25 कुलपति हो चुके हैं शामिल जिसमें कुछ पूर्व कुलपति भी हैं.

प्रोफेसर साकेत कुशवाहा ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2019 पर चर्चा हो रही है. कुलपति का रोल क्या होना चाहिए. इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए हम लोग यहां इकट्ठे हुए की हमारा कैरीकुलम कैसा है. हमारी लीडरशिप कैसी होनी चाहिए हमारे कैटेम कलकुलम क्या होना चाहिए. हम बच्चों कैसे तक पहुंचाएं कि बच्चों को उसका लाभ मिल सके आजकल प्लेसमेंट की चर्चा बहुत हो रही है.

अक्सर बच्चे डिग्री तो पाए जाते हैं, लेकिन उस डिग्री के बाद और नौकरी की तलाश में भटकते रहते हैं. 100 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं तो उसमें से कुछ बच्चे व्यवसाय करते हैं, और कुछ नौकरी की तलाश करते हैं हमें यह प्रयास करने चाहिए. जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चों को नौकरी मिल सके.
-प्रोफेसर साकेत कुशवाहा, कुलपति, अरुणाचल प्रदेश, यूनिवर्सिटी

Intro:देश में शिक्षा और उसकी गुणवत्ता को कैसे बढ़ाया जाए इसके लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कुलपतियों के एक सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसका नाम "कोलेजियम ऑफ वाइस चांसलर है" देशभर के लगभग पूर्व और वर्तमान कुलपति कार्यक्रम किया शिरतक। देश के कोने-कोने से आए केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति ने अपनी बात रखी जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता के साथ ही शिक्षकों की गुणवत्ता पर ध्यान दिया गया।


Body:स्कूल ऑफ एजुकेशन शिक्षा संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक और शिक्षा मिशन के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। सम्मेलन में मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के प्रारूप गुणवत्ता निर्धारण उच्च शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय करण तथा विविधता एवं समावेश आदि मुद्दों पर चर्चा हुआ। क्रम में अब तक 25 कुलपति हो चुके हैं शामिल जिसमें कुछ पूर्व कुलपति भी हैं।


Conclusion:राजीव गांधी अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर साकेत कुशवाहा ने कहा नई शिक्षा नीति 2019 पर चर्चा हो रही है कुलपति का रोल क्या होना चाहिए कई मायनों में यह मुद्दा अहम है प्रधानमंत्री के सूची यूनिवर्सिटी सिस्टम में लागू होने की बात होती है कुलपति के माध्यम से ही होती है। इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए हम लोग यहां इकट्ठे हुए की हमारा कैरीकुलम कैसा है। हमारी लीडरशिप कैसी होनी चाहिए हमारे कैटेम कलकुलम क्या होना चाहिए। हम बच्चे तक पहुंचाएं कि बच्चों को उसका लाभ मिल सके आजकल प्लेसमेंट की चर्चा बहुत हो रही है अक्सर बच्चे डिग्री तो पाए जाते हैं लेकिन उस डिग्री के बाद और नौकरी की तलाश में भटकते रहते हैं अगर नौकरी की बात करते हैं तो हमें नौकरी की बात करनी चाहिए अगर 100 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं तो उसमें से कुछ बच्चे व्यवसाय करते हैं और कुछ नौकरी की तलाश करते हैं हमें यह प्रयास करने चाहिए ज्यादा से ज्यादा बच्चों को नौकरी मिल सके। इन सब बातों को ध्यान देना चाहिए अगर हमने नहीं ध्यान दिया तो आने वाले 5 सालों में बेरोजगारी बड़े की फिर हम एक दूसरे को आरोप-प्रत्यारोप करेंगे। इसलिए देश भर के कुलपति का इकट्ठा हुए हैं और इस पर इस पॉलिसी को कितना बेहतर बनाया जिसके लिए हम या चर्चा कर रहे हैं।

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